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सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
ब्रैम्पटन में खालिस्तान बनाने के लिए प्रदर्शन, कनाडा ने जो बोया वही काट रहा है
कनाडा (Canada) में भारत-विरोधी (Anti-India) खालिस्तानी संगठनों (Khalistani Organization) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर पोषित किया जा रहा है. लेकिन, 'खालिस्तानियों' के मंसूबे भारत में पूरे नहीं हुए तो उन्होंने कनाडा में खालिस्तान बनाना शुरू कर दिया. कनाडा की सरकार से पूछा जाना चाहिए, कैसी रही?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कर रहे पाकिस्तान ने कभी UN के प्रस्ताव पढ़े हैं...?
पाकिस्तान (Pakistan) कश्मीर में जनमत संग्रह (Referendum) कराने की बात के जरिये लगातार भ्रम फैलाता है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने यासीन मलिक (Yasin Malik) के बहाने एक बार फिर से कश्मीर को भड़काने की कोशिश की है. लेकिन, संयुक्त राष्ट्र (UN) के जिन प्रस्तावों की बात पाकिस्तान करता है. क्या उसने कभी इन प्रस्तावों को पढ़ा भी है?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
ममता बनर्जी भी कांग्रेस की तरह बीजेपी की राजनीति में फंस गयीं
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी कांग्रेस (Congress) की तरह लगता है बीजेपी (BJP) की राजनीति में फंस गयी हैं. हिंदू-मुस्लिम वाली राजनीति का इल्जाम लगाने के चक्कर में ममता बनर्जी भूल गयीं कि बीजेपी अब ममता को 'पाकिस्तान की भाषा' बोलने वाली कैटेगरी में पेश कर देगी.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
CAA+NRC पर ममता बनर्जी की मांग वाहियात है, तर्क भले कितने ही वाजिब हों!
देश की संसद में बने नागरिकता कानून को लेकर जनमत संग्रह (CAA-NRC referendum Under UN Supervision) कराने की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की मांग बेहद अजीब है - एक राज्य की चुनी हुई मुख्यमंत्री होते हुए देश के अंदरूनी मामले में किसी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी की दखल की ममता बनर्जी की मांग हैरान करती है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
प्यार पर ज्ञान की 5 बातें सिखा रहा है Brexit
Brexit डील की ये पूरी गाथा हमें एक छोटी सी चीज के बारे में सिखाती है, जिसे प्यार कहते हैं. और क्या होता है जब ये प्यार खत्म होता है. यानी प्यार और ब्रिकअप का थोड़ा ज्ञान ब्रिक्जिट से लिया जा सकता है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
अमित अरोड़ा
@amit.arora.986
...तो खालिस्तानी-ब्रिटिश साथ-साथ क्लीन बोल्ड होंगे
जो देश भारत को तोड़ने वाली शक्तियों को पनाह दे, उन्हें प्रोत्साहित करे, ऐसे देशों के साथ क्रिकेट खेलने की क्या ज़रूरत है? भारत के लिए उसकी अखंडता सर्वोपरि है. यदि ब्रिटेन हमारी अखंडता का सम्मान नहीं कर सकता तो भारत को भी इंग्लैंड की टीम का बहिष्कार कर देना चाहिए.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
क्या एमसीडी के नतीजे अरविंद केजरीवाल के लिए रेफरेंडम माने जाएंगे?
रेफरेंडम, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पसंदीदा कीवर्ड रहा है. पिछले साल ब्रिटेन में चले ब्रेग्जिट मुहिम के बाद केजरीवाल ने दिल्ली में भी रेफरेंडम की मांग की थी और अब...
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
डा. दिलीप अग्निहोत्री
@dileep.agnihotry
समाधान नहीं करते समस्याएं बढ़ाते हैं जनमत-संग्रह
ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह में यूरोपीय यूनियन से बाहर होने के फैसले से ब्रिटेन पर कई तरह के प्रभाव पड़ते दिख रहे हैं और पीएम डेविड कैमरन ने इस्तीफा दे दिया, क्या समस्याएं सुलझाने के बजाय और बढ़ाते हैं जनमत संग्रह?
इकोनॉमी
|
अर्थात्
| 5-मिनट में पढ़ें
अंशुमान तिवारी
@1anshumantiwari
BREXIT: चीन के मिंग इतिहास का नया ब्रिटिश संस्करण
ब्रिटिश नेताओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इतिहास से हम केवल यह सीखते हैं कि इतिहास से हम कुछ नहीं सीखते.