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समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
गोविंद पाटीदार
सीधा सवाल: दंगें, विवाद, और नफ़रत फैलना इन सब का ज़िम्मेदार कौन?
कई बार मैं जब विवाद, दंगे या किसी बयान पर ख़बर लिख रहा होता हूं तो अक्सर दिमाग में यह विचार आता है कि आख़िर इन सबकी ज़रूरत क्या है? एक पत्रकार होने के नाते जब राइट एंगल जानने के लिए, बयान की जरूरत जानने के लिए खुदाई होती है तो पता चलता है...
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Belgium Vs Morocco: बेल्जियम में मोरक्को के शरणार्थियों ने फोड़ा 'बहुसंस्कृतिवाद' का गुब्बारा
फीफा विश्व कप (FIFA World Cup 2022) में मोरक्को ने जैसे ही बेल्जियम (Belgium Vs Morocco) को शिकस्त दी. बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में दंगा (Brussels Riots) भड़क गया. ब्रसेल्स में दर्जनों जगहों पर मोरक्को का झंडा लेकर उमड़ी भीड़ ने जश्न मनाने के नाम पर आगजनी और पथराव किया. बहुसंस्कृतिवाद का बड़ा हिमायती रहा स्वीडन भी ऐसी ही चीजों से जूझ रहा है.
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
अल्लाह ने दुनिया बनाई, फिर अल्लाह ने कानपुर बनाया... अब दंगे को मत रोइये
कानपुर में आज मजमा जुटा था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर में थे. आज ही जुमा भी था. और आज ही दंगा भी. जमकर पत्थर इधर-उधर हुए. कुछ पत्थरों ने सिर-पैर छुए, खून चखा. अब रात हो गई है, तो अमन चैन है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
जहांगीरपुरी बवाल में बांग्लादेशियों के ‘हाथ’ को भी देखिए...
जहांगीरपुरी में हुए बवाल में बांग्लादेशी विस्थापित अवैध रूप से रह रहे मुसलमानों का हाथ अब सबके सामने है. राजधानी में एक अनुमान के मुताबिक, 5 लाख से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं. ये आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं. इन पर लगाम लगाए बगैर राजधानी में स्थायी अमन दूर की संभावना है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
दिल्ली में दंगा होने पर अरविंद केजरीवाल खामोश क्यों हो जाते हैं?
दिल्ली (Delhi) में दो साल बाद दोबारा दंगे (Jahangirpuri Violence) हुए हैं - और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kjriwal) ने फिर से चुप्पी साध ली है. 2020 के हिसाब से देखें तो परिस्थितियां काफी अलग हैं क्योंकि अभी जो हुआ है उसे एमसीडी चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है!
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
1931 में गणेश शंकर विद्यार्थी किस 'सांप्रदायिकता' की भेंट चढ़े थे?
सांप्रदायिक दंगों में पत्रकारिता के मापदंड स्थापित करने वाले गांधीवादी पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी (Ganesh Shankar Vidyarthi) की हत्या कर दी गई थी. विद्यार्थी जी दंगाईयों की 'भीड़' को समझाने अकेले ही आगे बढ़ गए थे. लेकिन, अचानक ही आई एक भीड़ ने गणेश शंकर विद्यार्थी की तेज धार वाले हथियारों से नृशंस हत्या कर दी.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
6 बार निजी हमले करके ममता बनर्जी ने मोदी को ताकत दे दी है!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तरफ से किये गये निजी हमलों का जबाव देते हुए सवाल पूछने लगे हैं - अब अगर ममता और मोदी की लोकप्रियता बराबर है तो टीएमसी को पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal Election 2021) में ये भारी पड़ सकता है.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
रजत सैन
@rajatsain01
Documentary Dahli: दिल्ली दंगों के निशान तलाशे तो सालभर बाद भी आंसू ही आंसू मिले
दिल्ली दंगों को एक साल हो गया है ऐसे में हमारे लिए ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि दंगों के ठीक एक साल बाद दिल्ली के उन स्थानों की हालत कैसी हैं जो पिछले साल नफरत की आग में जल रहे थे और एक दूसरे के खून के प्यासे थे. डॉक्यूमेंट्री 'दहली' देख आप जान सकते हैं कि पीडि़तों की आंखें अब भी नम है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
मशाहिद अब्बास
Bengaluru Riots: हिंसा भड़काने वाले से ज्यादा बुरे हिंसा को अंजाम देने वाले हैं!
आजादी के 75 साल बाद बेंगलुरु (Bengaluru) में लोगों का पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) को लेकर लिखी गयी एक फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) से आहत होना और दंगा (Riots) करना ये बताता है कि लोगों के दिमाग में गंदगी भरी है जिसे अगर कोई साफ कर सकता है तो वो केवल देश का कानून है.