X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
आपका हर फैसला सिर आंखों पर मीलॉर्ड लेकिन बेवजह टिप्पणी कदापि नहीं
बिना किसी संदर्भ के पता नहीं क्यों विद्वान न्यायमूर्ति वन लाइनर टिप्पणी कर बैठे कि मीडिया उनकी ही फाइंडिंग बताने लगा,'...I hope I don't get misquoted, but in the ranking, we are now at 161, in terms of journalistic freedom.'
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
चुनाव आते हैं, मोहब्बत की दुकान के पट बंद हो जाते हैं...
विरोध के लिए खड़गे कैसे आपत्तिजनक शब्दों से विष वमन कर सकते थे? वो तो भला हो बीजेपी के बसंगौड़ा का कि उन्होंने सोनिया जी को टारगेट कर एक प्रकार से टिट फ़ॉर टैट करते हुए मामले को कूल सा कर दिया और बहुत हद तक कांग्रेस के सेल्फ गोल की भरपाई भी कर दी!
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
सावरकर को भाजपा और संघ से ज्यादा पॉपुलर तो खुद राहुल गांधी ने किया है!
अपनी रैलियों में बार बार सावरकर का जिक्र करने वाले राहुल गांधी इस बात को जितना जल्दी समझ जाएं उतना बेहतर है कि, यदि वो सावरकर के नाम का इस्तेमाल सिर्फ तुष्टिकरण के लिए कर रहे हैं, तो इसका इसलिए भी कोई फायदा नहीं है क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग इसे अपने आप से नहीं जोड़ पाता.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
अणु शक्ति सिंह
@anushakti19.singh
स्वाति को भद्दी गालियां देने वाले भी उसके पिता की तरह ही घिनौने अपराधी हैं!
स्वाति को सच क्यों नहीं बोलना चाहिए? क्यों उसे चुप रहना चाहिए? क्यों? उसे भी मालूम होगा कि भारतीय समाज किस तरह पेश आएगा फिर भी सच बोलना उसकी हिम्मत का परिचायक है. हां, इतना जानने के बाद भी आप मुंह छिपा रहे हैं. स्वाति को गालियां दे रहे हैं तो यह ज़रूर है कि आप इस तरह के घिनौने अपराध को बल दे रहे हैं.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
यूपी की सियासत पर अब पूरी तरह काबिज हो गए हैं योगी आदित्यनाथ
आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी ही तीसरी बार जीत के लिए भाजपा का रामबाण बन सकता है. तमाम राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ की हिन्दुत्व और विकास के मॉडल वाली छवि राष्ट्रीय ख्याति हासिल कर रही है. भाजपा के लिए योगी का चेहरा और लोकप्रियता लोकसभा चुनाव जीतने का रामबाण बन सकता है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
गोविंद पाटीदार
सीधा सवाल: दंगें, विवाद, और नफ़रत फैलना इन सब का ज़िम्मेदार कौन?
कई बार मैं जब विवाद, दंगे या किसी बयान पर ख़बर लिख रहा होता हूं तो अक्सर दिमाग में यह विचार आता है कि आख़िर इन सबकी ज़रूरत क्या है? एक पत्रकार होने के नाते जब राइट एंगल जानने के लिए, बयान की जरूरत जानने के लिए खुदाई होती है तो पता चलता है...
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
जहरीली शराब के शिकार लोगों से कैसी सहानुभूति? नीतीश कुमार सही तो कह रहे हैं
बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बयान वायरल हो रहा है. बयान में नीतीश ने कहा है कि शराब पीयोगे तो मरोगे ही. भले ही नीतीश के इस बयान पर नीतीश की आलोचना हो. लेकिन जब हम अस्पताल से आती तस्वीरों को देखें, तो नीतीश कहीं भी गलत दिखाई नहीं पड़ते.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
कांग्रेस नेता के बयान का मतलब ये हुआ कि राहुल-सोनिया के टुकड़े-टुकड़े हो चुके हैं!
पीएम मोदी की हत्या की बात कहकर सुर्ख़ियों में आए कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने भले ही विवाद के कुछ घंटों बाद स्पष्टीकरण जारी किया हो. और कहा हो कि हत्या से उनका मतलब हार है. तो क्या वे वैसी ही उपमा अपने नेता राहुल और सोनिया गांधी के लिए कर सकते हैं कि देश की जनता ने दोनों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए हैं?
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
ब्रीद इन टू द शैडो 2 को लेकर अभिषेक कुछ कह लें, चैलेंजिंग तो वो सभी रोल थे जो उन्होंने किये!
इंडस्ट्री में 22 साल का लंबा वक़्त बिताने वाले अभिषेक बच्चन अभी तक उस मुकाम पर नहीं पहुंच पाए जहां उन्हें पहुंचना था. क्योंकि उन्होंने ब्रीद इन टू द शैडो 2 के लिए भी चुनौतियों की बात की है कह सकते हैं कि अभिषेक का जैसा फ़िल्मी सफर रहा 22 सालों से अपना रोल करते हुए उन्हें चुनौतियों का ही सामना करना पड़ रहा है.