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समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
कुछ बहुएं घरवालों के हिसाब से ये गलती करती हैं और उनकी नजरों में बुरी बन जाती हैं
बहू को पता है कि अगर वह घर नहीं संभाल पाई तो उसे ही दोष दिया जाएगा. उसी की गलती निकाली जाएगी. इसलिए वह घरवालों का ख्याल रखने में दिन रात एक कर देती है. वह सबके हां में हां मिलाती है. घर का पूरा का काम करती है. यहां तक की घरवालों के हिसाब से अपना पहनावा, खान-पान, रहन-सहन सब बदल देती है. कुछ घरवाले बहू के इतना करने के बाद भी खुश नहीं रहते हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 2-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
ज्यादा बोलने वाली बहू को ससुराल में इज्जत नहीं ताना क्यों मिलता है?
बहू अगर स्मार्ट है, माडर्न है, पढ़ी लिखी है और अपनी बात रखना जानती है तो उसके बारे में कहा जाता है कि बड़ी तेज है बेचकर खा जाएगी.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
महिला ने नहीं 'बांझ' शब्द के बोझ ने रचा प्लास्टिक के बच्चे का स्वांग
यूपी के इटावा के एक गांव महिला (Woman) ने प्रेग्नेंट (Pregnant) होने और 6 महीनों बाद गर्भपात की बात कहकर परिजनों को प्लास्टिक के खिलौने (Plastic Doll) को रंगकर बनाया गया एक बच्चा (Child) दे दिया. इस एक लाइन के जरिये उस महिला को बीते 18 सालों से बांझपन (Infertility) के नाम पर मिल रहे तानों (Taunts) का दर्द समझिए.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
पत्नी को बदसूरती का ताना मारने वाले इस पति पर क्या तरस आना चाहिए?
पति अपनी 32 साल की पत्नी को रोज बदसूरत बोलकर ताना मारता था. उसे यह एससास दिलाता था वह कितनी बदसूरत है. वह कहता था कि तुम सुदंर नहीं हो...एक दिन पति ने पत्नी को उसके लुक को लेकर इतना कुछ सुनाया, इतना कुछ बोला कि वह सहन नहीं कर पाई और अपनी जान दे दी.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
उस पुरुष की चुनौती जो लोगों के लिए ‘कामवाली’ है!
जब कोई महिला घर का काम करती है तो लोगों को अटपटा नहीं लगता. जब वह बाहर का काम करती है तो भी लोगों को अजीब नहीं लगता लेकिन जब कोई पुरुष अपनी मर्जी से घर का काम करता है तो वही समाज के लोग बातें बनाने लगते हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
सास-ससुर और पति की मौत के बाद पड़ोसी से तंग आकर महिला ने बेटे संग दी जान, वजह इससे ज्यादा है
इस कोरोना काल में जब लोगों को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए, साथ देना चाहिए, इंसानियत दिखानी चाहिए तो भी लोग एक-दूसरे को परेशान कर रहे हैं. शिकायत कर रहे हैं, ताना मार रहे हैं, क्या सच में उनका जमीर एकदम मर चुका है.