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संस्कृति
| 5-मिनट में पढ़ें
vinaya.singh.77
@vinaya.singh.77
अंबुबाची मेला : आस्था और भक्ति का मनोरम संगम!
अंबुबाची जैसे मेले न सिर्फ लोगों को श्रद्धा से भर देते हैं बल्कि इनसे कुछ दुकानदारों की आजीविका भी चल जाती है. और अपनी लोक संस्कृति को बचाकर रखने के लिए ऐसे स्थानीय पर्व, जो अब ग्लोबल होते जा रहे हैं, बहुत आवश्यक हैं.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
अपने जंगलों के प्रति गंभीर होना भारत के लिए वक्त की जरूरत है
World Forest Day 2023: भारतीय जंगल संपूर्ण भारत के लिए जीने के तरीके को परिभाषित करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से- हाल के वर्षों में जंगलों को जो नुकसान हुआ है उसने आजीविका और अर्थव्यवस्था समेत कई चीजों को प्रभावित किया है. आइये जानें क्यों भारत को अपने जंगलों के प्रति और ज्यादा गंभीर हो जाना चाहिए.
संस्कृति
| 4-मिनट में पढ़ें
Rudra Pratap Dubey
काशी अलग अर्थो में विस्तृत होती जा रही है
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए प्रतिवर्ष बढ़ती पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एक सामूहिक प्रयास की विवेचना है. पिछले कुछ वर्षों के विकास ने काशी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
डॉ. सौरभ मालवीय
@DrSourabhMalviya
National Tourism Day: भारतबोध कराता है भारतीय पर्यटन
पर्यटन देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाता है. इससे सरकार को राजस्व तथा विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है. इसके कारण विकास कार्यों को भी बढ़ावा मिलता है. भारत एक विशाल देश है. यहां के विभिन्न राज्यों की भिन्न-भिन्न संस्कृतियां हैं. सबकी अपनी परम्पराएं हैं. इसके साथ ही यहां प्राकृतिक सौंदर्य से ओतप्रोत पर्यटन स्थल हैं. यहां पर ऐतिहासिक स्थल हैं. यहां पर असंख्य धार्मिक स्थल भी हैं.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
कुमार विवेक
@5348576095262528
दरकता जोशीमठ जूझते लोग
आर्थिक लाभ की हवस नें एक पूरे समुदाय को खतरे में डाल दिया है. प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा जीवन के जोखिम के रूप में सामने है. उस पिकनिक या पर्यटन स्थल के विकास के क्या मायने है जो मानव जीवन की कीमत पर हो. क्या जब हमारे पास पूर्वानुमान के इतने साधन थे. कई आपदाओं के उदाहरण थे.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
Dinkar Anand
धरोहरों और 'हजारों बागों' के शहर हजारीबाग से विलुप्त होते पर्यटक
एक दर्जन से भी अधिक धरोहरों, धार्मिक स्थलों, झीलों, नदियों, बांधों, पहाड़ों, हिलों, कुण्डों को अपने आप में समेटे हजारीबाग शहर का अलग हीं सौंदर्य है. इतने प्राचीनतम इतिहास से लबरेज यह शहर पर्यटन के मानचित्र पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका है.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
Prince D
काशी की टेंट सिटी का मकसद भोले के भक्तों की सेवा नहीं, अमीरों का विलास है!
बनारस में टेंट सिटी का निर्माण व्यापक स्तर पर किया गया है. बनारस में ऐसे कई होटल हैं जो लोकल बनारस के लोगों के द्वारा संचालित हैं जिसका उपयोग विदेशी मेहमान और हमारे देश के कई लोग घूमने के दौरान रुकने के लिए करते हैं पर अब ये काम भी पूंजी पति वर्ग करेगा.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
बदले बदले से, सहमे सहमे से क्यों नजर आते हैं पारसनाथ?
उग्र होना तो इस समाज का स्वभाव नहीं था, ना ही घमंड करना. फिर क्यों जगह जगह जैन समुदाय के लोग जुलूस निकाल रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे हैं और नारे बुलंद कर रहे हैं कि 'गली गली में नारा है शिखर जी हमारा है!'
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
सम्मेद शिखर जी विवाद: समाधान कहीं बड़े खतरे की आहट तो नहीं है?
अप्रत्याशित और अनचाही टकराव की स्थिति निर्मित कर दी गई हैं. वजहें क्या है ? क़यास ही हैं. परंतु तय है फर्जी आवाजों के पीछे विशुद्ध राजनीति है ! क्या शांतिप्रिय, धर्मभीरु और फसादों से दूर रहनेवाले जैन अब भयमुक्त होकर तीर्थयात्रा कर भी पाएंगे?