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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आनंद प्रधान
Book Review: एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां
Ek Suraj Syah Sa Book Review : 'एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां' किताब उन घर-परिवारों की कहानियां अपने में समेटे है जहां महिला किरदार अदृश्य नहीं हैं और चुपचाप एक बड़े बदलाव को रच-गढ़ रही हैं.
सिनेमा
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
Adipurush Controversy : आज के मुंतशिर से बेहतर थे कल के रज़ा
आज पक्के सनातनी होने का बार-बार दावा करने वाले संवाद लेखक मनोज मुंतशिर भी शायद सनातनियों की भावनाओं को नहीं समझ पाए हैं. रामायण के प्रसंगों और हनुमान के चरित्र को चरितार्थ करते हुए उन्होंने जिन फूहड़ संवादों का मुजाहिरा किया है वो कई मायनों में आहत करने वाले हैं.
संस्कृति
| 6-मिनट में पढ़ें
सैयद तौहीद
@8187076694635826
होली के निराले त्योहार को लेखकों ने कुछ ऐसे व्यक्त किया...
होली तमाम दायरों को तोड़ने की ताकत रखने वाला पर्व है. एक दूसरे की संस्कृति को गहराई में उतर कर देखने पर समावेश को महसूस किया जा सकता है. होली सामाजिक समावेश के अनोखे त्योहार के रूप में देखी जाती है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
उपासना बेहार
जीवन में संविधान: किताब जिसने बता दिया, देश अगर इंसान है तो रीढ़ की तरह है संविधान!
‘जीवन में संविधान’ किताब के लेखक सचिन कुमार जैन पिछले 25 सालों से समाज के मूलभूत विषयों पर अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर शिक्षण-प्रशिक्षण, शोध, लेखन और मैदानी काम करते आ रहे हैं. वर्तमान में वे सामाजिक नागरिक संस्था ‘विकास संवाद’ के संस्थापक सचिव के रूप में कार्यरत हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
हिन्दुत्व पर गांधी के विचारों की पड़ताल...
हिन्दुत्व का कोई और रूप नहीं है. हिन्दू धर्म एक ही है.गांधीजी भी यह मानते थे कि जिस तरह बाकी के लोग भारतीय परंपरा में विश्वास करते हुए हिन्दू हैं, ठीक उसी प्रकार वे भी हिन्दू हैं. लेखक मनोज जोशी ने पुस्तक 'हिन्दुत्व और गांधी' में इसकी चर्चा की है.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
श्वेत कुमार सिन्हा
@409932558004725
...और अपने पिता के आंसू देख जब मैं हज़ार मौत मरा
'सर, दादू अब सो गए हैं. आप भी जाइए और जाकर आराम करिये.' नर्स ने धीमे स्वर में कहा. पिताजी के शांत और निश्चल चेहरे पर नज़रें टिकाए मैं आईसीयू से बाहर आ गया. पर मन तो वहीं पिताजी के सिराहने छोड़ आया था और कहां जानता था कि यह उनसे मेरी आखिरी मुलाकात होगी.
सिनेमा
| 7-मिनट में पढ़ें
जावेद अनीस
पुस्तक समीक्षा: बॉलीवुड के तीन खान और नये भारत का उदय!
कावेरी बमजई की किताब 'द थ्री खान्स एंड द इमर्जेंस ऑफ न्यू इंडिया' ना केवल इन तीन खान सितारों के उत्थान का लेखा-जोखा पेश करती है बल्कि उस दौर के सामाजिक–राजनीतिक बदलाओं को भी पकड़ने की कोशिश भी करती है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
उपासना बेहार
Savitribai Phule Birth Anniversary: अभी भी अधूरा है सावित्री बाई फुले का सपना!
सावित्रीबाई फुले के प्रयासों के चलते हमारे देश में महिलाओं को शिक्षा मिलने की शुरुआत हुई. लेकिन इतने सालों बाद आज भी बच्चियां शिक्षा के मामले में पिछड़ी और वंचित हैं. इसके पीछे कई कारण हैं जो आज भी अनवरत जारी हैं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
जावेद अनीस
The Muslim Vanishes: एक जरूरी नाटक, जो काल्पनिक होते हुये भी सच्चाई के बहुत करीब है!
सईद नकवी की किताब 'द मुस्लिम वैनिशेस' किताब मूलतः एक काल्पनिक व्यंग्य नाटक है. जो भारत की मौजूदा राजनीति के परिप्रेक्ष्य में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाती है. एक नाटक होने के बावजूद इसका मंचन मुश्किल लगता है. इसका कारण एक तो इसमें किरदारों की भरमार है और दूसरा विषय की जटिलता, इसके चलते इसका मंचन मुश्किल होगा.