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Updated: 27 जनवरी, 2019 05:01 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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'फलाने से ढिमके स्‍टेशन के बीच चलने वाली ट्रेन दो घंटे की देरी से आने की संभावना है. यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए हमें खेद है.' रेलवे स्‍टेशनों पर ऐसी सूचनाएं आम हैें. लेकिन, बुलेट ट्रेन को लेकर ऐसी ही कुछ जानकारी से जुड़ी खबर बड़ी सुर्खी बन रही है. बताया जा रहा है ि‍कि यदि बुलेट ट्रेन लेट हुई तो यात्रियों से माफी मांगी जाएगी. सवाल ये है कि, इसमें नया क्‍या है? और अलग क्‍या है?

अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन को लेकर दावा किया जा रहा है कि जापान से आनेे वाली यह ट्रेन अपने सही समय पर चलने की 50 साल पुरानी परंपरा को कायम रखेगी. और यदि किसी कारण से देरी हुई, तो यात्रियों से माफी मांगी जाएगी. पिछले 50 वर्षों में जापान में चलते हुए बुलेट ट्रेन कभी 1 मिनट से अधिक लेट नहीं हुई है. एक बार आधा मिनट पहले स्‍टेशन पर पहुंच जाने के कारण जरूर यात्रियों से माफी मांगनी पड़ी थी.

भारत के मामले में क्‍यों है ये अनूठा अनुभव? 'रेलयात्री' वेबसाइट द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार 2017 में सभी ट्रेनों ने गंतव्य तक पहुंचने में औसतन 53 मिनट की देरी की, जो 2016 में 45 मिनट थी. यानी भारतीय रेलवे देरी के मामले में और अधिक खराब होता जा रहा है. ऐसे में बुलेट ट्रेन के कभी लेट नहीं होने का दावा एक सपना सा लगता है. जिस देश में राजधानी से लेकर शताब्दी तक हर ट्रेन लेट होती हो, क्या वहां ऐसा नेटवर्क बना पाना मुमकिन है जिसमें बुलेट ट्रेन कभी लेट नहीं होने का अपना रिकॉर्ड कायम रख सके?

जापान की ये शिंकासेन बुलेट ट्रेन 2022 तक अहमदाबाद और मुंबई के बीच पटरी पर दौड़ना शुरू करेगी, लेकिन उससे पहले यात्री इसमें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानना चाहते हैं. लोगों में जिज्ञासा है कि इस ट्रेन में तेज रफ्तार के अलावा और क्‍या खास बात होगी. तो चलिए एक नजर डालते हैं:

बुलेट ट्रेन, रेलवे, जापान, ट्रेनपिछले 50 सालों में बुलेट ट्रेन कभी 1 मिनट से अधिक लेट नहीं हुई है.

बुलेट ट्रेन: एक नया अनुभव

- जापान की शिंकासेन बुलेट ट्रेन कभी लेट नहीं होती है. अगर किसी वजह से देरी होती है तो जापान में देरी से आने का एक सर्टिफिकेट भी यात्रियों को दिए जानेे का प्रावधान है, जिसे यात्री अपने ऑफिस में दिखा सकते हैं. हालांकि, भारत में ऐसा कोई सर्टिफिकेट तो नहीं मिलेगा, लेकिन योजना हैै कि‍ दो मिनट की भी देरी हो तो हर यात्री से माफी मांगी जाएगी.

- दरअसल, बुलेट ट्रेन को सही समय पर चलाकर रेलवे प्रशासन एक बड़ी समस्‍या से छुटकारा पाना चाहता है. और वो समस्‍या है रेलवे स्‍टेशन पर लगने वाली भीड़. हमारे में देश के सभी रेलवे स्टेशन पर लोगों की भीड़ लगी रहती है, ट्रेनें लेट होने के कारण बहुत से लोग प्लेटफॉर्म पर ही सोए रहते हैं. वैसा बुलेट ट्रेन के स्टेशन पर नहीं होगा. ट्रेन पहुंचने से एक निश्चित समय पहले ही यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर प्रवेश मिलेगा, जैसा कि एयरपोर्ट पर होता है. बुलेट ट्रेन के टिकट बार कोड वाले होंगे और हर ट्रेन की टाइमिंग के हिसाब से ही प्लेटफॉर्म में एंट्री का समय निर्धारित होगा.

- जापान मेें चलतेे हुए पिछले करीब 50 सालों में ये ट्रेन सालाना औसतन 1 मिनट से भी कम लेट हुई है. यानी इस ट्रेन का कभी 1 मिनट से अधिक लेट नहीं होने का रिकॉर्ड है. भारत में तो 10-15 मिनट लेट होना भी आम बात है, ऐसे में ये ट्रेन यात्रियों के समय की बहुत बचत करेगी जो राहत वाली बात है.

- बुलेट ट्रेन सबसे सुरक्षित ट्रेनों में से एक है. पिछले करीब 50 सालों में शिंकासेन बुलेट ट्रेन की वजह से कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है. वहीं दूसरी ओर, भारत में अब तक पिछले साल सबसे कम रेल हादसे (करीब 75) हुए हैं. ऐसे में ये ट्रेन सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी, जिसके चलते यात्री बेझिझक बुलेट ट्रेन से यात्रा कर सकेंगे.

- फिलहाल ये ट्रेन मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स और अहमदाबाद के साबरमती के बीच में चलेगी. ऐसे में पूरे कम से कम इस रूट पर चलने वाले उन यात्रियों को बड़ा फायदा होगा, जो राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों से सफर करते हैं.

- नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के मुताबिक बुलेट ट्रेन रोज 70 फेरे लेगी. ये ट्रेन 508 किलोमीटर की दूरी 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तय करेगी. यानी इस ट्रेन से करीब डेढ़ घंटे में आप उनती दूरी तय कर लेंगे, जितनी दूरी तय करने में अभी 7-8 घंटे तक लग जाते हैं.

- बुलेट ट्रेन में 10-16 कोच होंगे. हर ट्रेन में 1300-1600 तक यात्री सफर कर सकेंगे. यानी रोजाना इस रूट पर 91,000 से लेकर 1,12,000 तक यात्री सफर कर सकते हैं.

- बुलेट ट्रेन के लिए अहमदाबाद-मुंबई रूट पर 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. ये स्टेशन मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, अहमदाबाद समेत अन्य जगहों पर होंगे.

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