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खुशदीप सहगल
khushdeepsehgal
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खुशदीप सहगल
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अलविदा अदाकार-ए-आज़म दिलीप कुमार!
98 साल के दिलीप कुमार की मौत के बाद एक अध्याय का अंत हो गया है. दिलीप भले ही आज हमारे बीच नहीं हों मगर ये उनकी एक्टिंग ही थी जिसे देखकर तमाम लोग एक्टर बने. लंबे फिल्मीं सफर में दिलीप कुमार ने कम ही फ़िल्में कीं उन्होंने क्वांटिटी में नहीं हमेशा ही क्वालिटी पर यकीन रखा.
ह्यूमर
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खुशदीप सहगल
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मानवाधिकारों की फ़िक्र सबको, सांडाधिकारों का क्या?
लोगों ने सांड को इमारत से उतारने के लिए बड़ी मान-मनुहार की. लेकिन सांड मानने को तैयार ही नहीं. सांड का इरादा साफ था जब तक उसकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं वो हर्गिज़ नीचे नहीं उतरेगा.
सियासत
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4-मिनट में पढ़ें
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खुशदीप सहगल
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NMC बिल में कई बातें हैं जोे डॉक्टर के गले कभी नहीं उतरेंगी
IMA के मुताबिक CHP का मतलब मेडिकल बैकग्राउंड के बिना ही व्यक्ति माडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस के लिए पात्र हो सकता है और स्वतंत्र तौर पर प्रैक्टिस कर सकता है. ये नीम हकीमों को वैधानिकता देने जैसा है. इस प्रावधान समेत बिल के विवादित प्रावधानों को देश की मेडिकल बिरादरी स्वीकार नहीं कर सकती.
स्पोर्ट्स
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खुशदीप सहगल
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हमने 'सफेद' क्रिकेट देखी थी, अब इसकी हर बात 'रंगीन' है
आईपीएल, चीयरलीडर्स, नाइट पार्टीज़ ने आज क्रिकेट को तमाशा अधिक बना दिया है. अब इसकी हर बात कॉमर्शियल है. सत्तर के दशक के शुरू तक क्रिकेट खिलाड़ियों का मेहनताना प्रति दिन के हिसाब से कुछ सौ रुपये में ही होता था. आज क्रिकेटर की कमाई के स्रोत अनंत हैं.
स्पोर्ट्स
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यूं ही कोई कपिल देव नहीं हो जाता...
36 साल पहले इंग्लैंड में ही हुआ तीसरा वर्ल्ड कप वो दौर था जब वेस्ट इंडीज़ को क्रिकेट में चुनौती देने वाला कोई नहीं था. 1975 और 1979 में हुए पहले और दूसरे वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज़ ने ही ट्रॉफी पर विजेता के तौर पर अपना नाम लिखाया था.
स्पोर्ट्स
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भारत के बारे में पाकिस्तानी झूठ को सरफराज ने आईना ही दिखाया
विश्वकप सेमीफाइनल में न पहुंच पाने के लिए भारत को कोस रहे पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और मीडिया को सरफ़राज़ अहमद ने जवाब दिया है. इंग्लैंड के खिलाफ मैच में भारत की हार को लेकर पाकिस्तानी जिस साजिश की कल्पना करके खुद का मन बहला रहे थे, उस पर सरफराज ने पानी फेर दिया.
स्पोर्ट्स
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क्या भारत के वर्ल्ड कप जीतने में ‘नारंगी’ वाकई ‘अपशकुन’ है?
भले ही इस वर्ल्ड कप में भारत की टीम की जर्सी के मुद्दे का क्रिकेट से कोई संबंध नहीं हो, लेकिन देश के सोशल मीडिया में ये ज़ोर-शोर से चर्चा का विषय बना रहा. यहां तक कि उसे अपशकुन भी कहा जा रहा है.
सियासत
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खुशदीप सहगल
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मोदी के दौर में फासीवाद कितना पास, कितना दूर?
महुआ मोइत्रा संसद में पहली बार बोलीं, बहुत अच्छा बोलीं. लेकिन उन्हें अपनी पार्टी में भी ये आवाज उठानी चाहिए कि हमें केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने का पूरा नैतिक आधार तभी होगा जब हम बंगाल में आदर्श शासन व्यवस्था की मिसाल पूरे देश के सामने पेश करें.
सियासत
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खुशदीप सहगल
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दिल्ली में सिख टैम्पो ड्राइवर से जुड़ी घटना पर इन 10 सवालों का जवाब कौन देगा?
मान लीजिए टैम्पो ड्राइवर सिख ना होकर मुस्लिम या किसी और धर्म से होता तो भी क्या सिख समुदाय ऐसे ही इकट्ठा होकर रोष जताता? ऐसी घटनाओं में संबंधित व्यक्ति का धर्म पहले क्यों, खुद ही निष्कर्ष निकालने की जल्दबाज़ी क्यों?
ह्यूमर
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खुशदीप सहगल
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अपना आख़िरी चुनाव लड़ने जा रहे हैं नरेंद्र मोदी !
मोदी ने उम्र का ये जो पैमाना तय किया, उस के हिसाब से 2024 के बाद खुद उन पर भी ये लागू हो जाएगा. 17 सितंबर 1950 को जन्मे मोदी के लिए उसी साल 75 वां वर्ष शुरू हो जाएगा.
सियासत
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खुशदीप सहगल
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सिखों के खिलाफ 1984 नरसंहार के दौरान कहां गुम था राष्ट्रीय मीडिया?
1984 के उन काले और खौफनाक दिनों में स्वतंत्र अखबारों में से अधिकतर कहां थे? उनका परिदृश्य से गायब होना स्वतंत्र लोकतांत्रिक भारत में चौथे स्तंभ की सबसे बड़ी नाकामी थी. इस मुद्दे पर अब तक कम ही ध्यान गया है.
सियासत
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खुशदीप सहगल
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: सरदार पटेल का मान या मोदी का प्रमोशन?
आप और हम जैसे टैक्सपेयर्स के 3000 करोड़ रुपए सरदार पटेल की भव्य मूर्ति बनाने पर खर्च किए गए. इससे आखिर क्षेत्र के किसानों और आदिवासी समुदाय को क्या लाभ हुआ?