'Men will be men' ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी. एक बार देख भी लीजिए...
वेन्यू- आईपीएल क्रिकेट का स्टेडियम, जहां सनराइजर्स हैदराबाद और किंग्स 11 पंजाब की टीमों के बीच मैच चल रहा था. पब्लिक जोर शोर से अपनी-अपनी टीम्स को सपोर्ट कर रही थीं.
वहीं एक दर्शक जिसने ऑरेंज कैप और ऑरेंज गमछा पहन रखा था, अपने मोबाइल पर क्रिकेट मैच रिकॉर्ड करने के बजाए चीयर लीडर्स को रिकॉर्ड करते देखा गया. दूरी ज्यादा थी लिहाजा जूम पर जूम किया जा रहा था और चीयर लीडर्स के मोबाइल पर इतमिनान से दर्शन किए जा रहे थे. ये चीयरलीडर्स को अपने फोन में कैद कर रहे थे, और किसी ने इन्हें ही अपने फोन में कैद कर लिया और वीडियो ट्विटर पर शेयर कर दिया. जिसका कैप्शन दिया 'priorities' यानी प्राथमिकताएं.
ट्विटर पर जाते ही ये वीडियो वायरल हो गया और इसपर लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं. चूंकि व्यक्ति ने ऑरेंज गमछा और कैप पहनी थी, जो सनराइजर्स हैदराबाद की जर्सी का भी रंग है, भगवा से मिलता जुलता था. लिहाजा लोगों ने उसे संघी बताया गया और उसपर इस तरह के कमेंट्स किए गए.
मैच छोड़कर चीयर लीडर्स पर फोकस करने वाले व्यक्ति को कुछ लोग ठरकी भी कह रहे हैं. लेकिन उसे भगवा रंग से जोड़ना समझ नहीं आता, क्योंकि ठरक का कोई रंग नहीं होता, उसे सिर्फ चमड़ी का रंग पसंद होता है. जैसा कि इस वीडियो में साफ साफ देखा जा सकता है. इसे पैसा वसूल करना भी कहा जा सकता है.
इस वीडियो को देखकर लोगों का ये भी कहना रहा कि जब मैच इतना खराब होगा तभी तो चीयरलीडर्स को देखा जाएगा. और चीयर लीडर्स तो होती ही ऐसी हैं कि उन्हें देखा जाए. ये तो नॉर्मल है.
जैसा कि नाम से पता चलता है कि चीयर लीडर्स का काम खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर चियर करना है, खुशनुमा माहौल बनाना है, जिसे वो बहुत अच्छी तरह से करती दिखती हैं. साथ ही इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता कि मैच में अगर थोड़ा सा भी ग्लैमर आता है तो वो इन्हीं चीयरलीडर्स की बदौलत, जिसे ललित मोदी की कृपा से आज हर मैच में बड़े चाव से देखा जाता है. लेकिन हर व्यक्ति उस तरफ उतना ध्यान नहीं देता क्योंकि क्रिकेट पसंद करने वालों की प्रायोरिटी मैच होता है. पर उछलती कूदती और डांस मूव्स दिखाककर ये चीयरलीडर्स उन लोगों का ध्यान तो अपनी तरफ आकर्षित कर ही लेती हैं जिनकी प्रायोरिटी सिर्फ ग्लामर होता है. बेशक इसे ठरक न कहें, लेकिन फितरत तो कह ही सकते हैं. इसीलिए कहा गया 'men will be men'.
अब बात इसे भगवा रंग देने की, तो ऐसा समझो कि किस्मत खराब है बंदे की जो सनराइजर्स हैदराबाद की टीम को सपोर्ट करने गया, अगर उसकी जगह हरे रंग की कैप पहनी होती तो उसे मुसलमान कहा जाता और एक रंग विशेष और धर्म पर उंगली उठाई जातीं जैसे इस बार भगवा पर उठीं.
खैर, जिस दौर में सारे मुद्दों में हिन्दू-मुसलमान, भक्त-लिबरल, देशभक्त-देशद्रोही ढूंढा जा रहा है, तो ये वीडियो कैसे अछूता रह सकता था. पर हां लोगों के भगवा कमेंट्स देखकर ये जरूर कहा जा सकता है कि उस बंदे की प्रायोरिटी भले ही चीयरलीडर्स हों लेकिन आज लोगों की प्रायोरिटी में केवल धार्मिक राजनीति है, जिसे किसी भी समय और कहीं पर भी फिट किया जा सकता है.
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