मौत और संक्रमण के अलावा भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) अपने साथ कई किस्से या ये कहें कि कई दास्तानें लेकर आया है. भविष्य में हम अपने बच्चों को बताएंगे कि एक ऐसे समय में जब बुलेट ट्रेन की बातें हो रही हों हमने बेरोजगारी की मार सहते लोगों को रोटी के लिए कई सौ किलोमीटर पैदल चलते देखा. हमने देखीं वो तस्वीरें जिसमें लोग इस महामारी में एक दूसरे की मदद को सामने आए. भविष्य में बात जब भी मददगार लोगों की होगी सोनू सूद (Sonu Sood) का जिक्र ज़रूर होगा. इस मुश्किल वक़्त में सोनू किसी फरिश्ते की तरह आम लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं और बिना किसी स्वार्थ के लोगों को अपने घर पहुंचा रहे हैं. इस कोरोना काल में सोनू की छवि किसी रॉबिनहुड की हो गयी है जिसे बस परेशानी बताने की देर है वो फौरन ही समस्या का समाधान निकाल देता है. लोगों को अपनी समस्याओं के निवारण से मतलब है वो प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को छोड़ सोनू को ट्विटर (Twitter) पर टैग कर रहे हैं, उनसे मदद मांग रहे हैं. इस बीच एक यूजर ने सोनू सूद से ट्विटर पर कहा कि वह अपनी गर्लफ़्रेंड से मिलना चाहता है. इस पर जो जवाब सोनू ने दिया है वो काफी मजेदार है.
सोनू से जैसा सवाल हुआ था जवाब भी उन्होंने उसी अंदाज में दिया
दरअसल हुआ ये कि विश्वजीत द्विवेदी नाम के यूजर ने सोनू को टैग करते हुए कहा कि भैया, एक बार गर्ल फ्रेंड से ही मिलवा दीजिये... बिहार ही जाना है. इस जटिल वक़्त में लोगों की मदद करते सोनू से यूजर ने चुटकी ली थी. सोनू ने भी यूजर को जवाब उसी के अंदाज में दिया. सोनू ने लिखा कि थोड़े दिन दूर रह के देख ले भाई... सच्चे प्यार की परीक्षा भी हो जाएगी.
सोनू का जवाब देना भर था लोगों ने उसे खूब पसंद किया और सोनू के इस ट्वीट पर प्रतिक्रियाओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया. लोग सोनू के सेंस ऑफ ह्यूमर की तारीफ़ करते नहीं थक रहे हैं.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के इस दौर में सोनू सूद अपनी दरियादिली से लगातार लोगों का दिल जीत रहे हैं और सुर्खियां बटोर रहे हैं.जैसे हालात हैं लोगों ने सोनू को सुपर हीरो तक का दर्जा दे दिया है.
तमाम लोग विशेषकर प्रवासी मजदूर हैं जो किसी और की अपेक्षा सोनू पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं. लोगों का मानना यही है कि एक ऐसे वक्त में जब मदद के नाम पर हमारे राजनीतिक दल 'बस-बस' या किराया-किराया खेल रहे हों सोनू राजनीति और धर्म को परे रखकर लोगों की मदद कर रहे हैं.
बहरहाल, उपरोक्त मामले में भले ही सोनू को उनकी हाजिर जवाबी के लिए तारीफ मिल रही हो. मगर उनकी तारीफ इसलिए भी होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने अंग्रेजी की उस कहावत को चरितार्थ किया है जिसमें कहा गया है कि 'Don't talk, Act. Don't say, show. Don't promise, prove.'
हालिया दिनों में सोनू के रवैये को देखें तो मिलता है कि उन्होंने न ही किसी तरह का शोर मचाया, न ही प्रोपोगेंडा फैलाया। उन्होंने संकट की इस घड़ी में फंसे प्रवासी मजदूरों की परेशानी को समझा और चुपचाप लोगों की मदद की और कामयाब हुए.
अंत में बस इतना ही कि जब ख़राब हालात में एक भाई दूसरे भाई का सगा नहीं होता जो सोनू ने किया वो ऐतिहासिक है और वो वक़्त की गर्मी के इन थपेड़ों के बीच बारिश की वो ठंडी बूंद हैं जो बस शीतलता दे रही है.
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