चुनाव से पहले अपनी रैलियों में, और फिर उत्तर प्रदेश के मुखिया बनने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपने शपथ ग्रहण के बाद ही पत्रकारों से उत्तर प्रदेश को "अपराध मुक्त" कराने की बात कही थी. शुरूआती दौर में पत्रकारों के अलावा आम जनता के मन में भी संशय की स्थिति थी. लोग यही सोच रहे थे कि क्या वाकई प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसा कर पाएंगे. तब के संशय को अगर वर्तमान परिपेक्ष में देखें तो ये कहना बिल्कुल भी गलत न होगा कि तब लोगों के मन में आई संशय की भावना बिल्कुल बेबुनियाद थी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने जैसा कहा वैसा किया.
आज योगी को उत्तर प्रदेश जैसे विशाल सूबे के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाले लगभग 11 महीने हो चुके हैं. अगर अपराध की दृष्टि ने इन 11 महीनों का अवलोकन करें तो मिल रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 1100 के ऊपर एनकाउंटर किये हैं और 40 शातिर अपराधियों को ढेर किया है.
पुलिस द्वारा 1100 के ऊपर एनकांउटर और 40 शातिर इनामी अपराधियों की मौत ने प्रदेश के अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए हैं. पुलिस की "सख्ती" देखकर अपनी जान बचाने के लिए प्रदेश के छंटे हुए अपराधी घुटनों पर आ गए हैं और पुलिस प्रशासन से रहम की भीख मांग रहे हैं. ज्ञात हो कि जान बच सके और माफ़ी मिल जाए इसलिए प्रदेश में अपराधी लगातार सरेंडर कर रहे हैं.
प्रदेश की पुलिस को भी अपराधियों का सरेंडर करने का ये अंदाज पसंद आ रहा है. कुछ...
चुनाव से पहले अपनी रैलियों में, और फिर उत्तर प्रदेश के मुखिया बनने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपने शपथ ग्रहण के बाद ही पत्रकारों से उत्तर प्रदेश को "अपराध मुक्त" कराने की बात कही थी. शुरूआती दौर में पत्रकारों के अलावा आम जनता के मन में भी संशय की स्थिति थी. लोग यही सोच रहे थे कि क्या वाकई प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसा कर पाएंगे. तब के संशय को अगर वर्तमान परिपेक्ष में देखें तो ये कहना बिल्कुल भी गलत न होगा कि तब लोगों के मन में आई संशय की भावना बिल्कुल बेबुनियाद थी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने जैसा कहा वैसा किया.
आज योगी को उत्तर प्रदेश जैसे विशाल सूबे के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाले लगभग 11 महीने हो चुके हैं. अगर अपराध की दृष्टि ने इन 11 महीनों का अवलोकन करें तो मिल रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 1100 के ऊपर एनकाउंटर किये हैं और 40 शातिर अपराधियों को ढेर किया है.
पुलिस द्वारा 1100 के ऊपर एनकांउटर और 40 शातिर इनामी अपराधियों की मौत ने प्रदेश के अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए हैं. पुलिस की "सख्ती" देखकर अपनी जान बचाने के लिए प्रदेश के छंटे हुए अपराधी घुटनों पर आ गए हैं और पुलिस प्रशासन से रहम की भीख मांग रहे हैं. ज्ञात हो कि जान बच सके और माफ़ी मिल जाए इसलिए प्रदेश में अपराधी लगातार सरेंडर कर रहे हैं.
प्रदेश की पुलिस को भी अपराधियों का सरेंडर करने का ये अंदाज पसंद आ रहा है. कुछ अख़बारों की कटिंग लगाते हुए बड़े ही फ़िल्मी अंदाज में यूपी पुलिस ने ट्वीट किया है. इस मजेदार ट्वीट के अनुसार "पुलिस से नहीं, क्राइम से डर लगता है साहेब"
सलमान खान अभिनीत फिल्म दबंग से प्रेरित इस ट्वीट से एक बात तो साफ है कि अपनी कार्यवाहियों के चलते प्रदेश की पुलिस ने अपराधियों को बता दिया है कि अब प्रदेश में अपराध के विरुद्ध "जीरो टॉलरेंस" नीति अपनाई जा रही है और अपरधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बहरहाल, यूपी पुलिस के पेज के अलावा मुज़फ्फर नगर पुलिस के ट्विटर पेज से भी एक ट्वीट आया है जिसके अनुसार बैंक कर्मचारी से तमंचे के बल पर कैश लूटने वाले अपराधी ने खुद थाने आकर अपने को पुलिस के हवाले किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि अपराधी के दिल में डर बना हुआ है कि कहीं पुलिस उसका भी सफाया न कर दे.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के ही शामली में एनकाउंटर के खौफ़ से घबराए दो शातिर अपराधी गले में तख्ती टांगे थाने आए और उन्होंने शपथपत्र भरकर कहा है कि अब वो किसी भी तरह के अपराध से कोसों दूर रहेंगे.
विपक्ष उत्तर प्रदेश में हो रहे अपराधियों के इन एनकाउंटर्स पर योगी सरकार की तीखी आलोचना में जुट गया है. समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार फर्जी एनकाउंटर्स कर रही है और इसके बल पर अपनी नाकामियों को छुपा रही है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर अपराधियों के प्रति सहानुभूति रखने का आरोप लगाया, साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि प्रदेश में कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने का अभियान तेज है अतः भविष्य में भी अपराधियों के खिलाफ पुलिस ऐसी ही कार्रवाई करेगी.
खैर विपक्ष उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेकर जो भी कहना चाहे कहे. मगर उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है और जिस तरफ अपराधी मौत के डर से खुद पुलिस की क्षरण में आकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं उससे एक बात तो साफ है कि, लम्बे समय से अपराध की मार सहने वाले उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रित हुआ है. साथ ही मौजूदा कार्रवाईयों को देखते हुए ये कहना भी गलत न होगा कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने उस वादे पर कायम हैं जो वादा उन्होंने प्रदेश की जनता से शपथ लेते वक़्त किया था. हां वो वादा जिसमें उन्होंने अपराधियों के सफाए और उत्तर प्रदेश को एक अपराध मुक्त राज्य बनाने की बात कही थी.
ये भी पढ़ें -
पुलिस के हाथ को अदालत का काम देकर यूपी बन रहा है 'कत्लखाना' !
यूपी में,1167 एनकाउंटर्स 36 इनामी अपराधी ढेर, मगर एक फेक एनकाउंटर और खाकी शर्मिंदा
अपराधियों के माफी-स्टंट के बावजूद योगी की पुलिस मुठभेड़ को सही नहीं ठहरा सकती
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.