उत्तर प्रदेश में अब मुफ्त राशन योजना (Free Ration Scheme) का लाभ ले रहे लोगों से राशन कार्ड को सरेंडर करने को कहा जा रहा है. वरना इन लोगों से बाजार भाव से राशन की कीमत की वसूली की जाएगी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक वीडियो ट्वीट कर बताया है कि 'मुफ्त राशन देते समय तो कोई घोषणा न हुई पर अब कुछ परिस्थितियों की शर्त रखकर राशन-कार्ड को वापस कार्यालय में सरेंडर करने की मुनादी की जा रही है. अन्यथा इन राशन-कार्ड से लिये गए गेहूं, चावल, चना, तेल व नमक तक को बाजार भाव से वसूलने की धमकी दी जा रही है. चुनाव निकल गया पहचानते नहीं.'
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ट्वीट में सीधा इशारा है कि अंत्योदय राशन कार्ड के अलावा अन्य सभी कार्ड धारकों को अब राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा जा रहा है. हालांकि, मुफ्त राशन योजना के कार्ड सरेंडर करने के बारे में सब कुछ बताते हुए अखिलेश यादव कैप्शन में उन परिस्थितियों की शर्तों के बारे में बताना भूल गए. क्योंकि, समाजवादी नेता अखिलेश यादव को जो भ्रम फैलाना था, वो उन शर्तों के सामने आने से शायद ही फैलता. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि मुफ्त राशन पर सब कुछ बता दिया, तो अखिलेश यादव कुछ परिस्थितियों की शर्त बताने से क्यों बच रहे हैं?
क्या हैं कार्ड सरेंडर करने की शर्त?
अखिलेश यादव की सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि 'कुछ परिस्थितियों की शर्त' लगाकर कार्ड धारकों से वसूली की जाने वाली है. लेकिन, इन शर्तों के बारे में चर्चा करने से अखिलेश ने दूरी बना ली. वैसे, अखिलेश यादव द्वारा शेयर किए गए वीडियो में मुनादी कर रहा शख्स कह रहा है कि जिन राशन कार्ड धारकों के पास चार पहिया, ट्रैक्टर, 5 एकड़ जमीन, शस्त्र लाइसेंस, 5 केवी जनरेटर, एसी, 100 वर्ग मीटर मकान या फ्लैट है. उन लोगों को राशन कार्ड सरेंडर करना होगा. इन शर्तों की लिस्ट में...
उत्तर प्रदेश में अब मुफ्त राशन योजना (Free Ration Scheme) का लाभ ले रहे लोगों से राशन कार्ड को सरेंडर करने को कहा जा रहा है. वरना इन लोगों से बाजार भाव से राशन की कीमत की वसूली की जाएगी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक वीडियो ट्वीट कर बताया है कि 'मुफ्त राशन देते समय तो कोई घोषणा न हुई पर अब कुछ परिस्थितियों की शर्त रखकर राशन-कार्ड को वापस कार्यालय में सरेंडर करने की मुनादी की जा रही है. अन्यथा इन राशन-कार्ड से लिये गए गेहूं, चावल, चना, तेल व नमक तक को बाजार भाव से वसूलने की धमकी दी जा रही है. चुनाव निकल गया पहचानते नहीं.'
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ट्वीट में सीधा इशारा है कि अंत्योदय राशन कार्ड के अलावा अन्य सभी कार्ड धारकों को अब राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा जा रहा है. हालांकि, मुफ्त राशन योजना के कार्ड सरेंडर करने के बारे में सब कुछ बताते हुए अखिलेश यादव कैप्शन में उन परिस्थितियों की शर्तों के बारे में बताना भूल गए. क्योंकि, समाजवादी नेता अखिलेश यादव को जो भ्रम फैलाना था, वो उन शर्तों के सामने आने से शायद ही फैलता. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि मुफ्त राशन पर सब कुछ बता दिया, तो अखिलेश यादव कुछ परिस्थितियों की शर्त बताने से क्यों बच रहे हैं?
क्या हैं कार्ड सरेंडर करने की शर्त?
अखिलेश यादव की सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि 'कुछ परिस्थितियों की शर्त' लगाकर कार्ड धारकों से वसूली की जाने वाली है. लेकिन, इन शर्तों के बारे में चर्चा करने से अखिलेश ने दूरी बना ली. वैसे, अखिलेश यादव द्वारा शेयर किए गए वीडियो में मुनादी कर रहा शख्स कह रहा है कि जिन राशन कार्ड धारकों के पास चार पहिया, ट्रैक्टर, 5 एकड़ जमीन, शस्त्र लाइसेंस, 5 केवी जनरेटर, एसी, 100 वर्ग मीटर मकान या फ्लैट है. उन लोगों को राशन कार्ड सरेंडर करना होगा. इन शर्तों की लिस्ट में एक शर्त सरकारी कर्मचारी होने की भी है. वीडियो में साफ कहा गया है कि जो लोग राशन कार्ड का दुरुपयोग करते हुए गरीबों के राशन का अनुचित लाभ उठा रहे हैं. उनसे बाजार भाव पर राशन की कीमत की वसूली की जाएगी.
अखिलेश यादव क्यों फैला रहे हैं भ्रम?
- 'समाजवादी' नेता के अनुसार जिन परिस्थितियों की शर्त लगाकर लोगों को राशन कार्ड सरेंडर करने को कहा गया है. वो गलत हैं. लेकिन, जो शर्ते पूरी तरह से सुविधा-संपन्न लोगों के लिए हों. वो कैसे गलत कही जा सकती हैं? क्या अखिलेश यादव चाहते हैं कि चार पहिया, ट्रैक्टर, 5 एकड़ जमीन, शस्त्र लाइसेंस, 5 केवी जनरेटर, एसी, 100 वर्ग मीटर मकान या फ्लैट, सरकारी नौकरी जैसी सुविधाओं से संपन्न लोगों को राशन कार्ड के जरिये मुफ्त राशन का लाभ लेने का हक मिलना चाहिए? अखिलेश यादव की मानें, तो सरकारी नौकरी वालों और कार से चलने वालों को भी मुफ्त राशन दिया जाना चाहिए. 'समाजवादी' नेता के अनुसार, अंत्योदय कार्ड धारकों की तरह इन लोगों को भी मुफ्त राशन दिया जाना चाहिए. बावजूद इसके कि वह तमाम सुख-सुविधाएं भोग रहे हैं. क्या ये कहीं से भी लॉजिकल नजर आता है.
- 'समाजवादी' नेता के अनुसार, अंत्योदय कार्ड धारकों से इतर पात्र गृहस्थियों को मुफ्त राशन योजना का लाभ मिलता रहना चाहिए. और, वह इसके लिए कुछ परिस्थितयों की शर्त को नकारने पर आमादा हैं. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में जनता को महीने में दो बार राशन की सुविधा दी है. अगर इस योजना के लाभार्थियों में से सुविधा-संपन्न लोगों को हटाने की योजना योगी सरकार बना रही है, तो इसमें शायद ही किसी को कुछ गलत नजर आएगा. संभव है कि योगी सरकार इस तरह के फैसलों के सहारे गरीबों और जरूरतमंद लोगों को राशन आगे तक दिए जाने की योजना पर काम कर रही हो. अखिलेश यादव को क्या इससे परेशानी है कि गरीबों या जिन्हें लंबे समय तक मुफ्त राशन योजना की जरूरत है, उन्हें इसका लाभ मिले?
- अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं. तो, उन्होंने गलती से ऐसा भ्रम फैला दिया गया हो, ये बात आसानी से गले नहीं उतरती है. लिखी सी बात है कि जिसने भी अखिलेश को ये वीडियो भेजा होगा, तो इसे बिना देखे उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर नहीं किया होगा. जब समाजवादी नेता इस बात को जानते थे कि किन शर्तों पर राशन कार्ड को सरेंडर करने की बात कही गई है. तो, उन्होंने इस तरह का भ्रम फैलाकर क्या लोगों के बीच अफरा-तफरी मचवाने की नीयत से किया था. क्योंकि, ऐसे बचकाने आरोपों से योगी सरकार की छवि को कोई नुकसान पहुंचता नजर नहीं आता है.
क्या है योगी सरकार की मुफ्त राशन स्कीम?
कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई मोदी सरकार की मुफ्त राशन योजना खूब सराहा गया. पहली बार अंत्योदय कार्ड धारकों से इतर राशन पाने के लिए पात्र गृहस्थियों को भी इसमें शामिल किया गया. वहीं, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राशन योजना में एक और कदम आगे जाते हुए इसमें चना, रिफाइंड और नमक भी जोड़ दिया था. इस फैसले के बाद मुफ्त राशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में सभी पात्र गृहस्थियों को महीने में दो बार राशन मिलने लगा. वैसे, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के करीब 80 करोड़ राशन कार्ड धारकों को सितंबर 2022 तक मुफ्त राशन (Ration) मिलेगा. जबकि, योगी सरकार ने महीने में दो बार राशन की योजना को जून तक बढ़ा दिया था.
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