त्रिपुरा विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर मतदान जारी है. 3,214 मतदान केन्द्रों पर दोपहर 3 बजे तक 67 प्रतिशत पोलिंग हुई है. कहा जा सकता है कि त्रिपुरा का ये चुनाव राज्य के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और सीपीएम की प्रतिष्ठा का चुनाव है. ऐसा इसलिए क्योंकि त्रिपुरा ही भारत के उन गिने चुने राज्यों में है जहां वाम का लाल झंडा अभी भी बचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी इस चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है. त्रिपुरा के इस चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की साख का चुनाव माना जा रहा है. इसके पीछे का कारण राज्य में प्रधानमंत्री की रैलियां और अमित शाह का मैनेजमेंट है.
ज्ञात हो कि, चुनावों के मद्देनजर पूर्व में त्रिपुरा में की गयी रैलियों में पीएम ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री माणिक सरकार पर जम कर हमला बोला था. पीएम मोदी ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री माणिक सरकार की ईमानदारी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा था कि 'यहां की सरकार, केंद्र की ओर से दिए गए पैसों को भी खर्च नहीं कर पाई. त्रिपुरा में अगर 100 रुपए खर्च होता है, तो उसमें से 80 रुपए केंद्र खर्च करती है.' साथ ही पीएम मोदी ने ये भी कहा था कि वर्तमान सरकार घोटालों की सरकार है, जिनके घोटालों से पर्दा उठ चुका है और जनता जिसका जवाब चुनावों में देगी
I want to tell the Left- for years their loot and bullying tactics went unchecked, but no longer! The Left will be difficult to find in Tripura after the results are declared. pic.twitter.com/8j2KByW1p6
— Narendra Modi (@narendramodi)