क्या आब ढीठ हैं? नहीं ?? तो अब ढीठ बन जाइए. क्योंकि ढीठ बनकर अगर दुनिया बदल सकती है तो हम तो कहते हैं कि हर किसी ढीठ बन ही जाना चाहिए. कैसे?? ये मात्र 2 मिनट में समझा देंगे ये 4 वायरल वीडियोज़, जो चुप रहकर भी चीख चीख कर बता रहे हैं कि 'करो ठीक- बनो ढीठ'.
ढीठ बनकर बदला जा सकता है सबकुछ |
असल में 'करो ठीक- बनो ढीठ' एक कैंपेन का नारा है जिसे शुरू किया है श्री अधिकारी ब्रदर्स ग्रुप के यूथ चैनल 'मस्ती' ने. इस कैंपेन का मकसद न सिर्फ युवाओं में बदलाव लाना है बल्कि अपने आस-पास वालों की सोच को भी बदलना है, जिससे एक बेहतर कल बन सके.
ये भी पढ़ें- उम्मीदें अभी बाकी हैं मेरे दोस्त!
इस कैंपेन में खासतौर पर देश की कुछ ऐसी समस्याओं को उठाया गया है जिसपर लोग कभी सीरियसली नहीं सोचते, जैसै- ईव टीज़िंग, भ्रष्टाचार, कचरा फैलाना और शराब पीकर ड्राइविंग करना.
आज के युवा बहुत उत्साही हैं, लेकिन ये उत्साह अगर सही दिशा में लगा दिया जाए तो ये समस्याएं पैदा ही नहीं होंगी. और इसके लिए हर किसी को ढीठ बनकर इसके खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा.
देश के लोग नए साल पर न जाने क्या-क्या करने की सोच रहे हैं, लेकिन 2017 के लिए #BanoDheet से बेहतर रिज़ोल्यूशन तो कुछ हो ही नहीं सकता. इसलिए 'करो ठीक-बनो ढीठ'.
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क्या आब ढीठ हैं? नहीं ?? तो अब ढीठ बन जाइए. क्योंकि ढीठ बनकर अगर दुनिया बदल सकती है तो हम तो कहते हैं कि हर किसी ढीठ बन ही जाना चाहिए. कैसे?? ये मात्र 2 मिनट में समझा देंगे ये 4 वायरल वीडियोज़, जो चुप रहकर भी चीख चीख कर बता रहे हैं कि 'करो ठीक- बनो ढीठ'.
ढीठ बनकर बदला जा सकता है सबकुछ |
असल में 'करो ठीक- बनो ढीठ' एक कैंपेन का नारा है जिसे शुरू किया है श्री अधिकारी ब्रदर्स ग्रुप के यूथ चैनल 'मस्ती' ने. इस कैंपेन का मकसद न सिर्फ युवाओं में बदलाव लाना है बल्कि अपने आस-पास वालों की सोच को भी बदलना है, जिससे एक बेहतर कल बन सके.
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इस कैंपेन में खासतौर पर देश की कुछ ऐसी समस्याओं को उठाया गया है जिसपर लोग कभी सीरियसली नहीं सोचते, जैसै- ईव टीज़िंग, भ्रष्टाचार, कचरा फैलाना और शराब पीकर ड्राइविंग करना.
आज के युवा बहुत उत्साही हैं, लेकिन ये उत्साह अगर सही दिशा में लगा दिया जाए तो ये समस्याएं पैदा ही नहीं होंगी. और इसके लिए हर किसी को ढीठ बनकर इसके खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा.
देश के लोग नए साल पर न जाने क्या-क्या करने की सोच रहे हैं, लेकिन 2017 के लिए #BanoDheet से बेहतर रिज़ोल्यूशन तो कुछ हो ही नहीं सकता. इसलिए 'करो ठीक-बनो ढीठ'.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.