बिहार की शिक्षा व्यवस्था (Education System In Bihar) जब प्रकाश में आती है तो नया गुल ही खिलाती है. ज़रा सा याद कीजिए. कुछ साल पहले ही बिहार में बोर्ड परीक्षाओं (Bihar Board Results) के नतीजे आए थे. तो क्या खूब हैरतअंगेज कारनामा हुआ था. बोर्ड परीक्षाओं में टॅाप (Bihar Board Topper) करने वालों को अपने पूरे सब्जेक्ट तक की जानकारी नहीं थी. गणित में 90 प्रतिशत नंबर पाने वाले बच्चे अपने पांचो सब्जेक्ट में मिले नंबर तक नहीं जोड़ पा रहे थे. जांच हुयी आरोपी पकड़े गए जेल गए लेकिन क्या सबकुछ ठीक हो गया इसका दावा कौन कर सकता है. बिहार एक ऐसा राज्य हैं जहां के बच्चे काफी होनहार होते हैं. भारत में अलग अलग क्षेत्रों में बिहार के बच्चों ने अपने झंडे गाड़ रखे हैं लेकिन बिहार के सभी बच्चे होनहार नहीं हैं. ये बात तो उसी घोटाले (Bihar Toppers Scam) वाले नतीजों में साबित हो गई थी. ये तो महज एक घोटाला था जिसका आरोपी बच्चा राय था, ये पकड़ा भी तब गया जब इसने बच्चों को पास नहीं कराया था बल्कि टॅाप ही करा दिया था. सोचिए अगर टॅापर की जगह वो सारे बच्चे केवल पास होते तो क्या ये घोटाला कभी सामने आ पाता. क्या ये मामला इतना सुर्खियां न बटोरता तो क्या पूरा गैंग सलाखों के पीछे जाता.
ख़ैर छोड़िए ये पुरानी बात है पुराना किस्सा है. नया माजरा सुनिए, बिहार का मुजफ्फरपुर शहर है, शहर में बिहार विश्वविधालय का एक कालेज है बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर कालेज (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar College). संविधान निर्माता के नाम पर बने इस कालेज में जो हुआ उसकी चर्चा आग की तरह पूरे देश में फैल गई है. यहां एक छात्र ने स्नातक की परीक्षा के लिए फॅार्म भरा, फॅार्म में छात्र ने पिता वाले कॅालम में बॅालीवुड के अभिनेता इमरान हाशमी (Imran Hashmi) का नाम लिखा, माता वाले नाम के कॅालम में बॅालीवुड अभिनेत्री सनी लियोनी(Sunny Leone)का नाम लिखा और हद तो जब हो गई जब उसने अपना पता लिखा, छात्र ने पते में शहर के रेडलाइट एरिया का पता लिखा.
बिहार में एक बार फिर इमरान हाशमी लियोन शिक्षा की कलई खुली है
सोशल मीडिया पर अब यह एडमिट कार्ड तेजी के साथ वायरल हो रहा है. एडमिट कार्ड के होने का मतलब है कि विश्वविधालय प्रबंधन की इस पूरे मामले में घोर लापरवाही रही है. अब सवाल तो यही है कि क्या इस बच्चे ने स्नातक के पहले साल में भी यही नाम भरे थे या फिर स्नातक के दूसरे साल में ही उस बच्चे ने शरारत की है. अगर बच्चे की ओर से शरारत की गई और आनलाइन गलत विवरण दिया गया तो विश्वविधालय प्रबंधन ने एडमिट कार्ड जारी करने से पहले क्या कोई जांच पड़ताल ही नहीं की थी.
यह तो विश्वविधालय प्रबंधन और बच्चे की लापरवाही है लेकिन सोशल मीडिया पर तो इस ख़बर के अपने ही मज़े हैं. मामला इतना हाईलाइट हो गया कि इमरान हाशमी तक ख़बर आसानी से पहुंच गई. इमरान हाशमी ने भी फौरन ट्वीटर खोला और ट्वीट करते हुए लिखा 'वो मेरी औलाद नहीं है, मैं कसम खाता हूं' इमरान हाशमी के इस ट्वीट के बाद ट्वीटर पर उनके चाहने वाले उनसे ही मज़े लेने लगे.
कुछ ने तो इमरान हाशमी को बधाई ही दे डाली की 20 साल का लड़का मुबारक हो. इमरान हाशमी की प्रतिक्रिया पढ़ने के बाद लोग सनी लियोनी की भी प्रेफाइल खंगाल रहे हैं और उनकी भी प्रतिक्रिया जानने को उत्सुक हैं लेकिन सनी लियोनी शायद अभी इस पूरे घटनाक्रम से अंजान हैं.
इमरान हाशमी की प्रतिक्रिया ने ज़रूर इस पूरे घटनाक्रम को फनी ख़बर साबित कर दिया हो लेकिन ये एक बड़ी लापरवाही है जो विश्वविधालय की ओर से की गई है. किसी भी विश्वविधालय में एडमिट कार्ड जारी करने से पहले एक समय लिया जाता है और पहले विवरण की जांच की जाती है तब ही एडमिट कार्ड बनाए जाते हैं. लेकिन ऐसी ही लापरवाही हुआ करती है और गलत नाम से एडमिट कार्ड जारी हो जाते हैं फिर बच्चे अलग से परेशान होते हैं और भागदौड़ करते हैं.
देश के हर संस्थान को हर एक काम को सही ढ़ंग से करना चाहिए ताकि परीक्षा से पहले एडमिट कार्ड और परीक्षा के बाद मार्कशीट वगैरह में गलतियों की कोई गुंजाइश ही न रह जाए और बच्चों को भागदौड़ न करना पड़े. वहीं बिहार इस शरारती बच्चे को कड़ा सबक सिखाया जाना चाहिए ताकि वह एक उदाहरण बन जाए औऱ कोई दूसरा बच्चा इस तरह प्रकाश में आने के लिए ऐसी शरारत को न दोहरा सके. फिलहाल इस पूरे मामले को हल्के में तो हरगिज़ नहीं लेना चाहिए. इसकी जांच हो और दोषी को सजा मिले.
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