सुनो, बाबू! अगर तुम मुझसे प्यार करते हो तो मेरे लिए चाय तो बना ही सकते हो...लड़कियों का यह एक ऐसा हथकंडा है जिसके सामने लड़के को हार माननी ही पड़ती है, क्योंकि उसके पास पत्नी की बात मानने के सिवा और कोई चारा ही नहीं बचता.
खासकर लव मैरिज करने वाले लगभग हर लड़के को अपनी पत्नी की कोई बात काटने से पहले 10 दफा सोचना पड़ता है. एक लड़का अपनी शादी वाले दिन ही इस मायाजाल का शिकार हो गया, जिसके लोग अब मजे ले रहे हैं.
दरअसल, सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. दूल्हा-दुल्हन जयमाला के बाद बैठे हुए हैं. इसके बाद वहां मौजूद लोग तब हैरान हो जाते हैं, जब दुल्हन अपने होने वाले पति के सामने एक बड़ा सा कॉन्ट्रैक्ट पेपर (Contract Paper) रख देती है. जिस पर अधिकतर शर्तें उसकी तरफ से लिखी गईं हैं. अब दूल्हे को इन शर्तों को मानकर साइन करने के लिए कहा जाता है.
देखिए, दुल्हन की शर्तें क्या हैं?
- महीने में एक बार ही पिज्जा खाना है
- घर के खाने को हमेशा हां कहना है
- घर में हमेशा साड़ी ही पहननी है
- लेट नाइट पार्टी सिर्फ एक-दूसरे के साथ करनी है
- जिम रोज जाना है, गैप नहीं करना है
- हर संडे का नाश्ता पति बनाएंगे
- पार्टी में पत्नी की खूबसूरत फोटो लेनी है
- 15 दिन में पत्नी को शॉपिंग पर ले जाना है
इन शर्तों को अच्छी तरह पढ़ने के बाद पति और पत्नी ने कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर साइन किया. जिसके 2, 4 लोग...
सुनो, बाबू! अगर तुम मुझसे प्यार करते हो तो मेरे लिए चाय तो बना ही सकते हो...लड़कियों का यह एक ऐसा हथकंडा है जिसके सामने लड़के को हार माननी ही पड़ती है, क्योंकि उसके पास पत्नी की बात मानने के सिवा और कोई चारा ही नहीं बचता.
खासकर लव मैरिज करने वाले लगभग हर लड़के को अपनी पत्नी की कोई बात काटने से पहले 10 दफा सोचना पड़ता है. एक लड़का अपनी शादी वाले दिन ही इस मायाजाल का शिकार हो गया, जिसके लोग अब मजे ले रहे हैं.
दरअसल, सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. दूल्हा-दुल्हन जयमाला के बाद बैठे हुए हैं. इसके बाद वहां मौजूद लोग तब हैरान हो जाते हैं, जब दुल्हन अपने होने वाले पति के सामने एक बड़ा सा कॉन्ट्रैक्ट पेपर (Contract Paper) रख देती है. जिस पर अधिकतर शर्तें उसकी तरफ से लिखी गईं हैं. अब दूल्हे को इन शर्तों को मानकर साइन करने के लिए कहा जाता है.
देखिए, दुल्हन की शर्तें क्या हैं?
- महीने में एक बार ही पिज्जा खाना है
- घर के खाने को हमेशा हां कहना है
- घर में हमेशा साड़ी ही पहननी है
- लेट नाइट पार्टी सिर्फ एक-दूसरे के साथ करनी है
- जिम रोज जाना है, गैप नहीं करना है
- हर संडे का नाश्ता पति बनाएंगे
- पार्टी में पत्नी की खूबसूरत फोटो लेनी है
- 15 दिन में पत्नी को शॉपिंग पर ले जाना है
इन शर्तों को अच्छी तरह पढ़ने के बाद पति और पत्नी ने कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर साइन किया. जिसके 2, 4 लोग गवाह बने. बेचारा दूल्हा और कर भी क्या सकता था. वह मायाजाल में फंस चुका था. अगर वह पेपर साइन नहीं करता तो भी उसे शादी के बाद यह सब करना ही था.
अब अपने घर में शांति किसे अच्छी नहीं लगती है? आखिरकार होता तो वही है जो पत्नी चाहती है. वैसे यह पेपर साइन करके लड़के ने सारे झगड़े की जड़ ही खत्म कर दी है. अब अधिकतर लड़ाइयों की वहज तो इन शर्तों में ही छिपी है.
अब आजकल की लड़कियों को अपने पति में अच्छे फोटोग्राफर वाले गुण तो चाहिए ही होते हैं. अगर वे अच्छी फोटो नहीं खींच पाते तो उन्हें फोटोग्राफी सीखनी ही पड़ेगी. दूसरी बात पत्नी के खराब मूड को अच्छा करने का एक ही तरीका है कि उसे शॉपिंग पर ले जाओ. तीसरे नंबर पर आता है पिज्जा, जिसके बिना लड़कियों का खाना अधूरा होता है. एक बात और, लड़की भले ही कहे कि, वह बहुत फ्रैंक है लेकिन उसे यह बात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होती कि पति किसी और के साथ देर रात तक पार्टी करे...
सबसे खास बात याद रखना दोस्तों, कि अगर पत्नी गुस्से में कहती है कि "मुझे फोन मत करो" तो उसका मतलब है कि आपको उसे बार-बार फोन करना है. अगर वह कहती है कि, "हां सारी गलती तो मेरी ही है" तो आपको उसे बार-बार सॉरी कहना है. अगर वह कहती है कि "मुझे कोई गिफ्ट नहीं चाहिए" मतलब उसे सबसे अच्छा वाला ही गिफ्ट चाहिए. अगर वह कहती है कि "उसकी पड़ोसन टीना मनाली गई थी" तो उसका असल मतलब यह होता है उसे भी आप घुमाने लेकर जाओ.
अब इस दुल्हन ने अपनी इन्हीं बातों को साफ-साफ पेपर में लिखकर सारी बेवजह की बहस ही खत्म कर दी है. अब दोनों को पता है कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं. वहीं अगर दूल्हा-दुल्हन ने इन शर्तों को 3 से 4 बार नहीं माना तो यह कॉन्ट्रैक्ट खत्म भी हो जाएगा.
वैसे आपको क्या लगता है? इतनी शर्त मान लेने से पत्नी हमेशा खुश रहेगी, क्या वह दूसरी डिमांड नहीं करेगी? खैर, चिंता की कोई बात इसलिए नहीं है, क्योंकि पत्नियों के पास पति से हर काम निकलवाने की चाभी होती है... आपको क्या लगता है, यह कॉन्ट्रैक्ट पेपर महज एक छलावा है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.