पीयूष गोयल ने अपना पहला और मोदी सरकार का 2019 चुनाव से पहले आखिरी बजट पेश कर दिया है. nion Budget 2019 पेश करते समय पीयूष गोयल बहुत सी योजनाओं की घोषणा कर रहे थे. नरेंद्र मोदी सरकार ने इस बजट को पूरी तरह से वोटरों को लुभाने के लिए बनाया है. रेलवे, सेना, किसान, मिडिल क्लास, महिलाओं, सीनियर सिटिजन से लेकर गाय तक के लिए नई स्कीम और अलग से पैसे का आवंटन किया गया है. इसे Interim budget 2019 की जगह अगर लोकसभा इलेक्शन 2019 बजट कहा जाए तो गलत नहीं होगा.
मोदी सरकार ने एक तरफ तो देश की जनता को लुभाने के लिए लगभग सभी हथकंडे अपना लिए हैं, लेकिन अगर बात की जाए विपक्ष की तो विपक्ष अभी भी अपने आरोप-प्रत्यारोप के चक्कर में उलझ कर रह गए हैं. कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बजट के झूठ की पोल खोली जा रही है. यहां तक कि ट्विटर पर #AakhriJumlaBudget हैशटैग भी चलाया जा रहा है. यहां तक कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम तो बजट के साथ-साथ लाइव विरोध की ट्वीट भी कर रहे थे.
तेलंगाना कांग्रेस की ट्वीट तेलंगाना के किसानों को लेकर थी.
इस बजट में नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम शुरू की है जिसमें किसानों के खाते में 6 हज़ार रुपए सीधे जाएंगे.
डिफेंस बजट में पहली बार 3 लाख करोड़ से ज्यादा का आवंटन किया गया है.
सेना के लिए बजट कम पड़ने का आरोप हर साल लगाया जाता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है.
गांवों तक बिजली पहुंचाने का काम करने का श्रेय मोदी सरकार ने लिया है.
कांग्रेस ने यहां भी आरोप लगाया है कि - 'यूपीए सरकार ने गांवों तक बिजली पहुंचाने का कार्य मोदी सरकार के मुकाबले लगभग तीन गुना तेज गति से किया था. इसलिए मोदी सरकार के पास उपलब्धि के नाम पर कुछ बचा नहीं, तो झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है.'
इसके अलावा, कई कांग्रेसी नेताओं ने बजट 2019 को लेकर विरोधी ट्वीट करना शुरू कर दिया है.
सबसे बड़ी बात तो ये है कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी बजट के साथ-साथ लगातार ट्वीट करते जा रहे थे.
पी. चिदंबरम ने एक एक प्वाइंट लेकर बजट 2019 का विरोध किया है.
न सिर्फ पी चिदंबरम ने ये आरोप लगाया है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र से पीयूष गोयल ने कुछ लाइनें कॉपी की हैं बल्कि ये भी कि बजट 2019 की स्पीच में पीयूष गोयल और नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार दोनों ने बातों को बढ़ा चढ़ा कर बोला है. साथ ही ये ताना भी मारा है कि अगर नोटबंदी के दौर में सबसे ज्यादा ग्रोथ रही है तो एक बार फिर नोटबंदी कर देनी चाहिए.
अखिलेश यादव ने भी बजट पर मोदी सरकार का विरोध कर ही दिया.
पीयूष गोयल ने अगले 10 सालों के लिए अपनी स्कीम पेश की है और ऐसे में विपक्ष ये सोचने को मजबूर हो गया है कि जब 1 साल का बजट ठीक से लागू नहीं हो पाता तो 10 साल के विजन का क्या किया जाएगा.
न सिर्फ नेता बल्कि आम लोग भी बजट को लेकर कई विरोधी ट्वीट्स कर रहे हैं. सभी विपक्षी नेता इसे जुमलेबाज़ बजट बता रहे हैं. ये पूछा जा रहा है कि क्या इसके पहले किए गए वादे यानी काला धन आना, 15 लाख अकाउंट में आना सब पूरा हो गया जो अब इस बजट के वादों को भी देखा जाए?
मोदी सरकार के इस बजट में कई खूबियां हैं तो कुछ खामियां भी हैं और विपक्ष ये आरोप लगा रहा है कि यूनियन बजट 2019 में भी कई झूठ बोले गए हैं. अब देखना ये है कि कांग्रेस के आरोप ज्यादा कारगर होते हैं या फिर मोदी के वादे. लोकसभा चुनाव 2019 के पहले मोदी सरकार ने अपना आखिरी दांव खेल ही दिया.
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