सफलता के मद्देनजर कभी मौका मिले तो घर के बड़े बूढ़ों से बात कीजिये. बताया यही जाएगा कि ये क्षणिक नहीं होती और मेहनत से आती है. व्यक्ति को इसके लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है. कहने सुनने में भले ही ये एक बेहद साधारण सी बात हो लेकिन जब इसे ख़ुद पर लागू किया जाए तो तमाम तरह के संघर्ष हैं जिनका सामना हम करते हैं. 'सफल होने के लिए मेहनत की दरकार होती है.' ये सिर्फ हमारी आपकी दिनचर्या पर लागू नहीं होता.
सोशल मीडिया का भी यही दस्तूर है. चाहे वो फेसबुक - इंस्टाग्राम हों या ट्विटर प्रोपोगेंडा व्यक्ति को लाइमलाइट तो दिलवा सकता है मगर वो सफल हो जाए , लोग उसे हाथों हाथ लें बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं. किसी और का रुख क्या ही करें एक्टर स्वरा भास्कर को ही देख लीजिए. शायद ही कोई दिन बीतता हो जब अपने ट्वीट के कारण स्वरा चर्चा में न आती हों और लेने के देने न पड़ जाते हों.
स्वरा भास्कर जिनपर लोनी मामले के अंतर्गत सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए एफआईआर हुई है, उसी सोशल मीडिया पर स्वरा भास्कर जमकर आलोचना का शिकार हो रही हैं और उन्हें यूजर्स द्वारा जमकर खरी खोटी सुनाई जा रही है. ट्विटर पर यूजर्स की एक बड़ी संख्या ऐसी है जिसका मानना है कि इंसान कितना भी क्यों न बच ले एक न एक दिन कर्मा उसके पीछे लग ही जाता है.
बताते चलें कि एक्टर और एक्टिविस्ट स्वरा भास्कर पर धार्मिक भावना भड़काने के चलते पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. स्वरा पर आरोप है कि उन्होंने बिना तथ्यों की जांच किये ट्विटर पर एक ऐसा ट्वीट किया जिसने लोगों की धार्मिक भावना भड़काने का काम किया. स्वरा का ट्वीट फेक था इसलिए उनपर उचित एक्शन लिए जाने की मांग हुई. स्वरा के खिलाफ जो शिकायत हुई है उसके अनुसार स्वरा सेलिब्रिटी हैं और...
सफलता के मद्देनजर कभी मौका मिले तो घर के बड़े बूढ़ों से बात कीजिये. बताया यही जाएगा कि ये क्षणिक नहीं होती और मेहनत से आती है. व्यक्ति को इसके लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है. कहने सुनने में भले ही ये एक बेहद साधारण सी बात हो लेकिन जब इसे ख़ुद पर लागू किया जाए तो तमाम तरह के संघर्ष हैं जिनका सामना हम करते हैं. 'सफल होने के लिए मेहनत की दरकार होती है.' ये सिर्फ हमारी आपकी दिनचर्या पर लागू नहीं होता.
सोशल मीडिया का भी यही दस्तूर है. चाहे वो फेसबुक - इंस्टाग्राम हों या ट्विटर प्रोपोगेंडा व्यक्ति को लाइमलाइट तो दिलवा सकता है मगर वो सफल हो जाए , लोग उसे हाथों हाथ लें बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं. किसी और का रुख क्या ही करें एक्टर स्वरा भास्कर को ही देख लीजिए. शायद ही कोई दिन बीतता हो जब अपने ट्वीट के कारण स्वरा चर्चा में न आती हों और लेने के देने न पड़ जाते हों.
स्वरा भास्कर जिनपर लोनी मामले के अंतर्गत सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए एफआईआर हुई है, उसी सोशल मीडिया पर स्वरा भास्कर जमकर आलोचना का शिकार हो रही हैं और उन्हें यूजर्स द्वारा जमकर खरी खोटी सुनाई जा रही है. ट्विटर पर यूजर्स की एक बड़ी संख्या ऐसी है जिसका मानना है कि इंसान कितना भी क्यों न बच ले एक न एक दिन कर्मा उसके पीछे लग ही जाता है.
बताते चलें कि एक्टर और एक्टिविस्ट स्वरा भास्कर पर धार्मिक भावना भड़काने के चलते पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. स्वरा पर आरोप है कि उन्होंने बिना तथ्यों की जांच किये ट्विटर पर एक ऐसा ट्वीट किया जिसने लोगों की धार्मिक भावना भड़काने का काम किया. स्वरा का ट्वीट फेक था इसलिए उनपर उचित एक्शन लिए जाने की मांग हुई. स्वरा के खिलाफ जो शिकायत हुई है उसके अनुसार स्वरा सेलिब्रिटी हैं और सोशल मीडिया पर उनके फॉलोवर्स की संख्या लाखों में है. ऐसी स्थिति में उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए.
जो शिकायत स्वरा के खिलाफ हुई है उसमें इस बात का भी जिक्र है कि उन्होंने अपनी ट्विटर प्रोफाइल से 'नागरिकों के बीच नफरत फैलाने के काम को अंजाम दिया है.
तो स्वरा कैसे और क्यों घेरे में आईं
ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही स्वरा भास्कर ने गाजियाबाद के लोनी में हुई एक घटना का वीडियो पोस्ट किया था. ट्वीट के जरिये स्वरा ने बताया था कि कुछ लोगों द्वारा एक बुजुर्ग को वंदे मातरम बोलने के लिए बाध्य किया जा रहा है. व्यक्ति की पिटाई हुई है और उसकी दाढ़ी को भी काटा जा रहा है. स्वरा ने अपने ट्वीट में कहा कि भीड़ व्यक्ति से जय श्रीराम के नारे भी लगवा रही है. ट्वीट में जो अंदाज स्वरा का था साफ दिख रहा था कि वो अपनी बातों से लोगों को भड़काने का काम कर रही हैं. स्वरा ने जो बातें ट्विटर पर की यदि उनका अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि वो अपने ट्वीट से दो समुदायों के बीच दूरियां पैदा कर रही हैं.
घटना को पुलिस ने बताया था तांत्रिक साधना
स्वरा ने भले ही घटना को हिंदू मुस्लिम रंग में रंग दिया हो मगर इसपर पुलिस के अपने तर्क हैं. पुलिस ने गाजियाबाद के लोनी में हुई घटना को तांत्रिक साधना से जोड़ा है. पुलिस के अनुसार बुजुर्ग व्यक्ति ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिसके सही परिणाम न आने से आरोपी नाराज था और उसने घटना को अंजाम दिया. पुलिस के अनुसार जो तहरीर उसे पीड़ित बुजुर्ग की तरफ से मिली है उसमें न तो वंदे मातरम और न ही किसी धार्मिक नारे का जिक्र है.
क्या लिखा था स्वरा ने
स्वरा ने ट्वीट किया था कि 'आर डब्लू और संघी लगातार मेरी टाइम लाइन पर उल्टी कर रहे हैं क्योंकि गाजियाबाद पुलिस ने 3 मुसलमानों के नाम लिए हैं. मुख्य आरोपी परवेश गुर्जर है. व्यक्तिगत कैमरा पर है जो शख्स उस बूढ़े शख्स पर जय श्री राम का नारा लगाने के लिए दबाव डाल रहा है. मैं इसके लिए शर्मसार हूं और सभी को होना चाहिए.
अब जबकि वीडियो की सच्चाई कुछ और है जाहिर है आलोचकों को खुलकर स्वरा की आलोचना का मौका मिल गया. आइये नजर डालते हैं ट्विटर पर फैल रही कुछ प्रतिक्रियाओं पर.
मामले के मद्देनजर लोगों ने इसे हिंदू मुस्लिम रंग देना शुरू कर दिया. लोगों का तर्क है कि ये कोई आज का नहीं है जब केंद्र सरकार की आलोचना के नाम पर स्वरा झूठा प्रोपोगेंडा फैला रही हैं.
लोनी मामले के बाद यूजर्स यही कह रहे हैं कि स्वरा के अंदर लॉजिक नाम की कोई चीज नहीं है.
सोशल मीडिया पर यूजर्स उस कम्प्लेन को भी वायरल कर रहे हैं जो स्वरा के खिलाफ दर्ज हुई है.
यूजर्स इस बात को दोहरा रहे हैं कि स्वरा लगातार नफरत के दमपर अपनी राजनीति को चमका रही हैं.
सोशल मीडिया पर जैसा लोगों का अंदाज है साफ़ है कि लोग स्वरा से खफा हैं. लोगों का कहना है कि अब भी वक़्त है स्वरा को सुधर जाना चाहिए और फेक न्यूज़ से दूर हो जाना चाहिए. स्वरा जिस तरह अपने ट्वीट से दो समुदायों के बीच नफरत फैला रही हैं वो एक देश के रूप में भारत के लिए कहीं से भी सही नहीं है.
ये भी पढ़ें -
Twitter को ब्लॉक कर नाइजीरिया सरकार आई Koo पर, क्या है इसके मायने
महावत की मौत पर इमोशनल हुए हाथी को देख आंसू न बहाइये, संवेदना जगाइये
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.