2019 के लोकसभा चुनावों के तहत देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है. 'हम निभाएंगे' वादे के साथ कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना, रोजगार सृजन और किसानों के लिए अलग बजट समेत कई ऐसे वादे किये हैं जिनको यदि रैलियों में बतौर मुद्दा उठा लिया गया तो कहीं न कहें वो भाजपा को मुश्किल में डाल सकते हैं. 'जन आवाज' नाम के इस घोषणापत्र का यदि अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि इसमें कांग्रेस ने जहां एक तरफ 20 फीसदी गरीबों के लिए 'न्यूनतम आय योजना' शुरू करने का वादा किया है. तो वहीं 22 लाख सरकारी नौकरियों का वादा करके कांग्रेस ने देश के उस पढ़े लिखे वर्ग को आकर्षित करने का काम किया है जिनके पास डिग्रियां तो हैं मगर जो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.
मेनिफेस्टो जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर घेरा. राहुल ने कहा कि हम हर दिन प्रधानमंत्री के तमाम झूठ सुनते हैं. इसलिए हमारा कहना है कि हम अपने वादे को निभाएंगे. इसके अलावा राहुल गांधी ने ये भी बताया कि इस मेनिफेस्टो को एक साल की कड़ी मेहनत से लोगों की राय लेकर तैयार किया गया है. बात आगे बढ़ाने से पहले हमारे लिए इस मेनिफेस्टो की हाइलाइट्स जानना बहुत जरूरी है. तो आइये कुछ और समझने से पहले एक नजर डाल लें इस मेनिफेस्टो के उन बिन्दुओं पर जिनको लेकर कांग्रेस खासी उत्साहित नजर आ रही है.
अपने इस मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने ये वादा किया है कि यदि वो सत्ता में आती है तो वो देश के 20 फीसदी गरीबों के लिए 'न्यूनतम आय योजना' शुरू करेगी.
देश के पढ़े लिखे लोगों के लिए 22 लाख सरकारी नौकरियां, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने...
2019 के लोकसभा चुनावों के तहत देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है. 'हम निभाएंगे' वादे के साथ कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना, रोजगार सृजन और किसानों के लिए अलग बजट समेत कई ऐसे वादे किये हैं जिनको यदि रैलियों में बतौर मुद्दा उठा लिया गया तो कहीं न कहें वो भाजपा को मुश्किल में डाल सकते हैं. 'जन आवाज' नाम के इस घोषणापत्र का यदि अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि इसमें कांग्रेस ने जहां एक तरफ 20 फीसदी गरीबों के लिए 'न्यूनतम आय योजना' शुरू करने का वादा किया है. तो वहीं 22 लाख सरकारी नौकरियों का वादा करके कांग्रेस ने देश के उस पढ़े लिखे वर्ग को आकर्षित करने का काम किया है जिनके पास डिग्रियां तो हैं मगर जो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.
मेनिफेस्टो जारी करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर घेरा. राहुल ने कहा कि हम हर दिन प्रधानमंत्री के तमाम झूठ सुनते हैं. इसलिए हमारा कहना है कि हम अपने वादे को निभाएंगे. इसके अलावा राहुल गांधी ने ये भी बताया कि इस मेनिफेस्टो को एक साल की कड़ी मेहनत से लोगों की राय लेकर तैयार किया गया है. बात आगे बढ़ाने से पहले हमारे लिए इस मेनिफेस्टो की हाइलाइट्स जानना बहुत जरूरी है. तो आइये कुछ और समझने से पहले एक नजर डाल लें इस मेनिफेस्टो के उन बिन्दुओं पर जिनको लेकर कांग्रेस खासी उत्साहित नजर आ रही है.
अपने इस मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने ये वादा किया है कि यदि वो सत्ता में आती है तो वो देश के 20 फीसदी गरीबों के लिए 'न्यूनतम आय योजना' शुरू करेगी.
देश के पढ़े लिखे लोगों के लिए 22 लाख सरकारी नौकरियां, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ग्राम पंचायत में 10 लाख नौकरियां, किसानों के लिए अलग बजट.
कारोबार करने के लिए 3 साल तक किसी भी अनुमति की छूट
मनरेगा में 100 की बजाय अब 150 दिनों के रोजगार की गारंटी का वादा, जीडीपी का 6 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर होगा खर्च.
2019 आम चुनाव में भाजपा को फाइट देने के लिए जारी किये गए इस मेनिफेस्टो को लेकर जब हमने ट्विटर का रुख किया तो वहां इसे लेकर हमें जनता की मिश्रित राय मिली.
पत्रकार सुशांत सिन्हा ने इस मेनिफेस्टो को लेकर सवाल उठाया है कि, जिस तरह कांग्रेस ने अपने इस मेनिफेस्टो में नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है. वैसे ही क्यों नहीं कांग्रेस चुनाव लड़ने के लिए भी महिलाओं को 33 प्रतिशत का कोटा दे रहे हैं. सुशांत के अनुसार सबसे पहले तो कांग्रेस समें ही महिलाओं को चुनावों के लिए 33 प्रतिशत का कोटा मिलना चाहिए.
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इस मेनिफेस्टोकी जहां एक तरफ तारीफ की है वहीं उन्होंने कुछ प्रशन भी उठाए हैं. राजदीप ने कहा है कि ये बहुत अच्छी बात है कि इस मेनिफेस्टो में कृषि और रोजगार पर बात की गई है मगर सवाल ये उठता है कि कांग्रेस शासन करने की प्रणाली में कैसे सुधर करेगी.
वहीं अपने नाम के पीछे चौकीदार लगाने वाले अतुल कृष्णा के अनुसार इस मेनिफेस्टो के जरिये एक बार फिर कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति को अंजाम दिया है. अतुल के अनुसार ये घोषणापत्र अलगाववादियों और आतंकवादियों को फायदा देगा.
@kph0061 ने एक कार्टून के जरिये इस मेनिफेस्टो को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कार्टून के अनुसार कांग्रेस ने पिछले 60 सालों से इस देश के गरीबों का शोषण किया है.
साहिल पग्रोत्रा नाम के यूजर ने भी इस मेनिफेस्टो को लेकर कांग्रेस की तीखी आलोचना की है. साहिल ने कहा है कि इस मेनिफेस्टो को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे कांग्रेस को लगता है कि उसके वोटर देश तोड़ने वाले लोग हैं.
@scotchism नाम के यूजर ने ग्राफिक के जरिये उन बिन्दुओं को दर्शाया है जिनको भाजपा एक बड़ा मुद्दा बनाकर वोट झटक सकती है.
शहजाद पूनावाला ने भी इस मेनिफेस्टो को लेकर कांग्रेस सपर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं. अपने ट्वीट में शहजाद ने कहा है कि इस मेनिफेस्टो में ऐसी तमाम चीजें हैं जो टुकड़े-टुकड़े गैंग को नई ऊर्जा देती नजर आ रही हैं.
बहरहाल आलोचक जो भी कहें लेकिन कांग्रेस के नेता इस मेनिफेस्टो से खासे खुश हैं. मेनिफेस्टो को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के इस मेनिफेस्टो की चर्चा देश भर में होगी. गरीबों के कल्याण को इसमें जगह दी गई है. यह आगे बढ़ने वाला घोषणापत्र है, जिसमें गरीबों, छात्रों, किसानों और अल्पसंख्यकों समेत समाज के सभी वर्गों के कल्याण का ध्यान रखा गया है.
वहीं मेनिफेस्टो को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आ कहना है कि राहुल गांधी ने टीमों को भेजकर देश के तमाम हिस्सों में गरीबों, महिलाओं, बुजुर्गों, कर्मचारियों समेत सभी वर्गों की राय ली और फिर मेनिफेस्टो तैयार किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर हमला करते हुए गहलोत ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हर साल गरीबों को 6,000 रुपये देने का ऐलान किया है, जबकि कांग्रेस ने हर महीने इतनी रकम देने की बात कही है. इससे कांग्रेस और बीजेपी के बीच का अंतर पता चलता है.
इस घोषणापत्र का कितना फायदा कांग्रेस को मिलता है इसका फैसला जल्द ही हो जाएगा. मगर जिस तरह से ये मेनिफेस्टो तैयार हुआ है. साफ पता चलता है कि इसमें ऐसी तमाम बातों को शामिल किया गया है जिन्हें यदि कांग्रेस मुद्दों में परिवर्तित कर लेती है तो इससे भाजपा के लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं.
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