"एक नए भूकंप विनाशकारी भूकंप के लिए तैयार हो जाइए. ऐसा भूकंप जो दिल्ली से लेकर पाकिस्तान तक विनाश फैला देगा और लाखों लोगों का काल बन जाएगा! ये चातावनी नासा द्वारा जारी की गई है और 7 से 15 अप्रैल के बीच भूकंप की भविष्यवाणी की गई है".
क्या आपके पास भी ऐसा कोई मैसेज आया है? ये मैसेज इन दिनों वॉट्सएप पर वायरल हो रहा है. इस मैसेज में लिखा गया है कि, '9.1 या 9.2 रिक्टर स्केल का भूकंप आएगा और ऐसा माना जा रहा है कि लाखों लोगों की जान इसमें जाएगी. इसका केंद्र गुरुग्राम में रहेगा और इतिहास में दूसरी बार ऐसा भयानक भूकंप आएगा. ये नासा ने बताया है. दिल्ली एनसीआर का ये सबसे बड़ा भूकंप होगा. अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को ये जानकारी दीजिए कि हो सके तो दिल्ली एनसीआर से इस समय चले जाएं. इस भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान तक महसूस किए जा सकेंगे.'
अंग्रेजी में लिखा गया वायरल मैसेज कुछ ऐसा है..
अब इस मैसेज की हकीकत पर नजर डालते हैं...
पहली बात नासा की ऑफिशियल वेबसाइट का एड्रेस https://www.nasa.gov/ है. जबकि जिस www.nasaalert.com के हवाले से यह खबर फैलाई गई है, वह फेक वेबसाइट है. इस मैसेज को देखने से ही पता चलता है कि यह फर्जी है. इस मैसेज को बनाने वालों को यह भी पता नहीं था कि भूकंप का पैमाना Rector's scale नहीं, बल्कि richter's scale है.
और सबसे जरूरी बात कि अब तक ऐसी कोई भी तकनीक डेवलप ही नहीं हुई है जिससे भूकंप की सटीक जानकारी लगाई जा सके. हां, टेक्टॉनिक प्लेट्स की हरकतों से भूकंप के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी जरूर पाई जा सकती है. पर ऐसी किसी भी चेतावनी पर ध्यान देने से पहले ये सोच लें कि वॉट्सएप पर भेजी जाने वाली जानकारी सही भी है...
"एक नए भूकंप विनाशकारी भूकंप के लिए तैयार हो जाइए. ऐसा भूकंप जो दिल्ली से लेकर पाकिस्तान तक विनाश फैला देगा और लाखों लोगों का काल बन जाएगा! ये चातावनी नासा द्वारा जारी की गई है और 7 से 15 अप्रैल के बीच भूकंप की भविष्यवाणी की गई है".
क्या आपके पास भी ऐसा कोई मैसेज आया है? ये मैसेज इन दिनों वॉट्सएप पर वायरल हो रहा है. इस मैसेज में लिखा गया है कि, '9.1 या 9.2 रिक्टर स्केल का भूकंप आएगा और ऐसा माना जा रहा है कि लाखों लोगों की जान इसमें जाएगी. इसका केंद्र गुरुग्राम में रहेगा और इतिहास में दूसरी बार ऐसा भयानक भूकंप आएगा. ये नासा ने बताया है. दिल्ली एनसीआर का ये सबसे बड़ा भूकंप होगा. अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को ये जानकारी दीजिए कि हो सके तो दिल्ली एनसीआर से इस समय चले जाएं. इस भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान तक महसूस किए जा सकेंगे.'
अंग्रेजी में लिखा गया वायरल मैसेज कुछ ऐसा है..
अब इस मैसेज की हकीकत पर नजर डालते हैं...
पहली बात नासा की ऑफिशियल वेबसाइट का एड्रेस https://www.nasa.gov/ है. जबकि जिस www.nasaalert.com के हवाले से यह खबर फैलाई गई है, वह फेक वेबसाइट है. इस मैसेज को देखने से ही पता चलता है कि यह फर्जी है. इस मैसेज को बनाने वालों को यह भी पता नहीं था कि भूकंप का पैमाना Rector's scale नहीं, बल्कि richter's scale है.
और सबसे जरूरी बात कि अब तक ऐसी कोई भी तकनीक डेवलप ही नहीं हुई है जिससे भूकंप की सटीक जानकारी लगाई जा सके. हां, टेक्टॉनिक प्लेट्स की हरकतों से भूकंप के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी जरूर पाई जा सकती है. पर ऐसी किसी भी चेतावनी पर ध्यान देने से पहले ये सोच लें कि वॉट्सएप पर भेजी जाने वाली जानकारी सही भी है या नहीं?
क्यों अफवाहें आती हैं वॉट्सएप पर...
सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और फेक फोटो भेजने का ट्रेंड कोई नया नहीं है. ये हमेशा आती ही रहती हैं. फेक न्यूज फैलाने में सबसे तेज़ वॉट्सएप ही रहता है. इसका कारण ये है कि वॉट्सएप पर भेजा गया मैसेज या फोटो वायरल होने के बाद ट्रैक नहीं किया जा सकता. यानी ये कहां से जनरेट हुआ है इसका सोर्स बताना बहुत मुश्किल है. लेकिन एक सावधानी जरूर बरतें कि जिस फर्जी वेबसाइट के हवाले से ये जानकारी जारी की गई, उसे इंटरनेट पर न ढूंढे और न ही उन्हें अपने बारे में कोई जानकारी दें. ऐसी वेबसाइट हैकर्स ही बनाते हैं और फिर वे आपकी सेंसिटिव जानकारियों का दुरुपयोग कर सकते हैं.
सोशल मीडिया खासतौर पर वॉट्सएप पर बहुत सारी ऐसी खबरें वायरल होती रहती हैं. ऐसे में ये जरूरी नहीं कि इन सभी पर यकीन किया जाए. भले ही वो खबर किसी भी इंसान ने भेजी हो.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.