नोएडा (Noida) में एक महिला ने सिक्योरिटी गार्ड (Security Guard) को गालियां दीं और लगातार तीन थप्पड़ (Slap) जड़ दिए, क्योंकि उसने गेट खोलने में थोड़ी देर कर दी थी. मामला नोएडा सेक्टर 121 के क्लियो काउंटी सोसाइटी का है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. महिला का नाम सुतापा दास है जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है. बताइए जब शिक्षक होकर भी इस बात की तमीज नहीं है कि लोगों के साथ किस तरह से पेश आना चाहिए, पता नहीं यह अपनी कक्षा में छात्रों को क्या सीखाती होंगी?
वायरल वीडियो में तीन सिक्योरिटी गार्ड दिख रहे हैं. जो अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं. तभी वहां से लाल कार गुजरती है, उसके बाद एक काली गाड़ी गुजरती है. थोड़ी देर बाद एक गार्ड बाहर गेट की तरफ जाता है तभी कार से उतर कर एक महिला गुस्से में तमतमाए हुए उसकी तरफ आती है. वह कुछ बड़बड़ा रही है और बिना कुछ पूछे ही गार्ड को थप्पड़ मारने लगती है. वह इतने पर नहीं रूकती है वह गार्ड को गाली और धमकी देती है. गार्ड महिला होने के नाते उसकी इज्जत करता है और अपने पदम पीछे करता है वह फिर भी नहीं रूक रही और गार्ड पर हावी होती जा रही है.
सोचिए गार्ड को भी अगर गुस्सा आ जाता तो? अगर वह भी महिला पर हाथ छोड़ देता तब तो उसकी सारी हेकड़ी निकल जाती. गार्ड चाहता तो महिला को धक्का देकर पीछे कर सकता था, महिला को गाली दे सकता था मगर उसने ऐसा कुछ नहीं किया, क्योंकि संस्कार ने उसके हाथ रोक लिए.
गार्ड का कहना है कि, "हम आरएफआईडी का काम कर रहे थे. जिस पर उनकी गाड़ी का नंबर नहीं आ रहा था. इसके बावजूद मैनुअल करके उनकी गाड़ी अंदर कर दी गई फिर भी वे गाड़ी से उतरकर गाली-गलौज करते...
नोएडा (Noida) में एक महिला ने सिक्योरिटी गार्ड (Security Guard) को गालियां दीं और लगातार तीन थप्पड़ (Slap) जड़ दिए, क्योंकि उसने गेट खोलने में थोड़ी देर कर दी थी. मामला नोएडा सेक्टर 121 के क्लियो काउंटी सोसाइटी का है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. महिला का नाम सुतापा दास है जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है. बताइए जब शिक्षक होकर भी इस बात की तमीज नहीं है कि लोगों के साथ किस तरह से पेश आना चाहिए, पता नहीं यह अपनी कक्षा में छात्रों को क्या सीखाती होंगी?
वायरल वीडियो में तीन सिक्योरिटी गार्ड दिख रहे हैं. जो अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं. तभी वहां से लाल कार गुजरती है, उसके बाद एक काली गाड़ी गुजरती है. थोड़ी देर बाद एक गार्ड बाहर गेट की तरफ जाता है तभी कार से उतर कर एक महिला गुस्से में तमतमाए हुए उसकी तरफ आती है. वह कुछ बड़बड़ा रही है और बिना कुछ पूछे ही गार्ड को थप्पड़ मारने लगती है. वह इतने पर नहीं रूकती है वह गार्ड को गाली और धमकी देती है. गार्ड महिला होने के नाते उसकी इज्जत करता है और अपने पदम पीछे करता है वह फिर भी नहीं रूक रही और गार्ड पर हावी होती जा रही है.
सोचिए गार्ड को भी अगर गुस्सा आ जाता तो? अगर वह भी महिला पर हाथ छोड़ देता तब तो उसकी सारी हेकड़ी निकल जाती. गार्ड चाहता तो महिला को धक्का देकर पीछे कर सकता था, महिला को गाली दे सकता था मगर उसने ऐसा कुछ नहीं किया, क्योंकि संस्कार ने उसके हाथ रोक लिए.
गार्ड का कहना है कि, "हम आरएफआईडी का काम कर रहे थे. जिस पर उनकी गाड़ी का नंबर नहीं आ रहा था. इसके बावजूद मैनुअल करके उनकी गाड़ी अंदर कर दी गई फिर भी वे गाड़ी से उतरकर गाली-गलौज करते हुए हमें मारने लगीं. उन्होंने हमें काट डालने की धमकी दी. इसके बाद हमने 'डायल 112' को फोन किया".
गार्ड एक तो गरीब है ऊपर से पुरुष है. अगर उसने महिला के तीन थप्पड़ का जवाब दिया होता तो सारा दोष उसके ऊपर लगता, वह पुरुष जो ठहरा. शायद उसकी नौकरी भी चली जाती. वैसे भी गार्ड को पूछता कौन है? गरीब इंसान की इस जहां भी औकात ही क्या है जो वह किसी अमीर के मुंह लगे...तभी तो थप्पड़बाद महिला को तुंरत जमानत मिल गई.
हुआ यूं कि पीड़ित गार्ड ने थाने में महिला की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्द कर थाने में महिला को बुलाया और उसे जमानत भी दे दी. वह गार्ड क्या करेगा, मुकदमा लड़ता रहे और उस महिला की हर रोज शक्ल देखता रहे. उसके लिए गेट खोलता रहे, जैसे उसका कोई आत्मसम्मान ही नहीं है. वह और कर भी क्या सकता है, पापी पेट का सवाल जो है.
असल में महिला गेट देरी से खोले जाने पर इतना उग्र हो गई कि आस-पास खड़े दूसरे गार्ड भी अपने साथी की मदद के लिए आगे नहीं आए. समझ नहीं आता कि आजकल कुछ महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर क्यों पहुंच गया है? अभी पिछले महीने जेपी विशटाउन सोसायटी की 32 वर्षीय भव्या राय ने भी गार्ड के साथ गालीगलौज और धक्का मुक्की की थी. महिलाओं के इस रूप की वजह से दूसरी औरते में शक की घेरे में आ गई हैं. खैर, इससे इन्हें क्या?
एक दिन अगर यह महिला गार्ड की नौकरी करती तब इसका दिमाग ठिकाने आ जाता कि एक छोटी सी तनख्वाह के लिए दिन भर धूप में खड़े रहना क्या होता है? फिलहाल तो इन्हें गुड बिहेवियर क्लासेज की जरूरत है. वैसे एंगर मैनेजमेंट का कोर्स लेतीं तो भी सही रहता, नहीं कुछ तो...कम से कम डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज औऱ अनुलोम-विलोम तो ही कर लेतीं.
कम से कम ये बेवजह गरीब लोगों पर अपना गुस्सा तो नहीं उतारेंगी...वैसे लोगों ने इस महिला के नाम पर खूब थू-थू किया है....आपकी इस महिला के बारे में क्या राय है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.