काफी समय से विवादों में चल रहा जस्टिस लोया की मौत का मामला एक बार फिर से सुर्खियां बन गया है. हाल ही में जस्टिस लोया के बेटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लग रहा है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उन्होंने ही आयोजित की थी. आपको बता दें कि जस्टिस लोया सीबीआई की विशेष अदालत के जज थे, जो अपनी मौत से पहले गुजरात के बेहद चर्चित केस शोहराबुद्दीन शेख के एनकाउंटर मामले की जांच कर रहे थे. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे. अब तो इस केस में अमित शाह को दोषमुक्त भी करार दिया जा चुका है, लेकिन भाजपा और अमित शाह के विरोधियों ने जस्टिस लोया के बेटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में से भी वह मुद्दा उठा लिया, जिसे लेकर उन पर फिर से आरोप लगाया जा सके. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोया के बेटे अनुज ने कहा है कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक थी, न की उनकी हत्या हुई थी. आइए जानते हैं अमित शाह पर लगे इस आरोप की सच्चाई.
क्यों लग रहा ये आरोप?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जस्टिस लोया के सहकर्मी और दोस्त ने कहा कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन 'मिनिस्टर अमित सर' ने कराया है. बस यहीं से अमित शाह पर सवाल उठने शुरू हो गए. एक के बाद एक कई लोगों ने यह आरोप लगाया है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अमित शाह ने आयोजित कराई थी. दरअसल, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए लोया के बेटे अनुज ने अपने पिता की मौत को प्राकृतिक कहा है और हत्या की किसी भी आशंका से साफ इंकार किया है. अनुज ने कहा कि पहले उन्हें और उनके परिवार को जस्टिस लोया की मौत को लेकर संदेह था, लेकिन अब किसी के भी मन में ऐसी कोई आशंका नहीं है कि उनकी हत्या की गई थी. आरोप लगाया जा रहा है कि अनुज लोया ने यह सारी बातें दबाव में आकर कही हैं.
कौन-कौन लगा रहे हैं...
काफी समय से विवादों में चल रहा जस्टिस लोया की मौत का मामला एक बार फिर से सुर्खियां बन गया है. हाल ही में जस्टिस लोया के बेटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लग रहा है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उन्होंने ही आयोजित की थी. आपको बता दें कि जस्टिस लोया सीबीआई की विशेष अदालत के जज थे, जो अपनी मौत से पहले गुजरात के बेहद चर्चित केस शोहराबुद्दीन शेख के एनकाउंटर मामले की जांच कर रहे थे. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे. अब तो इस केस में अमित शाह को दोषमुक्त भी करार दिया जा चुका है, लेकिन भाजपा और अमित शाह के विरोधियों ने जस्टिस लोया के बेटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में से भी वह मुद्दा उठा लिया, जिसे लेकर उन पर फिर से आरोप लगाया जा सके. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोया के बेटे अनुज ने कहा है कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक थी, न की उनकी हत्या हुई थी. आइए जानते हैं अमित शाह पर लगे इस आरोप की सच्चाई.
क्यों लग रहा ये आरोप?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जस्टिस लोया के सहकर्मी और दोस्त ने कहा कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन 'मिनिस्टर अमित सर' ने कराया है. बस यहीं से अमित शाह पर सवाल उठने शुरू हो गए. एक के बाद एक कई लोगों ने यह आरोप लगाया है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अमित शाह ने आयोजित कराई थी. दरअसल, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए लोया के बेटे अनुज ने अपने पिता की मौत को प्राकृतिक कहा है और हत्या की किसी भी आशंका से साफ इंकार किया है. अनुज ने कहा कि पहले उन्हें और उनके परिवार को जस्टिस लोया की मौत को लेकर संदेह था, लेकिन अब किसी के भी मन में ऐसी कोई आशंका नहीं है कि उनकी हत्या की गई थी. आरोप लगाया जा रहा है कि अनुज लोया ने यह सारी बातें दबाव में आकर कही हैं.
कौन-कौन लगा रहे हैं आरोप?
इस आरोप को लगाने वालों में पहला नाम कांग्रेस के गौरव पंधी का है, जिन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया है. गौरव कांग्रेस की 'डिजिटल कम्युनिकेशन टीम' के सदस्य भी रह चुके हैं. इसके जरिए उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि जस्टिस लोया के दोस्त ने अमित शाह का नाम लिया है. आप भी देखिए इस वीडियो को.
Loya's former colleague accidentally reveals, the PC (of Loya's son) was organized by Amit Shah himself. If so, it needs to be investigated if Amit Shah is pressurizing Loya's son. His family raised the doubts on Loya's death earlier; high possibility of shah pressurizing them! pic.twitter.com/xVDWm2VMF3
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) January 14, 2018
गौरव के अलावा मोदी सरकार के आलोचक प्रशांत भूषण को भी कुछ इसी तरह का संदेह है, जिसे लेकर उन्होंने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनुज लोया के हाव-भाव देखिए, वह दबाव में लग रहे हैं. एक हैंडलर ने कहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस अमित शाह ने आयोजित की थी.
प्रशांत भूषण के ट्वीट को ही कॉपी-पेस्ट करते हुए एक गुजरात के एक आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने भी ट्वीट किया है. आपको बता दें कि संजीव भट्ट वही शख़्स हैं, जिन्होंने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका होने की बात कहते हुए उन पर सवाल खड़े किए थे.
क्या है सच?
अमित शाह पर आरोप सिर्फ इसलिए लग रहे हैं क्योंकि जस्टिस लोया के दोस्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए 'मिनिस्टर अमित सर' को धन्यवाद कहा. द वायर मीडिया की सोशल मीडिया एडिटर कार्निका कोहली ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अनुज लोया के वकील का नाम अमित नाइक है, जो उस समय वहीं पर बैठे थे. यहां 'अमित सर' से मतलब अमित नाइक था, न कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह.
कुछ लोग इस बात को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं कि अगर उनका मतलब अमित नाइक से था तो उन्होंने अपनी बात में मिनिस्टर क्यों कहा? खैर, आपको बता दें कि अमित शाह कोई मिनिस्टर यानी मंत्री नहीं हैं, वह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं. पत्रकार और एबीपी न्यूज के एंकर अभिसार शर्मा ने भी ट्वीट करते हुए इसकी पुष्टि की है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर प्रेंस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कराने के सभी आरोप गलत साबित हुए हैं. दरअसल, यह सारा कंफ्यूजन इसलिए हुआ, क्योंकि जस्टिस लोया के दोस्त ने 'मिनिस्टर अमित सर' कहा. इसी कंफ्यूजन के चलते सोशल मीडिया पर लोग इसे तेजी से शेयर भी कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस आरोप के पीछे का सच जानने की कोशिश कर रहे हैं और सही जानकारी शेयर कर रहे हैं. आप भी सोशल मीडिया पर आने वाली जानकारी को बिना देखे और समझे शेयर न करें. किसी वीडियो या संदेश पर कोई शक हो तो पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर कर लें.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.