हाल ही में केन्द्रीय मंत्री और ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्विटर पर एक फिटनेस चैलेंज शुरू किया था. उन्होंने ट्विटर पर डाले वीडियो में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को भी चैलेंज किया था. विराट कोहली ने इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए अपनी कसरत का एक वीडियो अपलोड किया और साथ ही देश के प्रधानमंत्री को भी चैलेंज कर दिया. बुधवार रात करीब 8 बजे विराट ने इस बारे में ट्वीट किया. जिसका जवाब प्रधानमंत्री ने गुरुवार की सुबह करीब 8 बजे 'Challenge accepted' (चुनौती मंजूर) के रूप में दे भी दिया. उन्होंने कहा वह भी जल्द ही अपना वीडियो डालेंगे. लेकिन फिटनेस को लेकर शुरू हुए इस चैलेंज को कई ट्विटर यूजर एक अलग ही मोड़ दे रहे हैं. पीएम मोदी के इस चैलेंज को स्वीकार करने पर उनके अपने ही सुझाव हैं :
क्या मिल रहे हैं सुझाव?
ट्विटर पर कोई पीएम मोदी को इन दिनों तूतीकोरिन में चल रही हिंसा को लेकर चैलेंज कर रहा है तो कोई पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर पीएम मोदी को चैलेंज करने की बात कर रहा है. चलिए एक बार देख लेते हैं कैसे-कैसे चैलेंज देने के सुझाव मिल रहे हैं. पहले देख लीजिए केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का वो वीडियो, जिससे ये सब शुरू हुआ.
तेजस्वी यादव ने कहा है- क्योंकि हमें विराट कोहली की तरफ से कोई चैलेंज नहीं मिला है. मैं आपको युवाओं को नौकरी देने और किसानों को मदद देने, दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा नहीं होने का वादा करने का चैलेंज करता...
हाल ही में केन्द्रीय मंत्री और ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्विटर पर एक फिटनेस चैलेंज शुरू किया था. उन्होंने ट्विटर पर डाले वीडियो में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को भी चैलेंज किया था. विराट कोहली ने इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए अपनी कसरत का एक वीडियो अपलोड किया और साथ ही देश के प्रधानमंत्री को भी चैलेंज कर दिया. बुधवार रात करीब 8 बजे विराट ने इस बारे में ट्वीट किया. जिसका जवाब प्रधानमंत्री ने गुरुवार की सुबह करीब 8 बजे 'Challenge accepted' (चुनौती मंजूर) के रूप में दे भी दिया. उन्होंने कहा वह भी जल्द ही अपना वीडियो डालेंगे. लेकिन फिटनेस को लेकर शुरू हुए इस चैलेंज को कई ट्विटर यूजर एक अलग ही मोड़ दे रहे हैं. पीएम मोदी के इस चैलेंज को स्वीकार करने पर उनके अपने ही सुझाव हैं :
क्या मिल रहे हैं सुझाव?
ट्विटर पर कोई पीएम मोदी को इन दिनों तूतीकोरिन में चल रही हिंसा को लेकर चैलेंज कर रहा है तो कोई पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर पीएम मोदी को चैलेंज करने की बात कर रहा है. चलिए एक बार देख लेते हैं कैसे-कैसे चैलेंज देने के सुझाव मिल रहे हैं. पहले देख लीजिए केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का वो वीडियो, जिससे ये सब शुरू हुआ.
तेजस्वी यादव ने कहा है- क्योंकि हमें विराट कोहली की तरफ से कोई चैलेंज नहीं मिला है. मैं आपको युवाओं को नौकरी देने और किसानों को मदद देने, दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा नहीं होने का वादा करने का चैलेंज करता हूं. क्या आप मेरा चैलेंज स्वीकार करेंगे नरेंद्र मोदी सर?
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है- सर, मैं आपको देश की अर्थव्यवस्था को फिट करने का चैलेंज करती हूं. मुझे उम्मीद है कि आप वो चैलेंज भी स्वीकार करेंगे.
पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी लिखती हैं- अगर आपके पास समय है तो क्या आप हमें स्टरलाइट में हो रही हिंसा और तेल की बढ़ती कीमतों पर भी अपने विचार बताएंगे या हमें नेहरू को दोषी ठहराना चाहिए.
विराट! कृपया मोदी साहिब को पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और स्टरलाइट में हुई मौतों को लेकर भी चैलेंज कीजिए, क्योंकि वह सिर्फ आपकी ही बात सुनेंगे और आपके चैलेंज स्वीकार करेंगे. बाकी लोगों की आवाज से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है.
सर उस चैलेंज का क्या जो जनता की ओर से निर्दोष हिंदू संतों को न्याय दिलाने के लिए दिया गया था. बापूजी के साथ हो रहे अन्याय के बारे में जनता सब जानती है. आसारान बापू जी को न्याय दिलाने में देरी से न्याय व्यवस्था पर लोगों का जो भरोसा है वो टूटेगा और सरकार पर भरोसा भी टूटेगा.
सर, टैक्सपेयर आपके ऑफिशियर और अनऑफिशियल विदेशी दौरों पर कुछ कहना चाहते हैं.
मनीष छिब्बर कहते हैं- मुझे लगता है कि लोग सरकार के फिटनेस चैलेंज को सही से नहीं समझ पा रहे हैं. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और सरकार के कुछ न कर पाने पर फिटनेस मंत्र से आप जहां चाहें जा सकते हैं (दौड़कर या चलकर). महंगे पेट्रोल की भी कोई जरूरत नहीं है. फिट होगा तभी तो चलेगा इंडिया.
लेखक और कॉमेडियन अजीम बनाटवाला पीएम मोदी द्वारा कोहली का चैलेंज स्वीकार करते पर कहते हैं- क्या आपका ये वीडियो वादों से भागने वाला होगा सर?
फिटनेस को लेकर जो चैलेंज शुरू किया गया है, उसने देखते ही देखते एक सियासी मोड़ ले लिया है. अब जहां एक ओर बहुत से लोग इस चैलेंज को स्वीकार कर रहे हैं, वहीं बहुत लोग इसी बहाने मोदी सरकार और पीएम मोदी पर हमला भी बोल रहे हैं. भले ही इसे चैलेंज को एक सियासी रुख दिया जा चुका है, लेकिन हर किसी को खुद को फिट रखने के रोज कसरत करनी चाहिए. क्योंकि हेल्थ इज वेल्थ.
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