'10 मई, 2016. सिविल सर्विसेज एग्जाम 2015 का फाइनल रिजल्ट आने वाला था. मैं अरुण सुदर्सन के साथ स्ट्रेस को दूर करने के लिए बाहर निकली. मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ. अगले दिन अखबार टॉपर्स की तस्वीरों से भरे पड़े थे और टाइम्स ऑफ इंडिया ने ये तस्वीर छाप दी. अरुण ने टाइम्स ऑफ इंडिया में फोन करके फोटो छापने पर आपत्ति जताई. मैंने इसे एक संकेत के रूप में लिया कि मेरी तस्वीर PSC टॉपर्स से भरे पेपर में होनी चाहिए और मैं खुशी-खुशी किसी भी मंजिल की ओर चल सकती हूं, जिसमें कोई छाता पकड़े हुए है और जब मैं हर कदम उठाती हूं तो मुझे प्यार से देखता है. बाद में मेरा सलेक्शन हुआ और हमने शादी कर ली. कुछ दिन पहले मैं इस तस्वीर के बारे में सोच रही थी और अरुण ने फोटोग्राफर राकेश नायर से संपर्क किया. शिकायत की वजह से उन्हें फोटो याद थी. उन्होंने हमें फोटो भेज दी. उनका बहुत-बहुत शुक्रिया.'
उपरोक्त कथन उस ट्वीट का हिस्सा है जो त्रिपुरा के कंचनपुर की एसडीएम और 2017 बैच की आईएएस चांदनी चंद्रन ने ट्विटर पर पोस्ट किया है. चांदनी ने ट्विटर पर अपने सिविल सर्विसेज की तैयारी के दिनों की एक तस्वीर शेयर की है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि कैसे सिविल सर्विसेज में सिलेक्शन न होने के बावजूद टॉपर्स के साथ उनकी तस्वीर छप गयी. चांदनी की ये तस्वीर हर उस फ़ोटो ग्राफर/ फ़ोटो जॉर्नलिस्ट से सवाल है जो पब्लिक प्लेस पर बिना किसी की अनुमति के तस्वीरें लेते हैं और बिना किसी परिणाम की चिंता किये उसे पब्लिक कर देते हैं.
तस्वीर और चांदनी चंद्रन पर बात करने से पहले हम अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, रशिया की बात कर लेते हैं. ये तो हमें पता ही है कि इन तमाम देशों...
'10 मई, 2016. सिविल सर्विसेज एग्जाम 2015 का फाइनल रिजल्ट आने वाला था. मैं अरुण सुदर्सन के साथ स्ट्रेस को दूर करने के लिए बाहर निकली. मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ. अगले दिन अखबार टॉपर्स की तस्वीरों से भरे पड़े थे और टाइम्स ऑफ इंडिया ने ये तस्वीर छाप दी. अरुण ने टाइम्स ऑफ इंडिया में फोन करके फोटो छापने पर आपत्ति जताई. मैंने इसे एक संकेत के रूप में लिया कि मेरी तस्वीर PSC टॉपर्स से भरे पेपर में होनी चाहिए और मैं खुशी-खुशी किसी भी मंजिल की ओर चल सकती हूं, जिसमें कोई छाता पकड़े हुए है और जब मैं हर कदम उठाती हूं तो मुझे प्यार से देखता है. बाद में मेरा सलेक्शन हुआ और हमने शादी कर ली. कुछ दिन पहले मैं इस तस्वीर के बारे में सोच रही थी और अरुण ने फोटोग्राफर राकेश नायर से संपर्क किया. शिकायत की वजह से उन्हें फोटो याद थी. उन्होंने हमें फोटो भेज दी. उनका बहुत-बहुत शुक्रिया.'
उपरोक्त कथन उस ट्वीट का हिस्सा है जो त्रिपुरा के कंचनपुर की एसडीएम और 2017 बैच की आईएएस चांदनी चंद्रन ने ट्विटर पर पोस्ट किया है. चांदनी ने ट्विटर पर अपने सिविल सर्विसेज की तैयारी के दिनों की एक तस्वीर शेयर की है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि कैसे सिविल सर्विसेज में सिलेक्शन न होने के बावजूद टॉपर्स के साथ उनकी तस्वीर छप गयी. चांदनी की ये तस्वीर हर उस फ़ोटो ग्राफर/ फ़ोटो जॉर्नलिस्ट से सवाल है जो पब्लिक प्लेस पर बिना किसी की अनुमति के तस्वीरें लेते हैं और बिना किसी परिणाम की चिंता किये उसे पब्लिक कर देते हैं.
तस्वीर और चांदनी चंद्रन पर बात करने से पहले हम अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, रशिया की बात कर लेते हैं. ये तो हमें पता ही है कि इन तमाम देशों और विश्व के कई देशों का निजाम भारत से कहीं जुदा है. साथ ही वहां लोग भी जागरूक है. शायद आपको सुनकर हैरत हो कि विदेश में बिना व्यक्ति की अनुमति के कोई भी फोटो ग्राफर उसकी तस्वीर अपने कैमरे में उतार नहीं सकता. ये प्राइवेसी का उल्लंघन तो है ही, कानूनन अपराध भी है.
चाहे व्यक्ति समाज के किसी भी तबके का हो और वो इस संदर्भ में शिकायत कर देता है तो जहां मुआवजा लाखों- करोड़ों का होता है वहीं जेल जाने की भी प्रबल संभावना है. स्थिति जब ऐसी हो तो बिना अनुमति ली गयी तस्वीरों को पब्लिक करने की तो बात ही नहीं उठती.
क्या हुआ था आईएएस चांदनी चंद्रन के साथ
बात 2016 की है. चांदनी चंद्रन केरल के त्रिवेंद्रम में PSC परीक्षाओं की तैयारी में जुटी थीं. जैसा कि प्रायः होता है लड़के- लड़कियों के बॉय फ्रेंड- गर्ल फ्रेंड होना एक बेहद आम सी बात थी. चांदनी के भी बॉयफ्रेंड थे. जिस दिन सिविल सर्विसेज 2015 का परिणाम आया वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताने बाहर गयी हुईं थीं. इस मौके का फायदा एक प्रतिष्ठित अखबार के फोटोग्राफर ने उठाया और उनकी तस्वीर क्लिक की. अगले दिन अखबार के स्थानीय एडिशन में तस्वीर छप गई.
चांदनी ने इन तमाम बातों को ट्वीट किया है. पोस्ट इंटरनेट पर वायरल है और इसपर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. अब चूंकि ट्वीट एक आईएएस का था तो लोग भी कहां मानने वाले थे. यूजर्स ने सवाल दाग दिया कि क्या फ़ोटो खींचना गैरकानूनी है? सवाल कुछ को अटपटा तो कुछ को बहुत सीधा लग सकता है. मगर जो जवाब इस सवाल पर चांदनी ने दिया है वो कई मायनों या ये कहें कि प्राइवेसी के मद्देनजर खासा दिलचस्प है.
चांदनी ने कहा है कि, इसमें कुछ गैरकानूनी नहीं है लेकिन इन फोटोज के कारण घर में कुछ असहज करने वाली बातें जरूर होने लगती हैं.
सोचिये इस बात को. सवाल कीजिये अपने आप से कि क्या वाकई ये कोई हल्की बात है. कल्पना कीजिये आप किसी अपने के साथ हों और कोई आपको बिना बताए आपकी न केवल फ़ोटो खींचे बल्कि उसे पब्लिक कर दे और बाद में वो तस्वीर आपकी जग हंसाई का कारण बन जाए. कैसा प्रतीत होगा आपको?
अच्छा चांदनी के मामले में दिलचस्प ये रहा कि जिस व्यक्ति यानी अरुण सुदर्शन के साथ उनकी तस्वीर छपी चांदनी ने बाद में उनसे शादी कर ली. चांदनी के मुताबिक बाद में अरुण ने इसकी शिकायत अखबार के दफ्तर में की तब दोनों की शादी नहीं हुई थी.
मामला ट्विटर पर है और मजेदार बात ये कि फ़ोटो खींचने वाले अखबार के फोटोग्राफर राकेश नायर ने उन्हें जवाब दिया है. राकेश ने ट्वीट किया है कि , बारिश में खींची गई एक फ़ोटो के पीछे इतनी कहानी है ये मुझे 5 साल बाद पता चल रहा है. आप एक सुंदर कपल हैं. भविष्य की शुभकामनाएं. आपकी इस यात्रा का हिस्सा बनने की मुझे खुशी है.
इसके बाद भी चांदनी और राकेश के बीच ठीक ठाक कन्वर्सेशन हुआ है और बात खत्म हो गई है. लेकिन जो सवाल खड़ा हो रहा है कि चांदनी आईएएस हैं इसलिए मामले के बारे में उन्होंने ट्विटर पर बात छेड़ी. यदि ऐसा ही कुछ हमारे आपके साथ हो तो क्या हम इतने सहज हो पाएंगे?
सवाल का माकूल जवाब क्या होगा इसका फैसला जनता खुद करे लेकिन इस घटना से फोटोग्राफी के शौकीन हर उस व्यक्ति या फ़ोटो जॉर्नलिस्ट को सबक लेना चाहिए. ऐसा इसलिए क्यों कि आपकी एक क्लिक और उस क्लिक को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर डालना किसी दूसरे इंसान की हंसती खेलती जिंदगी में भूचाल ला सकता है. जनता बताए इस तरह जो चांदनी के साथ फोटोग्राफर ने किया वो सही है या फिर उसकी भरपूर निंदा होनी चाहिए.
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जिस ट्विटर पर प्रोपोगेंडा फैलाया, उसी ट्विटर पर जली कटी सुन रही हैं स्वरा भास्कर!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.