महिला दिवस भले ही बीत चुका हो मगर कुछ मुद्दे हैं जिनपर बात होनी चाहिए. चूंकि यह दिन स्त्रियों की बेहतरी पर विचार करने के लिए निर्धारित है, आधुनिक और सटल पेट्रिआर्की पर कुछ बातें. इन बातों का राब्ता मुझसे अथवा पब्लिक लाइफ़ में होने वाली किसी भी अन्य स्त्री से हो सकता है. ध्यान दें, यह आपके बेहतर सामाजिक व्यवहार के लिए आवश्यक है.
1- आप अमुक स्त्री से प्रभावित हैं. आपको उनसे बात करनी है. सोशल मीडिया पर वे हैं. बात कर सकती हैं. उनसे सीधा संवाद कीजिए. वाया मीडिया की सिफ़ारिश कई बार नुक़सान करवा सकती है.
2- आपके पास फ़ोन नंबर है. अच्छा है. दोस्तों की ख़ैरियत लेना अच्छी बात है. पर जब आप दोस्त नहीं हैं, परिचित भी नहीं. कभी मुलाक़ात भी न हुई हो, कम से कम तब तो ठहरें, इन हालात में किसी की सोशल मीडिया से उठाई तस्वीर उसे ही भेजकर आप कोई नया और नेक काम नहीं कर रहे होंगे. इस कुक्रिया को स्टॉकिंग ही कहा जाता है. स्टॉकिंग ग़लती नहीं अपराध है.
3- आप दूसरी श्रेणी वाले हैं. आपके पास व्हाट्सएप नंबर है. आपने किसी साहित्यिक वजह से दुआ सलाम भी की है पर आप मित्र नहीं हैं. आपको सोशल मीडिया की सारी पोस्ट दिखती है. आप वहां लाइक, कमेंट नहीं करते. इनबॉक्स में तस्वीरें भेजकर आह-आह करते हैं. प्रिय परवर्ट जल्द ही आप अमुक स्त्री के सुवचनों से बेधे जाएंगे. इस सज़ा के भागी आप और केवल आप होंगे.
4- इन तीनों के अतिरिक्त, चौथे प्रकृति के पुरुषों, आप यूं तो स्त्रियों के सात्ग ख़ूब मित्रता निभाते हैं. हर दुःख दर्द पर प्रस्तुत होते हैं पर आप...
महिला दिवस भले ही बीत चुका हो मगर कुछ मुद्दे हैं जिनपर बात होनी चाहिए. चूंकि यह दिन स्त्रियों की बेहतरी पर विचार करने के लिए निर्धारित है, आधुनिक और सटल पेट्रिआर्की पर कुछ बातें. इन बातों का राब्ता मुझसे अथवा पब्लिक लाइफ़ में होने वाली किसी भी अन्य स्त्री से हो सकता है. ध्यान दें, यह आपके बेहतर सामाजिक व्यवहार के लिए आवश्यक है.
1- आप अमुक स्त्री से प्रभावित हैं. आपको उनसे बात करनी है. सोशल मीडिया पर वे हैं. बात कर सकती हैं. उनसे सीधा संवाद कीजिए. वाया मीडिया की सिफ़ारिश कई बार नुक़सान करवा सकती है.
2- आपके पास फ़ोन नंबर है. अच्छा है. दोस्तों की ख़ैरियत लेना अच्छी बात है. पर जब आप दोस्त नहीं हैं, परिचित भी नहीं. कभी मुलाक़ात भी न हुई हो, कम से कम तब तो ठहरें, इन हालात में किसी की सोशल मीडिया से उठाई तस्वीर उसे ही भेजकर आप कोई नया और नेक काम नहीं कर रहे होंगे. इस कुक्रिया को स्टॉकिंग ही कहा जाता है. स्टॉकिंग ग़लती नहीं अपराध है.
3- आप दूसरी श्रेणी वाले हैं. आपके पास व्हाट्सएप नंबर है. आपने किसी साहित्यिक वजह से दुआ सलाम भी की है पर आप मित्र नहीं हैं. आपको सोशल मीडिया की सारी पोस्ट दिखती है. आप वहां लाइक, कमेंट नहीं करते. इनबॉक्स में तस्वीरें भेजकर आह-आह करते हैं. प्रिय परवर्ट जल्द ही आप अमुक स्त्री के सुवचनों से बेधे जाएंगे. इस सज़ा के भागी आप और केवल आप होंगे.
4- इन तीनों के अतिरिक्त, चौथे प्रकृति के पुरुषों, आप यूं तो स्त्रियों के सात्ग ख़ूब मित्रता निभाते हैं. हर दुःख दर्द पर प्रस्तुत होते हैं पर आप जब अपनी साथी के साथ होते हैं, उसी स्त्री से बात करने में क्यों बग़लें झांकने लगते हैं?
मज़बूत स्त्रियां बहुत मज़बूत होती हैं. अपने आचार-विचार-शब्दों के साथ. अमूमन मनुष्यता के अतिरिक्त वे किसी चीज़ का लिहाज नहीं करतीं. उनसे बात करते हुए आपकी लैंगिक कामनाएं जाग्रत होती हैं तो होती रहें, इन कामनाओं को उनपर थोपे नहीं. वे प्रेम में सरल केवल वहीं होती हैं जहां उनकी रज़ामंदी होती हैं. जो लोग उनकी पसंद के होते हैं. उनके प्रिय होते हैं. जहां उनका कंसेंट नहीं, वहां वे खाट खड़ी कर देती हैं.
एक जानकारी और - कंसेंट का अर्थ केवल सेक्स से नहीं जुड़ा है. यह दोस्ती और परिचय पर भी लागू होता है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.