भारत में पिछले 20 महीनों से अमेरिका का कोई राजदूत नहीं है. जनवरी 2021 में केनेथ जस्टर का कार्यकाल पूरा होने के बाद से ही अमेरिका अब तक भारत के लिए अपना नया राजदूत नहीं खोज सका है. इससे इतर हाल ही में अमेरिकी वीजा के लिए भारतीयों के आवेदनों के लिए 833 दिनों का अपॉइंटमेंट वेटिंग टाइम की खबर भी सामने आई थी. इसी बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. जबकि, इससे पहले जुलाई में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. ऐसी कई अन्य खबरों के हवाले से सोशल मीडिया पर एक यूजर ने दावा किया है कि ये भारत के खिलाफ एक गहरी साजिश है. इस सोशल मीडिया यूजर ने एक ट्विटर थ्रेड के जरिये अपनी बात को समझाने की कोशिश की है. आइए डालते हैं इस पर एक नजर...
क्या कहता है ट्विटर थ्रेड?
- सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि क्या आप जानते हैं यूक्रेन संकट, श्रीलंका आर्थिक संकट और तमिलनाडु में हालिया भारत-विरोधी तत्वों के बीच में समान बात क्या है? इसका जवाब है- विक्टोरिया नूलैंड.
- विक्टोरिया नूलैंड को अमेरिकी डीप स्टेट की शासन परिवर्तन एजेंट के तौर जाना जाता है. वह 2013 में यूक्रेन में EROMAIDAN विरोध प्रदर्शन की सूत्रधार रही हैं. इसमें उनकी खतरनाक क्षमता है. बता दें कि इस ट्वीट में यूजर ने अंतराष्ट्रीय एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर शेयर की है. 2013 की इस खबर में विक्टोरिया नूलैंड के एक वायरल ऑडियो का जिक्र किया गया है. इस खबर में कहा गया है कि विक्टोरिया अमेरिका के सहयोगी यूरोपियन यूनियन देशों को किनारे रखते हुए यूक्रेन संकट...
भारत में पिछले 20 महीनों से अमेरिका का कोई राजदूत नहीं है. जनवरी 2021 में केनेथ जस्टर का कार्यकाल पूरा होने के बाद से ही अमेरिका अब तक भारत के लिए अपना नया राजदूत नहीं खोज सका है. इससे इतर हाल ही में अमेरिकी वीजा के लिए भारतीयों के आवेदनों के लिए 833 दिनों का अपॉइंटमेंट वेटिंग टाइम की खबर भी सामने आई थी. इसी बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. जबकि, इससे पहले जुलाई में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. ऐसी कई अन्य खबरों के हवाले से सोशल मीडिया पर एक यूजर ने दावा किया है कि ये भारत के खिलाफ एक गहरी साजिश है. इस सोशल मीडिया यूजर ने एक ट्विटर थ्रेड के जरिये अपनी बात को समझाने की कोशिश की है. आइए डालते हैं इस पर एक नजर...
क्या कहता है ट्विटर थ्रेड?
- सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि क्या आप जानते हैं यूक्रेन संकट, श्रीलंका आर्थिक संकट और तमिलनाडु में हालिया भारत-विरोधी तत्वों के बीच में समान बात क्या है? इसका जवाब है- विक्टोरिया नूलैंड.
- विक्टोरिया नूलैंड को अमेरिकी डीप स्टेट की शासन परिवर्तन एजेंट के तौर जाना जाता है. वह 2013 में यूक्रेन में EROMAIDAN विरोध प्रदर्शन की सूत्रधार रही हैं. इसमें उनकी खतरनाक क्षमता है. बता दें कि इस ट्वीट में यूजर ने अंतराष्ट्रीय एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर शेयर की है. 2013 की इस खबर में विक्टोरिया नूलैंड के एक वायरल ऑडियो का जिक्र किया गया है. इस खबर में कहा गया है कि विक्टोरिया अमेरिका के सहयोगी यूरोपियन यूनियन देशों को किनारे रखते हुए यूक्रेन संकट में सरकार को बदलने की बात कर रही हैं. इस वायरल ऑडियो के हवाले से लिखी गई खबर से स्पष्ट है कि यूक्रेन में सरकार बदलने में अमेरिका और विक्टोरिया नूलैंड ने काफी कोशिशें की थीं.
- अगले ट्वीट में लिखा गया है कि अपनी भारत यात्रा के दौरान विक्टोरिया नूलैंड अपने काम से इतर कुछ एक्टिविस्ट दिशा रवि, करुणा नंदी वगैरह से भी मिली थीं. इस ट्वीट में ये भी लिखा है कि विक्टोरिया शाहीन बाग के प्रदर्शनों की बड़ी समर्थक रही हैं. इस ट्वीट में विक्टोरिया नूलैंड के ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया गया है.
- इस ट्वीट में संडे गार्डियन लाइव की एक खबर के सहारे दावा किया गया है कि एस-400 खरीद और यूक्रेन जैसे मामलों पर विक्टोरिया नूलैंड के दिखाए रास्ते पर न चलने की वजह से भारत के खिलाफ प्रतिशोध में सजा के तौर पर वीजा डिनायल जैसी चीजें की जा रही हैं. इस खबर में कहा गया है कि अपनी भारत यात्रा के दौरान विक्टोरिया नूलैंड ने भारत को रूस से एस-400 खरीद रद्द करने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उसके खिलाफ मुखरता अपनाने के लिए दबाव बनाया था. जिसके आगे भारत नहीं झुका. और, अब भारतीयों को वीजा मिलने में देरी जैसी चीजों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा करने पर 'अतिरिक्त सावधानी' बरतने की एडवाइजरी जारी की है. ये इस साल की चौथी एडवाइजरी है.
- यूजर ने कुछ खबरों को शेयर करते हुए दावा किया है कि भारत को अमेरिकी फरमान का पालन करने के लिए मजबूर करने के लिए विक्टोरिया नूलैंड ने अपना काम शुरू कर दिया है. नूलैंड के ही कहने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 4 भारतीय फार्मा उत्पादों के लाइसेंस रद्द कर चुका है. यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन दवाओं से संबंधित प्रयोगशाला रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया है.
- इसके अलावा विक्टोरिया नूलैंड भारत के अमेरिकी कच्चे तेल के आयात में 50 फीसदी की कटौती करने और इसके बजाय रूस से रियायती तेल खरीदने के कदम से भी नाराज हैं. सूत्र संकेत दे रहे हैं कि विक्टोरिया नूलैंड भारत की कंपनियों बीपीसीएल और ओएनजीसी को मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका की परियोजनाओं से बाहर करने के लिए ऑयल लॉबी का इस्तेमाल कर सकता है.
- विक्टोरिया नूलैंड सिर्फ एक चेहरा भर हैं. भारत में आर्थिक और सामाजिक अशांति पैदा करने के लिए उसके पीछे एक विशाल मशीनरी काम कर रही है. उनका लक्ष्य भारत को अमेरिका पर आश्रित रखना है. हमें सतर्क रहने की जरूरत है.
यहां पढ़े ट्विटर थ्रेड
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