'अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप.' कबीरदास का ये दोहा गजब है. लिखा गया था सदियों पहले, लेकिन आज भी समसामयिक और प्रासांगिकता रखता है. कैसे, आइए वो बताते हैं. खबर है कि ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी अब एक नई सोशल मीडिया एप लेकर आने वाले हैं. नाम होगा ब्लूस्काई. खैर, ऐसा करने की नौबत जैक डॉर्सी के सामने क्यों आई? इसकी भी वजह है.
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लंबे समय तक वामपंथी विचारधारा का एकाधिकार था. जैक डॉर्सी, जो खुद घोषित तौर पर वामपंथी विचारधारा के समर्थक हैं, ने ट्विटर में अपनी विचारधारा के लोगों को जमकर नौकरियां बांटीं. और, ट्विटर पर विपरीत विचारधारा के यूजर्स पर सख्ती से कार्रवाई भी की. लेकिन, दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद कर इस वामपंथी दबदबे को खत्म कर दिया. ट्विटर से पराग अग्रवाल और विजया गड्डे समेत बहुतों की विदाई के बाद वामपंथियों का ये अभेद किला ढह गया है. और, मजबूरी में अब जैक डॉर्सी को ब्लूस्काई एप का आईडिया अपनाना पड़ा है.
वैसे, ट्विटर पर आजीवन बैन झेल रहे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जैक डॉर्सी से भिड़ने के लिए एक सोशल मीडिया एप Truth Social लॉन्च की थी. लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप का ये आईडिया बुरी तरह से पिट गया था. अब एलन मस्क द्वारा ट्विटर पर और कंपनी में किए जा रहे बदलावों से गुस्सा होकर जैक डॉर्सी भी ट्रंप की राह पर ही चलने को बेताब हो गए हैं. जिसे देखकर कहना गलत नहीं होगा कि जैक डॉर्सी का नया एप ब्लूस्काई भी ट्रंप के Truth Social जैसी दुर्गति को प्राप्त होगा.
अब इसकी वजह ये है कि ट्विटर पर बदलाव लाने की बात करने वाले एलन मस्क खुद को 'फ्री...
'अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप.' कबीरदास का ये दोहा गजब है. लिखा गया था सदियों पहले, लेकिन आज भी समसामयिक और प्रासांगिकता रखता है. कैसे, आइए वो बताते हैं. खबर है कि ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी अब एक नई सोशल मीडिया एप लेकर आने वाले हैं. नाम होगा ब्लूस्काई. खैर, ऐसा करने की नौबत जैक डॉर्सी के सामने क्यों आई? इसकी भी वजह है.
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लंबे समय तक वामपंथी विचारधारा का एकाधिकार था. जैक डॉर्सी, जो खुद घोषित तौर पर वामपंथी विचारधारा के समर्थक हैं, ने ट्विटर में अपनी विचारधारा के लोगों को जमकर नौकरियां बांटीं. और, ट्विटर पर विपरीत विचारधारा के यूजर्स पर सख्ती से कार्रवाई भी की. लेकिन, दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद कर इस वामपंथी दबदबे को खत्म कर दिया. ट्विटर से पराग अग्रवाल और विजया गड्डे समेत बहुतों की विदाई के बाद वामपंथियों का ये अभेद किला ढह गया है. और, मजबूरी में अब जैक डॉर्सी को ब्लूस्काई एप का आईडिया अपनाना पड़ा है.
वैसे, ट्विटर पर आजीवन बैन झेल रहे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जैक डॉर्सी से भिड़ने के लिए एक सोशल मीडिया एप Truth Social लॉन्च की थी. लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप का ये आईडिया बुरी तरह से पिट गया था. अब एलन मस्क द्वारा ट्विटर पर और कंपनी में किए जा रहे बदलावों से गुस्सा होकर जैक डॉर्सी भी ट्रंप की राह पर ही चलने को बेताब हो गए हैं. जिसे देखकर कहना गलत नहीं होगा कि जैक डॉर्सी का नया एप ब्लूस्काई भी ट्रंप के Truth Social जैसी दुर्गति को प्राप्त होगा.
अब इसकी वजह ये है कि ट्विटर पर बदलाव लाने की बात करने वाले एलन मस्क खुद को 'फ्री स्पीच एब्सोल्यूटिस्ट' कहते हैं. मस्क का मानना है कि लोगों के विचारों पर बैन लगाना सही नहीं है. एलन मस्क का कहना है कि वो ट्विटर पर 10 फीसदी धुर दक्षिणपंथी और 10 फीसदी धुर वामपंथी यूजर्स को किनारे रखते हुए 80 फीसदी साधारण यूजर्स पर ज्यादा ध्यान देंगे.
आसान शब्दों में कहें, तो ट्विटर पर न वामपंथी वर्चस्व रहेगा और न ही दक्षिणपंथी. तो, ट्विटर यूजर्स वामपंथी विचारधारा के ठप्पे वाले ब्लूस्काई पर शायद ही जाएंगे. या जाएंगे भी तो, डोनाल्ड ट्रंप के ट्रुथ सोशल एप की तरह ही. यानी ब्लूस्काई एक तरह से ट्विटर के लिए फिल्टर का काम करेगा. और, इससे एलन मस्क को ही फायदा है.
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