कोरोना के दौर में हमने सेवा-भावना की कई तस्वीरें देखी हैं. दम तोड़ते पति को सांसें देती पत्नी को देखा है. ससुर को पीठ पर लादे अस्पताल ले जाते बहू को देखा है. और भी न जाने क्या क्या... लेकिन इन तमाम तस्वीरों में उन सुरक्षाकर्मियों के सहयोग को नहीं भूला जा सकता, जिसने इंसानियत को अपने फर्ज में शामिल करके मिसालें कायम कीं. जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों पर तरह तरह के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन एसपीओ मोहन सिंह के बारे में क्या कहेंगे? जो कोरोना का टीका लगवाने के लिए एक बुजुर्ग को अपने पीठ पर लेकर पहाड़ चढ़ते नजर आ रहे हैं.
कभी-कभी इंसानियत का ऐसा चेहरा देखने को मिल जाता है जो हमें सुकून दे जाता है. ऐसे चेहरे को देखकर लगता है कि जीवन अभी बाकी है, इसलिए उम्मीद को बुझने मत देना. आज भी वो लोग हैं जो खुद से ज्यादा दूसरों की परवाह करते हैं. हम उन लोगों को शायद नहीं जानते, लेकिन उनकी ये तस्वीर हमारे दिल में घर कर जाती है और फिर बरबस ही हमारा मन उन्हें सलामी देना चाहता है.
जब वो देश का जवान हो तो फिर उसके लिए सम्मान व इज्ज्त और बढ़ जाती है. किस तरह पूरी इमानदारी से अपनी ड्यूटी निभानी चाहिए, यह हमें इस पुलिस जवान से सीखना चाहिए. जो बिना किसी परवाह किए बस अपना कर्तव्य निभाए जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक 72 वर्षीय बुजुर्ग को टीकाकरण केंद्र तक जाने में परेशानी हो रही थी. आज भी यहां पहाड़ी इलाकों में लोग पैदल ही निकल पड़ते हैं. ये बुजुर्ग दादा कोरोना का टीका लगवाने के लिए अकेले ही पहाड़ी वाले रास्ते पर निकल पड़े लेकिन इनकी उम्र ने इनका साथ नहीं दिया.
इसके बाद एक पुलिसकर्मी मोहन सिंह इनकी मदद करने के लिए पहुंच...
कोरोना के दौर में हमने सेवा-भावना की कई तस्वीरें देखी हैं. दम तोड़ते पति को सांसें देती पत्नी को देखा है. ससुर को पीठ पर लादे अस्पताल ले जाते बहू को देखा है. और भी न जाने क्या क्या... लेकिन इन तमाम तस्वीरों में उन सुरक्षाकर्मियों के सहयोग को नहीं भूला जा सकता, जिसने इंसानियत को अपने फर्ज में शामिल करके मिसालें कायम कीं. जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों पर तरह तरह के आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन एसपीओ मोहन सिंह के बारे में क्या कहेंगे? जो कोरोना का टीका लगवाने के लिए एक बुजुर्ग को अपने पीठ पर लेकर पहाड़ चढ़ते नजर आ रहे हैं.
कभी-कभी इंसानियत का ऐसा चेहरा देखने को मिल जाता है जो हमें सुकून दे जाता है. ऐसे चेहरे को देखकर लगता है कि जीवन अभी बाकी है, इसलिए उम्मीद को बुझने मत देना. आज भी वो लोग हैं जो खुद से ज्यादा दूसरों की परवाह करते हैं. हम उन लोगों को शायद नहीं जानते, लेकिन उनकी ये तस्वीर हमारे दिल में घर कर जाती है और फिर बरबस ही हमारा मन उन्हें सलामी देना चाहता है.
जब वो देश का जवान हो तो फिर उसके लिए सम्मान व इज्ज्त और बढ़ जाती है. किस तरह पूरी इमानदारी से अपनी ड्यूटी निभानी चाहिए, यह हमें इस पुलिस जवान से सीखना चाहिए. जो बिना किसी परवाह किए बस अपना कर्तव्य निभाए जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक 72 वर्षीय बुजुर्ग को टीकाकरण केंद्र तक जाने में परेशानी हो रही थी. आज भी यहां पहाड़ी इलाकों में लोग पैदल ही निकल पड़ते हैं. ये बुजुर्ग दादा कोरोना का टीका लगवाने के लिए अकेले ही पहाड़ी वाले रास्ते पर निकल पड़े लेकिन इनकी उम्र ने इनका साथ नहीं दिया.
इसके बाद एक पुलिसकर्मी मोहन सिंह इनकी मदद करने के लिए पहुंच गए. पुलिसकर्मी ने बुजुर्ग दादा को अपनी पीठ पर लादा और पहाड़ी पर चढ़ने लगे. इसकी वीडियो को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शेयर करते हुए लिखा है कि 'हमारे फ्रंटलाइन योद्धा एसपीओ (SPO) मोहन सिंह पर गर्व है.' अपनी इस पोस्ट को केंद्रीय मंत्री ने हैशटैग #IndiaFightsCorona के साथ साझा किया है.
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के पुलिसकर्मी मोहन सिंह का यह वीडियो सोशल मीडिया पर देखने के बाद बहुत से लोगों ने इस जवान की तारीफ की है. इसके साथ ही कोई लोगों ने पुलिस और कश्मीर में रहने वालों लोगों के व्यवहार की भी तुलना की है.
लोगों का कहना है कि हमारे जवान देश की रक्षा करते हैं, कश्मीर के नागरिकों की रक्षा करते हैं और कई लोग उन पर पत्थर बरसाते हैं, कितना अंतर है. बुजुर्ग का नाम अब्दुल गनी है जिनका टीकाकरण मोहन सिंह की वजह से पूरा हो सका. आप भी इस घटना से सबक लें और टीकाकरण जरूर कराएं. वैसे यह वीडियो देखने के बाद आपका क्या कहना है, अपनी राय जरूर जाहिर करें.
यहां पूरी वीडियो देखें-
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.