पंजाब (Punjab) में पीएम नरेद्र मोदी की सुरक्षा में चूक (PM Security Breach) हुई. जिसे लेकर लोग आश्चर्यचकित हैं. कई लोगों ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों की अलग-अलग विचारधारा एकतरफ और देश के पीएम की गरिमा एक तरफ. इस घटना को लेकर लोग आहत हैं. वहीं कई लोगों को यह घटना भी राजनीतिक रोटी सेंकने का मौका लगता है.
असल में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की. जिसकी जानकारी राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से दी गई थी. इस मुलाकात में पीएम ने राष्ट्रपति को पंजाब में हुई घटना की पूरी जानकारी दी. जिसके बाद राष्ट्रपति ने भी पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई गंभीर चूक पर चिंता जाहिर की.
एक तरफ पंजाब की चन्नी सरकार इस मसले को लेकर घिरी हुई है. दूसरी ओर यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया है. वहीं गीतकार जावेद अख्तर ने ट्वीटर पर पीएम की सुरक्षा में चूक मामले पर विवादित टिप्पणी करते हुए सवाल पूछा है. यह सवाल पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुलाकात से संबंधित है.
जावेद अख्तर ने पूछा कि 'हमारे प्रधानमंत्री अपनी जान के काल्पनिक खतरे के सिलसिले में राष्ट्रपति से मिले हैं. जबकि वे एलएमजी के साथ बॉडी गार्ड्स से घिरे बुलेट प्रूफ वाहन में थे. उन्होंने खुद के लिए की, लेकिन उस वक्त एक शब्द भी नहीं कहा जब 200 मिलियन भारतीयों के नरसंहार की खुले तौर पर धमकी दी गई थी...क्यों मिस्टर मोदी?'
जावेद अख्तर के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. एक तो लोग पहले से...
पंजाब (Punjab) में पीएम नरेद्र मोदी की सुरक्षा में चूक (PM Security Breach) हुई. जिसे लेकर लोग आश्चर्यचकित हैं. कई लोगों ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों की अलग-अलग विचारधारा एकतरफ और देश के पीएम की गरिमा एक तरफ. इस घटना को लेकर लोग आहत हैं. वहीं कई लोगों को यह घटना भी राजनीतिक रोटी सेंकने का मौका लगता है.
असल में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की. जिसकी जानकारी राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से दी गई थी. इस मुलाकात में पीएम ने राष्ट्रपति को पंजाब में हुई घटना की पूरी जानकारी दी. जिसके बाद राष्ट्रपति ने भी पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई गंभीर चूक पर चिंता जाहिर की.
एक तरफ पंजाब की चन्नी सरकार इस मसले को लेकर घिरी हुई है. दूसरी ओर यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया है. वहीं गीतकार जावेद अख्तर ने ट्वीटर पर पीएम की सुरक्षा में चूक मामले पर विवादित टिप्पणी करते हुए सवाल पूछा है. यह सवाल पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुलाकात से संबंधित है.
जावेद अख्तर ने पूछा कि 'हमारे प्रधानमंत्री अपनी जान के काल्पनिक खतरे के सिलसिले में राष्ट्रपति से मिले हैं. जबकि वे एलएमजी के साथ बॉडी गार्ड्स से घिरे बुलेट प्रूफ वाहन में थे. उन्होंने खुद के लिए की, लेकिन उस वक्त एक शब्द भी नहीं कहा जब 200 मिलियन भारतीयों के नरसंहार की खुले तौर पर धमकी दी गई थी...क्यों मिस्टर मोदी?'
जावेद अख्तर के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. एक तो लोग पहले से ही पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए नाराज थे, ऊपर से जावेद के सवाल ने उनका पारा और हाई कर दिया. इसलिए लोगों ने जावेद अख्तर को लोगों ने ट्रोल करना शुरु कर दिया. चलिए बताते हैं कि लोगों क्या कहा?
एक महिला ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का ट्वीट का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए जावेद अख्तर से पूछा है कि सेम स्क्रिप्ट?
वहीं दूसरे यूजर ने पूछा आपको अभी भी डर लगता है इंडिया में? एक ने कहा-कश्मीर में हुए हिंदुओं के नरसंहार पर क्या कहना है? एक ने कहा कि जावेद अख्तर अपनी प्रसिद्धि के लिए ऐसी बयान देते रहता है.
जावेद अख्तर का मुखौटा अब पूरी तरह उतर चुका है-
एक का कहना है कि पाकिस्तान का एजेंडा भारत मे सेट होते देर नहीं लगता. अब इमरान खान के सवाल को जिस तरह जावेद अख़्तर आगे बढ़ा रहें है उससे तो यहीं लगता है. वैसे इस तरह के एजेंडा सेटिंग का फायदा चुनावी मैदान में किसे मिलेगा? माने पूछ रहें हैं...
एक विद्वान कहते हैं कि '1990 कश्मीर में मस्जिदों से धमकियां दे कश्मीरी पंडितों को रातों रात भगाया गया, तब ये जावेद अख्तर चुप! मुलायम ने कार सेवकों को गोलियों से भून दिया, 2002 "साबरमती एक्सप्रेस" में रामभक्तों को जिंदा जला दिया, 2021WB चुनावी हिंसा पर भी चुप! #हिंदुओं के लिए कभी बोला?
एक शख्स कहते हैं कि 'जावेद अख्तर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक पर भी खेला अपना प्रोपेगंडा
जावेद अख्तर ने PM की सुरक्षा में चूक को बताया मनगढ़ंत'...
एक ने कहा है कि जावेद अख़्तर की शब्दावली(vocabulary)में बदलाव उसके सेल्फ-हेटर्स होने की पहचान है.
इसी तरह की बातों से पूरा ट्विटर भरा पड़ा है. लोगों ने जावेद अख्तर को इतना ट्रोल किया है कि उन्हें अपने कहे पर माफी भी मांगनी पड़ सकती है. असल में देश के पीएम की सुरक्षा में सेंध लगना कोई छोटी बात तो है नहीं...
ऐसे मसले पर भी अगर जहर उगलना है तो उगलो लेकिन विष के बदले अमृत की उम्मीद तो मत ही करो... अब शायद जावेद अख्तर भी पछता रहे होंगे कि कहां से कहां ऐसी टिप्पणी कर दी...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.