किम कार्दशियन, फैशन डिजाइनर टैन फ्रांस और मॉडल क्रिसी टीजेन और एंड्रिजा पेजिक ने अपने शरीर पर ऐसे इम्प्लांट्स लगाए जिन्हें देखकर कई लोगों को शॉक लग सकता है. जिसे एक्सेसरी के तौर पर पहना जा रहा है वो असल में स्किन इम्प्लांट है. इसे फैशन का भविष्य बताया जा रहा है.
इसके साथ ही एक सवाल भी वायरल किया जा रहा है कि क्या आप अपने शरीर को भी उसी तरह से बदल सकते हैं जिस तरह से कपड़े बदलते हैं? ये सोचना भी कुछ लोगों के लिए बहुत मुश्किल होगा. किम कार्दशियन और टैन फ्रांस पहले सेलेब्स थे जिन्होंने अपने शरीर के साथ ये एक्सपेरिमेंट सोशल मीडिया पर शेयर किया.
अपने स्किन यानी खाल में किसी तरह का डिवाइस लगवाना और उसमें तरह-तरह की एक्सेसरीज का इस्तेमाल करना भले ही आसान लगे पर यकीनन ये काफी मुश्किल है और भले ही सेलेब्स इस टेम्पोरेरी इम्प्लांट को प्रमोट कर रहे हों, लेकिन ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अपने शरीर पर परमानेंट इम्प्लांट करवा लेते हैं.
किम कार्दशियन के शरीर में जो इम्प्लांट है वो उनकी धड़कन से जुड़ा हुआ है और अंधेरा होने पर ये चमकता भी है.
इस वीडियो को देखिए, समझ आ जाएगा कि किम के बॉडी इम्प्लांट की खूबियां क्या-क्या हैं.
इसी तरह से अन्य लोगों ने भी अपने शरीर के साथ कारस्तानी की है.
फैशन डिजाइनर टैन फ्रांस ने इस तरह का ट्यूडर कॉलर अपने गले पर बनवाया. इंग्लैंड की रानी मैरी और एलिज़ाबेथ ऐसे कॉलर पहना करती थीं.
मॉडल एंड्रिजा पेजिक ने अपने कंधों पर सींग उगा लिए.
मॉडल क्रिसी टीजेन ने तो अपनी छाती पर पंख ही उगा लिए हैं.
ये इम्प्लांट भले ही ऐसे दिख रहे हों कि ये इन सभी सेलेब्स की खाल में लगाए गए हैं पर असल में ये असली नहीं हैं. ये सिर्फ फैशन एक्सेसरी ही है.
A. Human नाम की एक संस्था इस तरह के स्किन इम्प्लांट की प्रदर्शनी कर रही है जो 5 सितंबर से न्यूयॉर्क में शुरू होगी. इस प्रदर्शनी में आर्टिस्ट, लाइव एक्टर, प्रोस्थेटिक, डिजाइन, तकनीक आदि का मिला जुला रूप देखने को मिलेगा. इस प्रदर्शनी का असल मकसद वास्तविकता और कल्पना के बीच का अंतर कम करना है. ये आइडिया साइमन हक (Simon Huck) का है.
ये किसी साइंस फिक्शन फिल्म की तरह लग रहा है. इस प्रदर्शनी में जूतों या हील की जगह स्किन इम्प्लांट की भी करवाया जा सकता है.
वो इम्प्लांट हील जो जूतों की जरूरत ही खत्म कर देगी
जहां सेलेब्स द्वारा करवाया गया इम्प्लांट फेक है वहीं कई इम्प्लांट असली भी करवाए जा सकते हैं. इंटरनेट पर इस प्रदर्शनी को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. लोग ये समझ नहीं पा रहे कि इसे कूल कहें या फिर इसे अजीब कहें.
किम कार्दशियन की पोस्ट पर लोगों ने इस तरह के कमेंट किए-
ये फ्यूचर का फैशन ट्रेंड भले ही कुछ लोगों को कूल दिख रहा हो पर असल में है नहीं. जहां तक इम्प्लांट का सवाल है तो इसके कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं और शरीर को नुकसान पहुंच सकता है. इसपर थोड़ी सी रिसर्च करने पर ही पता चल सकता है कि ये कितना खतरनाक है.
सेलेब्स के फैशन सेंस की हमेशा तारीफ होती है. कहा जाता है कि सेलेब जो भी पहने या जिस भी चीज़ का इस्तेमाल करें वो फैशन ट्रेंड जरूर बन जाता है. पर सोशल मीडिया पर सेलेब्स जो भी कर रहे होंगे क्या उसे आंख बंद कर फॉलो करना सही है? अगर सिर्फ इंस्टाग्राम ट्रेंड की बात ही की जाए तो रेनबो हेयरकलर, क्रिसमस ट्री आईब्रो, काइली लिप जैसे बहुत से फैशन ट्रेंड फॉलो किए जा चुके हैं. पर इस बार जो ट्रेंड आया है उसे देखकर चाहे लोग कहें कि ये फ्यूचरिस्टिक हो सकता है. पर इस तरह के इंटरनेट ट्रेंड लोगों की जिंदगी खतरे में डालने और उन्हें कोई न कोई नुकसान पहुंचाने के अलावा और कुछ नहीं करते. चाहें ये 2014 में वायरल हुआ आइस बकेट चैलेंज हो, चाहें ये ब्लू व्हेल चैलेंज हो, चाहें ये कीकी चैलेंज हो, काइली लिप चैलेंज हो या कुछ और.
सेलेब्स भले ही इसे कर रहे हों, लेकिन उनके पास सुरक्षा के लिए कई साधन हो सकते हैं पर जरूरी नहीं कि ऐसा किसी अन्य इंसान के साथ भी हो. किम कार्दशियन ने बट इम्प्लांट करवाया, लेकिन उसी सर्जरी के चलते एक 24 साल की मॉडल की मृत्यु हो गई. जो भी करें सोच समझ कर रहें. इंटरनेट पर वायरल हो रही हर चीज़ फैशन नहीं होती.
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