Legendary Kathak Dancer Birju Maharaj Passes Away At 83 : भारत में परफार्मिंग आर्ट्स को बड़ा झटका लगा है. पद्म विभूषण से नवाजे गए विश्व प्रसिद्ध कथक डांसर पंडित बिरजू महाराज ने ज़िन्दगी के 83 बसंत बिता के दुनिया को अलविदा कह दिया है. पंडित जी की मौत की पुष्टि स्वयं उनके पोते स्वरांश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर की है. खबर से हर को शख्स दुखी है जो शास्त्रीय नृत्य या गायन जैसी विधाओं से जुड़ा है. कथक के प्रति जैसा समर्पण पंडित बिरजू महाराज का था उन्हें एक जीता जागता संस्थान कहना कहीं से गलत न होगा. पंडित बिरजू महाराज की मौत के बाद ये बात भी अतिश्योक्ति न होगी कि उन्होंने अपने नृत्य कौशल से कई पीढ़ियों को न केवल प्रभावित किया बल्कि ये भी बताया कि कथक या कोई भी नृत्य स्त्री पुरुष से परे है.
जिक्र पंडित बिरजू महाराज की उपलब्धियों का हो तो लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित ब्रजभूषण मिश्र जिनकी मेहनत, समर्पण और लगन ने उन्हें ब्रजभूषण से बिरजू महाराज बनाया केवल एक कथक डांसर न होकर एक बेहतरीन शास्त्रीय गायक भी थे.
1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किये गए बिरजू महाराज की मौत परफार्मिंग आर्ट्स के लिए तो बड़ा झटका है ही साथ ही उनकी मौत से भारतीय सिनेमा को भी बड़ी हानि हुई है.
बताते चलें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान से नवाजे गए बिरजू महाराज वो व्यक्ति थे जिन्होंने सत्यजीत रे जिन्हें भारतीय सिनेमा का गॉड फादर कहा जाता है की फ़िल्म शतरंज का खिलाड़ी में संगीत की जिम्मेदारी संभाली थी. वहीं उन्होंने देवदास,...
Legendary Kathak Dancer Birju Maharaj Passes Away At 83 : भारत में परफार्मिंग आर्ट्स को बड़ा झटका लगा है. पद्म विभूषण से नवाजे गए विश्व प्रसिद्ध कथक डांसर पंडित बिरजू महाराज ने ज़िन्दगी के 83 बसंत बिता के दुनिया को अलविदा कह दिया है. पंडित जी की मौत की पुष्टि स्वयं उनके पोते स्वरांश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर की है. खबर से हर को शख्स दुखी है जो शास्त्रीय नृत्य या गायन जैसी विधाओं से जुड़ा है. कथक के प्रति जैसा समर्पण पंडित बिरजू महाराज का था उन्हें एक जीता जागता संस्थान कहना कहीं से गलत न होगा. पंडित बिरजू महाराज की मौत के बाद ये बात भी अतिश्योक्ति न होगी कि उन्होंने अपने नृत्य कौशल से कई पीढ़ियों को न केवल प्रभावित किया बल्कि ये भी बताया कि कथक या कोई भी नृत्य स्त्री पुरुष से परे है.
जिक्र पंडित बिरजू महाराज की उपलब्धियों का हो तो लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित ब्रजभूषण मिश्र जिनकी मेहनत, समर्पण और लगन ने उन्हें ब्रजभूषण से बिरजू महाराज बनाया केवल एक कथक डांसर न होकर एक बेहतरीन शास्त्रीय गायक भी थे.
1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किये गए बिरजू महाराज की मौत परफार्मिंग आर्ट्स के लिए तो बड़ा झटका है ही साथ ही उनकी मौत से भारतीय सिनेमा को भी बड़ी हानि हुई है.
बताते चलें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान से नवाजे गए बिरजू महाराज वो व्यक्ति थे जिन्होंने सत्यजीत रे जिन्हें भारतीय सिनेमा का गॉड फादर कहा जाता है की फ़िल्म शतरंज का खिलाड़ी में संगीत की जिम्मेदारी संभाली थी. वहीं उन्होंने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी हिट फिल्मों का डांस कोरियोग्राफ किया था.
जिक्र पुरस्कारों का हो तो बताना जरूरी है कि बिरजू महाराज को साल 2012 में आई फ़िल्म विश्वरूपम के लिए नेशनल अवार्ड और बाजीराव मस्तानी के लिए फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है
जैसा कि हम बात चुके हैं. पंडित बिरजू महाराज की मौत से सोशल मीडिया पर यूजर्स स्तब्ध हैं. आइये नजर डालते हैं कुछ प्रतिक्रियाओं पर जिसके बाद इस बात का एहसास हो जाएगा कि बिरजू महाराज का जाना सिनेमा, संगीत और डांस के अलावा भारतीय संस्कृति के लिए भी एक बड़ी क्षति है.
पंडित बिरजू महाराज की मौत पर अदनान सामी ने ट्वीट करते हुए अपना दुःख प्रकट किया है और लिखा है कि इस मौत से वो स्तब्ध हैं. अदनान सामी ने कहा है कि हमने एक संस्थान को खो दिया है.
यूजर्स सोशल मीडिया पर यही कह रहे हैं कि पंडित बिरजू महाराज की मौत एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई शायद ही आगे कभी हो पाए.
लोगों का मानना है कि बिरजू महाराज उन चुनिंदा लोगों में थे जिनकी परफॉरमेंस इंसान को मन्त्र मुग्ध कर देती थी.
यूजर्स का मानना है कि बिरजू महाराज की मौत से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति इसलिए भी हुई है क्योंकि उन्होंने अपने प्रयासों कथक को एक अलग ही लेवल पर पहुंचाया है.
एक महान कलाकार के रूप में बिरजू महाराज की मौत पर तमाम तरह की बातें हो सकती हैं, तमाम किस्से बयां किये जा सकते हैं लेकिन इतना जरूर है कि जैसा उनका व्यक्तित्व था और जिस तरह का डांस वो करते थे उसने न केवल लोगों को जोड़ा बल्कि ये भी बताया कि परफॉर्मर या कलाकार होना और लीजेंड होने में बहुत फर्क है. ईश्वर पंडित जी की आत्मा को शांति दे.
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