टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इस्लामिक कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं. कोई मोहम्मद शमी को 'दीनी तालिमात' लेने की सलाह दे रहा है. तो, कोई शमी के खिलाफ फतवा निकलवाने की बात कह रहा है. ये तमाम हमले मोहम्मद शमी को दशहरे की बधाई देने की वजह से झेलने पड़ रहे हैं. लेकिन, अहम बात ये है कि यहां उनका बचाव करने के लिए टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली जैसे लोग दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं.
जबकि, बीते साल टी20 वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स से भारतीय बनकर मोहम्मद शमी को उनके खराब प्रदर्शन के लिए आईएसआई एजेंट घोषित कर दिया गया था. इस पर विराट कोहली ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी थी. विराट कोहली ने ये तक कह दिया था कि 'किसी भी व्यक्ति की आलोचना उसके धर्म के आधार पर की जाए इससे घटिया बात कुछ हो ही नहीं सकती है.' लेकिन, आज जब एक बार फिर से मोहम्मद शमी को कोहली की जरूरत है. तो, विराट या उनके जैसे लोग दिखाई नहीं पड़ रहे हैं.
दरअसल, विराट कोहली सरीखे लोग अब धर्म के आधार पर निशाना बनाए जा रहे मोहम्मद शमी नजर नहीं आएंगे. लेकिन, पाकिस्तान प्रायोजित फेक नैरेटिव के तहत आईएसआई एजेंट घोषित किए जाने पर विराट कोहली का आक्रामक रूप सबको दिखेगा. शमी के साथ हुए हालिया मामले पर विराट कोहली की झुंझलाहट और गुस्सा नजर नहीं आएगा. जबकि, विराट कोहली सरीखे खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है कि वे ऐसी तमाम चीजों की आलोचना एक नजरिये से ही करेंगे. क्योंकि, वो ऐसा तकरीबन हर मौके पर करते हैं.
वैसे, संभव है कि शायद विराट कोहली मान कर चल रहे होंगे कि ये मोहम्मद शमी का आंतरिक...
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इस्लामिक कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं. कोई मोहम्मद शमी को 'दीनी तालिमात' लेने की सलाह दे रहा है. तो, कोई शमी के खिलाफ फतवा निकलवाने की बात कह रहा है. ये तमाम हमले मोहम्मद शमी को दशहरे की बधाई देने की वजह से झेलने पड़ रहे हैं. लेकिन, अहम बात ये है कि यहां उनका बचाव करने के लिए टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली जैसे लोग दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं.
जबकि, बीते साल टी20 वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स से भारतीय बनकर मोहम्मद शमी को उनके खराब प्रदर्शन के लिए आईएसआई एजेंट घोषित कर दिया गया था. इस पर विराट कोहली ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी थी. विराट कोहली ने ये तक कह दिया था कि 'किसी भी व्यक्ति की आलोचना उसके धर्म के आधार पर की जाए इससे घटिया बात कुछ हो ही नहीं सकती है.' लेकिन, आज जब एक बार फिर से मोहम्मद शमी को कोहली की जरूरत है. तो, विराट या उनके जैसे लोग दिखाई नहीं पड़ रहे हैं.
दरअसल, विराट कोहली सरीखे लोग अब धर्म के आधार पर निशाना बनाए जा रहे मोहम्मद शमी नजर नहीं आएंगे. लेकिन, पाकिस्तान प्रायोजित फेक नैरेटिव के तहत आईएसआई एजेंट घोषित किए जाने पर विराट कोहली का आक्रामक रूप सबको दिखेगा. शमी के साथ हुए हालिया मामले पर विराट कोहली की झुंझलाहट और गुस्सा नजर नहीं आएगा. जबकि, विराट कोहली सरीखे खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती है कि वे ऐसी तमाम चीजों की आलोचना एक नजरिये से ही करेंगे. क्योंकि, वो ऐसा तकरीबन हर मौके पर करते हैं.
वैसे, संभव है कि शायद विराट कोहली मान कर चल रहे होंगे कि ये मोहम्मद शमी का आंतरिक मामला है. क्योंकि, मोहम्मद शमी भी इस्लाम को मानने वाले हैं. लेकिन, अगर आप अन्य चीजों पर एक टीम प्लेयर की तरह व्यवहार दिखाते हैं. तो, इस पर भी विराट कोहली की प्रतिक्रिया अपेक्षित थी. हालांकि, शायद ही ऐसा संभव होगा. क्योंकि, विराट अगर शमी के समर्थन में कुछ बोलेंगे. तो, इससे इस्लाम को मानने वाले कट्टरपंथियों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. और, विराट कोहली शायद ही ऐसा करना चाहेंगे.
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