मुंबई में बड़ा हादसा हुआ है. बताया जा रहा है कि मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पास स्थित फुट ओवर ब्रिज गिर गया है. ताजा जानकारी मिलने तक हादसे में मौतों का आंकड़ा 5 तक पहुंच गया है. जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. माना जा रहा है कि जिस वक़्त हादसा हुआ लोगों के दफ्तर छूटने का समय होने के चलते फुट ओवरब्रिज पर लोगों की एक बड़ी संख्या मौजूद थी. मामले पर मुंबई पुलिस ने ब्रीफिंग दी है. पुलिस ने बताया है कि 'टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग के पास सीएसटी के प्लेटफॉर्म संख्या एक को बीटी लेन से जोड़ने वाला फुटओवर ब्रिज गिरा है. मुंबई पुलिस के अनुसार घायलों को अस्पताल ले जाया गया है.
इस हादसे के लिए बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसके जिम्मे इस पुल के देख-रेख की जिम्मेदारी थी. इसी क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद रहे मिलिंद देवड़ा ने मौके पर पहुंचकर पत्रकारों को बताया कि छह महीने पहले ही बीएमसी ने इस पुल का ऑडिट करवाया था, और इसे खतरनाक नहीं माना था. बीएमसी की इसी लापरवाही का अंजाम गुरुवार को मासूम लोगों को भुगतना पड़ा है.
ये कोई पहली बार नहीं है कि भीड़ भाड़ भरे मुंबई में कहीं पुल गिरा है. इससे पहले ऐसा ही कुछ मामला हम सितम्बर 2017 में देख चुके हैं जब मुंबई में एल्फिंस्टन रोड और परेल उपनगरीय रेलवे स्टेशनों को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर भगदड़ मची थी. तब 22 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे.
यदि मुंबई में हुई इस घटना का अवलोकन ...
मुंबई में बड़ा हादसा हुआ है. बताया जा रहा है कि मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पास स्थित फुट ओवर ब्रिज गिर गया है. ताजा जानकारी मिलने तक हादसे में मौतों का आंकड़ा 5 तक पहुंच गया है. जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. माना जा रहा है कि जिस वक़्त हादसा हुआ लोगों के दफ्तर छूटने का समय होने के चलते फुट ओवरब्रिज पर लोगों की एक बड़ी संख्या मौजूद थी. मामले पर मुंबई पुलिस ने ब्रीफिंग दी है. पुलिस ने बताया है कि 'टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग के पास सीएसटी के प्लेटफॉर्म संख्या एक को बीटी लेन से जोड़ने वाला फुटओवर ब्रिज गिरा है. मुंबई पुलिस के अनुसार घायलों को अस्पताल ले जाया गया है.
इस हादसे के लिए बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसके जिम्मे इस पुल के देख-रेख की जिम्मेदारी थी. इसी क्षेत्र से कांग्रेस के सांसद रहे मिलिंद देवड़ा ने मौके पर पहुंचकर पत्रकारों को बताया कि छह महीने पहले ही बीएमसी ने इस पुल का ऑडिट करवाया था, और इसे खतरनाक नहीं माना था. बीएमसी की इसी लापरवाही का अंजाम गुरुवार को मासूम लोगों को भुगतना पड़ा है.
ये कोई पहली बार नहीं है कि भीड़ भाड़ भरे मुंबई में कहीं पुल गिरा है. इससे पहले ऐसा ही कुछ मामला हम सितम्बर 2017 में देख चुके हैं जब मुंबई में एल्फिंस्टन रोड और परेल उपनगरीय रेलवे स्टेशनों को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर भगदड़ मची थी. तब 22 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे.
यदि मुंबई में हुई इस घटना का अवलोकन किया जाए तो इसका जिम्मेदार बीएमसी को माना जा रहा है. ट्विटर पर हजारों लोग ऐसे हैं जिन्होंने घटना का जिम्मेदार बीएमसी को ठहराया है और कहा है कि यदि बीएमसी वक़्त रहते चेत जाता तो शायद आज इतना बड़ा हादसा नहीं होता.
आइये नजर डालते हैं ट्विटर पर और देखते हैं कि इस मामले पर क्या कह रहे हैं मुंबई और देश दुनिया के लोग.
@youngpulsemag नाम की यूजर ने मामले का जिम्मेदार बीएमसी को माना है और कहा है कि BMC को कोर्ट में ले जाना चाहिए. आखिर ये किस तरह का मेंटेनेंस है जिसमें 30,000 करोड़ रुपए बैंकों में रखे जाते हैं.
@PremGandhi910 नाम के यूजर भी मामले पर काफी गंभीर नजर आए. इनका मानना है कि पुल का गिरनाबहुत दुखद है. यहां पर किसी भी प्राधिकरण का कोई कंट्रोल नहीं है. महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी का सही सही ऑडिट होना चाहिए.
वहीं @chandu21 ये जो बात कही है उसपर भी हमें गौर करना चाहिए. चंदू का कहना है कि इस घटना के बाद BMC फिर एक स्पेशल कमेटी बना देगी फिर वो उस रिपोर्ट को 438 अन्य कमेटियों को दिखाएगी तब तक एक हादसा और हो जाएगा.
मामले को लेकर @ArnazBisney का कहना है कि मुंबई का एक आम नागरिक आए रोज ही bmc और रेलवे की लापरवाही का शिकार होता है और दोनों ही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर अपनी अपनी ज्जिम्मेदारी पूरी कर लेते हैं. ये खबर वाकई दिल दुखाने वाली है.
टीवी पत्रकार फाए डिसुजा भी मामले को लेकर खासी गंभीर नजर आईं. फाए ने ट्वीट करते हुए कहा है कि इस पुल की देखरेख का जिम्मा BMC के हवाले हैं BMC मुख्यालय से 500 मीटर की दूरी पर स्थित इस पुल को 2016 में फिक्स किया गया था.
@sambitkparida नाम के यूजर भी इस घटना से गहरे आक्रोश में हैं. इन्होंने सवाल किया है कि ऐसी घटनाओं पर bmc आखिर कब गंभीर होगा.
@Iamsamirarora नाम के यूजर के अनुसार इस मामले पर राजनीति और आरोप प्रत्यारोप की शुरुआत हो चुकी है. BMC इसे रेलवे का पुल बता रहा है तो वहीं रेलवे कह रहा है कि पुल BMC का है.
मामले को देखकर जिस तरह लोगों में आक्रोश है कहा जा सकता है कि इस घटना की जिम्मेदार बीएमसी है. देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र सरकार मामले का संज्ञान किस तरह लेती है और दोषियों को क्या सजा देती है.
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