बीते दिनों अमेरिका ने अलकायदा के चीफ अयमान अल-जवाहिरी को एक सीक्रेट ऑपरेशन में ढेर कर दिया. अल-जवाहिरी को एक ड्रोन हमले में निपटा दिये जाने की खबर पर खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मुहर लगाई थी. लेकिन, अयमान अल-जवाहिरी की मौत के बाद से ही इस ड्रोन हमले पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इतना ही नहीं, इस ड्रोन हमले को लेकर अजीबोगरीब साजिशों की थ्योरी भी गढ़ी जा रही हैं. पाकिस्तान में तो ऐसी साजिशों के 'बचकाने' दावों की बाढ़ ही आ गई है.
शिरीन माजरी के दावे पर भरोसा कर लें, तो दुनिया के सबसे बड़े आतंकी को इमरान खान बचा रहे थे.
... तो, क्या अल-जवाहिरी को बचा रहे थे इमरान खान?
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पीटीआई की नेता शिरीन माजरी (Shireen Mazari) ने एक ट्वीट को साझा किया है. इस ट्वीट में पाकिस्तान की पूर्व केंद्रीय मंत्री शिरीन माजरी ने प्रश्नचिन्ह लगाया है.
शिरीज माजरी ने लिखा कि 'हैरान करने वाला सवाल: अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन ने खाड़ी देशों के हिस्से से एंट्री ली थी. यह मानते हुए कि पाकिस्तान ने अभी तक अपने एयर बेस (जब तक कि पाकिस्तान सरकार ने इसे गुप्त तरीके से न किया हो) नही दिए हैं. लेकिन, इस ड्रोन ने किस देश के एयर स्पेस से उड़ान भरी थी? ईरान अमेरिकी सेना को अपने एयर बेस के इस्तेमाल की इजाजत नही देता है, तो क्या पाकिस्तान का एयर स्पेस इस्तेमाल किया गया? क्या यही कारण है कि पीएम इमरान खान को हटना पड़ा था? क्योंकि, उन्होंने अमेरिका की मांगों को मानने से सिरे से इनकार कर दिया था. मैं हमेशा जून 2021 में सत्ता परिवर्तन की साजिश में अमेरिका को देखती हूं. पर्याप्त सबूत'
पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत (Naila Inayat) ने पीटीआई नेता शिरीन माजरी के एक ट्वीट को साझा करते हुए मजे लिए हैं. नायला इनायत ने लिखा है कि 'इसका मतलब है, अमेरिका से जवाहिरी को बचाने वाले एकमात्र व्यक्ति इमरान खान थे.' देखा जाए, तो शिरीन माजरी का हैरान करने वाला सवाल उनकी बचकानी हरकत से इमरान खान के लिए सिरदर्द बन सकता है. क्योंकि, माजरी के ट्वीट के मुताबिक, इमरान खान ही पाकिस्तान के इकलौते शख्स थे, जो अल-जवाहिरी को बचाने के लिए अमेरिका के सामने नही झुके. वैसे, दावे तो ये भी किए जा रहे हैं कि अमेरिका को पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल करने देने की वजह से खफा आतंकी संगठन अलकायदा ने ही बलूचिस्तान इलाके में हेलीकॉप्टर से जा रहे पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलिजेंस के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज अली समेत सेना के पांच अधिकारियों को मार गिराया था.
अमेरिका को किसने दी जवाहिरी की सटीक लोकेशन?
अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी को ड्रोन हमले में मौत के घाट उतारने के बाद बड़ा सवाल ये भी उठा कि अमेरिका को सटीक लोकेशन की जानकारी कहां से मिली? वैसे, सवाल वाजिब भी है. क्योंकि, जिस अल-जवाहिरी के सिर पर 25 मिलियन डॉलर का ईनाम हो. और, बीते दो दशकों से जिसे अमेरिका खोजने में नाकाम रहा हो. वो अचानक ही अपने सेफ हाउस की बालकनी में अमेरिका के ड्रोन हमले का निशाना बना दिया गया. दरअसल, इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि अयमान अल-जवाहिरी की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क ने ही उसकी मुखबिरी कर दी थी. जो कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में साझेदार भी है. हक्कानी नेटवर्क का सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी तालिबान सरकार में मंत्री है. शंका जाहिर की जा रही है किअल-जवाहिरी की सटीक लोकेशन देने में तालिबान का हाथ है. क्योंकि, तालिबान अफगानिस्तान रिजर्व में फंसे पैसों के लिए अमेरिका से लंबे समय से मिन्नतें कर रहा है.
क्या साजिश में सऊदी अरब शामिल है?
बीते महीने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे. 9/11 के हमले बाद सऊदी अरब की यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भव्य स्वागत हुआ था. दावा किया जा रहा है कि जो बाइडेन ने सऊदी अरब के साथ एक गुप्त समझौता करते हुए अल-जवाहिरी को मारने के लिए उसका एयर स्पेस इस्तेमाल किया था. हालांकि, इससे उपजने वाली सियासी जटिलताओं से निपटने के लिए बाइडेन ने मीडिया से तुर्की में मारे गए सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का मामला उठाया था. बता दें कि जो बाइडेन ने कहा था कि मैंने सऊदी अरब के टॉप नेताओं के साथ बैठक में जमाल खशोगी की हत्या का मामला उठाया था. जिन्हें सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान का मुखर आलोचक माना जाता था.
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