आपने पाकिस्तान में हिंदुओं की घटती आबादी, उनके ऊपर किए जाने वाले अत्याचार की कई खबरें पढ़ी होंगी. लेकिन अगर आपको पता चले कि किसी हिंदू को न्याय दिलाने के लिए पाकिस्तानी लोगों ने अभियान छेड़ दिया तो शायद आप यकीन नहीं कर पाएंगे. जी हां, ये सच है, एक ऐसी खबर जो दिखाती है कि हिंदुओं के लिए खड़े होन वाले पाकिस्तान में कई लोग हैं. आइए जानें क्या है पूरा मामला और कैसे पाकिस्तानी लोग एक हिंदू के पक्ष में खड़े हुए.
एक हिंदू के पक्ष में खड़े हुए पाकिस्तानी लोगः
ये घटना पाकिस्तान के घोटकी जिले में शुक्रवार 10 जून को हुई. घोटकी जिले में गोलक दास नामक एक हिंदू बुजुर्ग व्यक्ति को एक पुलिस वाले ने सिर्फ इस बात के लिए प्रताड़ित किया क्योंकि उन्होंने इफ्तारी (रमजान के दौरान रोजा खोलने का समय) शुरू होने के आधे घंटे पहले अपने घर के बाहर चावल खाया था.
पुलिस के मुताबिक घोटकी जिले के हयात पिटाफी कस्बे में तैनात अली हसन नामक पुलिसकर्मी को गोकल दास नामक एक बुर्जुग हिंदू व्यक्ति को प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. घोटकी के एसएसपी मंसूद बंगश ने कहा कि अली हसन के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक को यातनाएं देने के आरोप में पाकिस्तान पीनल कोड की धारा 337, 504 और 506/2 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की शिकायत पीड़ित गोकल दास के पोते विनोद कुमार ने की थी.
यह भी पढ़ें: हिंदू ही क्यों पाकिस्तान में परेशान मुसलमानों के लिए भी दरवाजे खोले सरकार
आपने पाकिस्तान में हिंदुओं की घटती आबादी, उनके ऊपर किए जाने वाले अत्याचार की कई खबरें पढ़ी होंगी. लेकिन अगर आपको पता चले कि किसी हिंदू को न्याय दिलाने के लिए पाकिस्तानी लोगों ने अभियान छेड़ दिया तो शायद आप यकीन नहीं कर पाएंगे. जी हां, ये सच है, एक ऐसी खबर जो दिखाती है कि हिंदुओं के लिए खड़े होन वाले पाकिस्तान में कई लोग हैं. आइए जानें क्या है पूरा मामला और कैसे पाकिस्तानी लोग एक हिंदू के पक्ष में खड़े हुए. एक हिंदू के पक्ष में खड़े हुए पाकिस्तानी लोगः ये घटना पाकिस्तान के घोटकी जिले में शुक्रवार 10 जून को हुई. घोटकी जिले में गोलक दास नामक एक हिंदू बुजुर्ग व्यक्ति को एक पुलिस वाले ने सिर्फ इस बात के लिए प्रताड़ित किया क्योंकि उन्होंने इफ्तारी (रमजान के दौरान रोजा खोलने का समय) शुरू होने के आधे घंटे पहले अपने घर के बाहर चावल खाया था. पुलिस के मुताबिक घोटकी जिले के हयात पिटाफी कस्बे में तैनात अली हसन नामक पुलिसकर्मी को गोकल दास नामक एक बुर्जुग हिंदू व्यक्ति को प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. घोटकी के एसएसपी मंसूद बंगश ने कहा कि अली हसन के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक को यातनाएं देने के आरोप में पाकिस्तान पीनल कोड की धारा 337, 504 और 506/2 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की शिकायत पीड़ित गोकल दास के पोते विनोद कुमार ने की थी. यह भी पढ़ें: हिंदू ही क्यों पाकिस्तान में परेशान मुसलमानों के लिए भी दरवाजे खोले सरकार
पुलिसवाले के जुल्मों-सितम का शिकार हुए घायल गोकल दास की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने उनके लिए एक मुहिम छेड़ दी और दोषी पुलिसवाले को सजा दिलाने की मांग करने लगे. इन तस्वीरों में गोकल दास पर उस पुलिसवाले द्वारा किए गिए जुल्मो-सितम के निशान साफ देखे जा सकते हैं. यह भी पढ़ें: अदनान सामी को अपनाया तो पाक हिंदुओं के लिए दरवाजे बंद क्यों? तस्वीर में गोलक दास के चेहरे और हाथों पर खून के निशान थे, जो उन पर हसन अली द्वारा किए गए अत्याचार को बयां कर रहे थे. इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सिंध के आईजी एडी ख्वाजा ने इस घटना के बारे में जानकारी ली और तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए. जिस देश से आए दिन अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ बर्बरता की खबरें सुनने में आती हों उसी देश के लोगों द्वारा एक हिंदू के पक्ष में खड़े होने की घटना सच में काबिलेतारीफ है. न सिर्फ सामाजिक कार्यकर्ताओं बल्कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की बेटी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के को-चेरयमेन बिलावल भुट्टो की बहन बख्तावर भुट्टो जरदारी ने भी इस घटना के बारे में ट्वीट करके जानकारी दी और बताया कि उस पुलिसकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पाकिस्तान में आजादी के बाद से ही जिस तेजी से हिंदुओं की आबादी कम हुई है और वहां अल्पसंख्यों के धर्मांतरण से लेकर उनके साथ की जाने वाली हिंसा की खबरें आती हैं. उसे देखते हुए गोकल दासे के पक्ष में पाकिस्तान के मुस्लिमों का खड़ा होना, उस देश में रहने वाले लाखों हिंदुओं के लिए उम्मीद की किरण जगाता है. इस घटना से पाकिस्तान में प्रताड़ना सहने वाले अल्पसंख्य हिंदू समुदाय के लोग एक बेहतर कल की उम्मीद कर सकते हैं! इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |