कर्नाटक में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं और राज्य में सियासी घमासान तेज है. चाहे योगी आदित्यनाथ हों या फिर अमित शाह. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्नाटक से जुड़ी हर चीज का बारीकी से अवलोकन कर रहे हैं. पीएम, समय-समय पर राज्य में खुद रैलियां करके बता रहे हैं कि, भाजपा और उनके द्वारा कर्नाटक से जुड़ी किसी भी चीज को, जो चुनावों को प्रभावित कर सकती है उसे हल्के में नहीं लिया जा रहा है.
इसके विपरीत गुजरात में उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन कर चुकी कांग्रेस, कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर कमर कस चुकी है. राज्य में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की रैलियों का दौर शुरू हो गया है. इन रैलियों में राहुल गांधी द्वारा प्रदेश की जनता के सामने उन सवालों का जवाब दिए जा रहे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे और कांग्रेस पार्टी से पूछे थे.
कर्नाटक के सन्दर्भ में ये कहना शायद बिल्कुल भी गलत नहीं है कि, चुनाव के चलते भाजपा बहुत बारीकी से कर्नाटक में, कांग्रेस द्वारा की जा रही हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. भाजपा की आक्रामकता देखकर यही लग रहा है कि वो कांग्रेस की छोटी छोटी बातों को भी नजरअंदाज नही करेगी और उनको बड़ा दर्शाते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला करेगी.
बहरहाल, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से जो ख़बरें आ रही हैं उनको देखकर कहा जा सकता है कि खुद कांग्रेस ने बीजेपी को एक ऐसा मौका दे दिया है जिसको अगर बीजेपी सही से भुना ले गयी तो इसके परिणाम उसे तब दिखेंगे जब कर्नाटक चुनाव के परिणाम सामने आएंगे. खबर है कि बेंगलुरु के शांतिनगर से कांग्रेस के विधायक एन.ए हारिस के बेटे मोहम्मद हारिस नलपद और उनके समर्थकों ने एक स्थानीय रेस्तरां में एक युवक को बेरहमी...
कर्नाटक में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं और राज्य में सियासी घमासान तेज है. चाहे योगी आदित्यनाथ हों या फिर अमित शाह. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्नाटक से जुड़ी हर चीज का बारीकी से अवलोकन कर रहे हैं. पीएम, समय-समय पर राज्य में खुद रैलियां करके बता रहे हैं कि, भाजपा और उनके द्वारा कर्नाटक से जुड़ी किसी भी चीज को, जो चुनावों को प्रभावित कर सकती है उसे हल्के में नहीं लिया जा रहा है.
इसके विपरीत गुजरात में उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन कर चुकी कांग्रेस, कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर कमर कस चुकी है. राज्य में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की रैलियों का दौर शुरू हो गया है. इन रैलियों में राहुल गांधी द्वारा प्रदेश की जनता के सामने उन सवालों का जवाब दिए जा रहे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे और कांग्रेस पार्टी से पूछे थे.
कर्नाटक के सन्दर्भ में ये कहना शायद बिल्कुल भी गलत नहीं है कि, चुनाव के चलते भाजपा बहुत बारीकी से कर्नाटक में, कांग्रेस द्वारा की जा रही हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. भाजपा की आक्रामकता देखकर यही लग रहा है कि वो कांग्रेस की छोटी छोटी बातों को भी नजरअंदाज नही करेगी और उनको बड़ा दर्शाते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला करेगी.
बहरहाल, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से जो ख़बरें आ रही हैं उनको देखकर कहा जा सकता है कि खुद कांग्रेस ने बीजेपी को एक ऐसा मौका दे दिया है जिसको अगर बीजेपी सही से भुना ले गयी तो इसके परिणाम उसे तब दिखेंगे जब कर्नाटक चुनाव के परिणाम सामने आएंगे. खबर है कि बेंगलुरु के शांतिनगर से कांग्रेस के विधायक एन.ए हारिस के बेटे मोहम्मद हारिस नलपद और उनके समर्थकों ने एक स्थानीय रेस्तरां में एक युवक को बेरहमी से पीटा. युवक का दोष बस इतना था कि उसके पैर मैं प्लास्टर बंधा था और वो पैर फैला के बैठा था और यही बात विधायक के पुत्र को नागवार गुजरी और उसने बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी.
गंभीर हालत में युवक को अस्पताल ले जाया गया जहां दोबारा विधायक के बेटे और उसके समर्थकों ने मार पीट की. विधायक के बेटे ने न सिर्फ घायल युवक को दोबारा मारा, बल्कि बीचबचाव कराने आए उसके भाई को भी बेरहमी से मारा. मामले की गंभीरता को देखते हुए न सिर्फ पुलिस ने विधायक के पुत्र के विरुद्ध अभियोग दर्ज किया बल्कि कांग्रेस ने भी त्वरित कार्यवाही करते हुए मोहम्मद हारिस नलपद को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है. फ़िलहाल एन.ए. हारिस के बेटे मोहम्मद हारिस नलपद ने सरेंडर कर दिया है.
जैसा कि हम बता चुके हैं राज्य सरकार की हर गतिविधि पर भाजपा नजर बनाए हुए है अतः इस मामले में भी भाजपा सख्त नजर आ रही है और आलोचना और आरोपों का दौर शुरू हो गया है. एक विधायक के पुत्र द्वारा फैलाई गयी इस अराजकता के खिलाफ न सिर्फ भाजपा और विपक्ष नाराज हैं बल्कि जनता का भी यही मानना है कि ये लोग सत्ता के नशे में चूर हैं और उसी के बल पर अराजकता फैला रहे हैं.
खैर ये कोई पहला मौका नहीं है जब लोगों की जुबान पर मोहम्मद हारिस नलपद का नाम आया है. लगातार मार पीट करने के चलते नामजद रहने वाले नलपद तब चर्चा में आए थे जब दक्षिण के लोकप्रिय सितारे प्रकाश राज ने इन्हें यूथ आइकॉन कहा था. साथ ही तब उसी मंच से हारिस की तारीफ में प्रकाश ने ये भी कहा था कि सभी बच्चों को हारिस जैसा बनना चाहिए.
खैर अब प्रकाश की नजर में हारिस क्यों अच्छे हैं इसका तो खुद प्रकाश जानें. मगर वर्तमान परिदृश्य में ये कहना कहीं से भी गलत न होगा कि हारिस की इस गलती का खामियाजा न सिर्फ पिता एनए हारिस और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को भुगतना पड़ेगा. बल्कि ये मामला भविष्य में राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए भी गले की हड्डी साबित होने वाला है.
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