राहुल गांधी से इतनी नफरत. ये कोई राजनीतिक मामला नहीं था. किसी ने 30 नवंबर की रात 8.15 पर उनका ट्विटर अकाउंट हैक किया या फिर उन्हीं के किसी साथी ने इस अकाउंट से आपत्तिजनक ट्वीट करना शुरू किए. पुराने ट्वीट मिटते गए और नए ट्वीट उभरते गए. गंदगी से भरे. इतना ही नहीं अकाउंट का नाम 'OFFICE of RG' से बदलकर 'Office of Retard Gan' कर दिया गया. यह पूरा सिलसिला डेढ़ घंटे तक चला. लेकिन हद तो ट्विटर पर सक्रिय बाकी लोगों ने कर दी. कुछ लोगों ने उन ट्वीट के स्क्रीन शॉट ले लिए और फिर राहुल गांधी के पीछे पड़ गए.
किसी भी स्तर पर क्या किसी का भी ऐसा मजाक बनाना क्या उचित है? भले ही वह राजनेता ही क्यों न हो. वह राहुल गांधी ही क्यों न हों.
शायद इसीलिए राहुल गांधी सोशल मीडिया पर आने से कतराते थे. |
यह निश्चित ही राहुल गांधी की निजी संपत्ति पर हमला था. किसी को कोई हक नहीं बनता कि राहुल गांधी के सामने आई इस परिस्थिति का मजाक बनाए.
राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट हैक होने से बड़ा सवाल यह भी है कि यदि उन जैसे नेता का अकाउंट हैक हो सकता है तो किसी का भी अकाउंट सुरक्षित नहीं है.