आज रानू मंडल को लगभग हर कोई जानता है. ये रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर अपने पेट भरती थीं. इनका टेलेंट किसी ने देखा और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया. देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया और इन्हें हिमेश रेशमिया ने एक फिल्म में गाने का मौका दिया. खुशकिस्मत हैं रानू जिन्हें सही जगह और सही समय पर देखा गया और आज उनकी किस्मत चमक गई.
ऐसा ही एक वीडियो पिछले कुछ समय से वायरल हो रहा है. इसमें स्कूल जाने वाले दो बच्चे कंधे पर बैग लटकाए जा रहे हैं और अचानक बच्चा भागकर हवा में छलांग लगाता है. उसके ठीक बाद एक छोटी बच्ची भी दौड़कर हवा में दो कलाबाजियां खाकर बहुत ही सधे हुए पैरों के साथ जमीन पर खड़ी हो जाती है. बिल्कुल एक प्रोफेशनल एथलीट की तरह. लेकिन लैंडिग करते वक्त प्रोफेशनल जिमनास्ट के पैरों के नीचे गद्दे होते हैं. पर यहां सिर्फ जमीन...
इस बच्ची के हुनर को दुनिया सलाम कर रही है
इस बच्ची को देखकर दीपा करमाकर के Produnova vault या death vault की यादें ताजा हो गईं जिसे बखूबी खेलकर उन्होंने रियो ओलंपिक्स में करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया था. दीपा करमाकर तो खैर प्रोफेशनल जिमनास्ट हैं. उनके खेल के पीछे तो सही मार्गदर्शन सालों की मेहनत है. लेकिन इस बच्ची के इस शानदार मूव को देखकर अगर एक प्रोफेशनल खिलाड़ी की याद आए तो समझ लीजिए कि ये प्रदर्शन कितना शानदार होगा.
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो पर नजर पड़ी Nadia Comaneci की. नादिया दुनिया की सबसे प्रसिद्ध जिमनास्ट में से एक हैं जिन्हें इस खेल को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है. इस वीडियो को देखकर वो भी इसे शेयर करने से खुद को रोक नहीं सकीं.
नादिया कोमनेसी रोमानियन जिमनास्ट हैं और पांच बार की ओलंपिक गोल्ड विजेता रह चुकी हैं. नादिया वो पहली जिम्नास्ट हैं जिन्हें ओलंपिक खेलों में 10.0 के एक परफेक्ट स्कोर से सम्मानित किया गया था. फिर उन्हीं खेलों में उन्होंने 6 और परफेक्ट 10 के साथ तीन गोल्ड मेडल जीते. 1980 के समर ओलंपिक में नादिया ने दो और परफेक्ट 10 के साथ दो गोल्ड जीते थे. अपने पूरे करियर में नादिया ने 9 ओलंपिक पदक और चार World Artistic Gymnastics Championship medals जीते.
दुनिया की ये महान जिमनास्ट अगर भारत के दो बच्चों का वीडियो शेयर करे, तो ये न सिर्फ भारत के लिए सम्मान की बात है बल्कि उन दोनों बच्चों के लिए भी खुशी की बात है कि उनके हुनर को एक ऐसी शख्स से प्रशंसा मिल रही है जो उस हुनर की सबसे शानदार खिलाड़ी रह चुकी है.
अब सवाल ये था कि आखिर ये बच्चे हैं कहां के. हर कोई चाहता था कि इन बच्चों के हुनर का भी सम्मान हो. ये बच्चे अगर इतनी छोटी उम्र में इतना शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं तो फिर इन्हें इसी दिशा में पर्याप्त निर्देशन और कोचिंग दी जाए जिससे वो अपने हुनर को और निखार सकें. सोशल मीडिया पर किसी ने बताया कि ये बच्चे नागालैंड के किसी स्कूल के हैं. लेकिन कोई पुख्ता जानकारी अभी तक नहीं मिली है जिससे इन बच्चों को ढूंढ़ा जा सके.
नादिया के वीडियो शेयर करने के बाद खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी. उनहोंने कहा कि - 'मुझे खुशी है कि नादिया ने इसे ट्वीट किया! 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में परफेक्ट 10 पाने वाली ये पहली जिमनास्ट हैं. और फिर 6 और परफेक्ट 10 के लिए उन्होंने 3 गोल्ड मेडल और मिले. मैंने इन बच्चों से मिलवाने के लिए कहा है.'
इसे कहते हैं सोशल मीडिया की ताकत. रानू मंडल की तरह इन बच्चों का भविष्य भी संवारने के लिए खेल मंत्री खुद बाहें फैला रहे हैं. अब सिर्फ इन बच्चों का पता लगाना ही बाकी है. हालांकि किरेन रिजीजू के ट्वीट के बाद ये काम भी मुश्किल नहीं रह जाएगा. वैसे भी हुनर को कौन रोक पाया है. उम्मीद है इन बच्चों को भी इनकी मंजिल जरूर मिलेगी और भारत को दो नन्हे जिमनास्ट.
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