भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा था कि 'कर्म करो और फल की इच्छा मत करो.' वैसे तो, ये बात द्वापरयुग में महाभारत के युद्ध में अर्जुन की आंखों पर पड़ी धर्म-अधर्म की पट्टी को हटाने के लिए कही गई थी. लेकिन, इसकी प्रासंगिकता आज के जमाने में यानी कलियुग में भी बरकरार है. और, भगवान श्रीकृष्ण ने ये कहा था, तो इस बात की संभावना भी बढ़ जाती है कि उन्होंने गीता में ये श्लोक निश्चित तौर पर कलियुग के नौकरीपेशा यानी सैलरी क्लास वाले लोगों के लिए ही कहा होगा. क्योंकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2022 को पेश करते हुए रिकॉर्डतोड़ जीएसटी कलेक्शन के लिए जिस तरह से मिडिल क्लास और सैलरी क्लास के लोगों को बड़ा सा धन्यवाद यानी थैंक यू देकर आगे बढ़ गईं. इसने साबित कर दिया कि हर साल बजट के आने पर टीवी और मोबाइल की स्क्रीन पर 'उम्मीद' की टकटकी लगाने वालों को केंद्र सरकार की ओर से 'अ बिग थैंक यू' ही दिया गया है.
न तो इनकम टैक्स की स्लैब में कोई बदलाव हुआ और न ही 80सी के अंतर्गत आने वाले टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ा. आसान शब्दों में कहा जाए, तो मिडिल और सैलरी क्लास वाली जनता को एक बड़े से थैक यू के सहारे फिर से 'ठग' लिया गया है. वैसे, भले ही निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की स्लैब में किसी तरह के बदलाव का ऐलान नहीं किया है. लेकिन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स फाइल करने वाले मिडिल क्लास और सैलरी क्लास के लोगों की उम्मीदों को थोड़ा सा बिजी रखने के लिए एक फैसला और किया है. वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि अगर टैक्स फाइलिंग में कोई गलती होती है, तो उसे सुधारने के लिए दो साल तक का मौका मिलेगा. आसान...
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा था कि 'कर्म करो और फल की इच्छा मत करो.' वैसे तो, ये बात द्वापरयुग में महाभारत के युद्ध में अर्जुन की आंखों पर पड़ी धर्म-अधर्म की पट्टी को हटाने के लिए कही गई थी. लेकिन, इसकी प्रासंगिकता आज के जमाने में यानी कलियुग में भी बरकरार है. और, भगवान श्रीकृष्ण ने ये कहा था, तो इस बात की संभावना भी बढ़ जाती है कि उन्होंने गीता में ये श्लोक निश्चित तौर पर कलियुग के नौकरीपेशा यानी सैलरी क्लास वाले लोगों के लिए ही कहा होगा. क्योंकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2022 को पेश करते हुए रिकॉर्डतोड़ जीएसटी कलेक्शन के लिए जिस तरह से मिडिल क्लास और सैलरी क्लास के लोगों को बड़ा सा धन्यवाद यानी थैंक यू देकर आगे बढ़ गईं. इसने साबित कर दिया कि हर साल बजट के आने पर टीवी और मोबाइल की स्क्रीन पर 'उम्मीद' की टकटकी लगाने वालों को केंद्र सरकार की ओर से 'अ बिग थैंक यू' ही दिया गया है.
न तो इनकम टैक्स की स्लैब में कोई बदलाव हुआ और न ही 80सी के अंतर्गत आने वाले टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ा. आसान शब्दों में कहा जाए, तो मिडिल और सैलरी क्लास वाली जनता को एक बड़े से थैक यू के सहारे फिर से 'ठग' लिया गया है. वैसे, भले ही निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की स्लैब में किसी तरह के बदलाव का ऐलान नहीं किया है. लेकिन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स फाइल करने वाले मिडिल क्लास और सैलरी क्लास के लोगों की उम्मीदों को थोड़ा सा बिजी रखने के लिए एक फैसला और किया है. वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि अगर टैक्स फाइलिंग में कोई गलती होती है, तो उसे सुधारने के लिए दो साल तक का मौका मिलेगा. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अब कोई भी नौकरीपेशा आदमी अपने टाइट शेड्यूल से आसानी से खाली समय निकाल कर अपने दो साल पुराने इनवेस्टमेंट के पेपर्स चेक करेगा. ताकि, वह अपने पिछली बार फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न से कुछ पैसे बचा सके.
वैसे, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब अपने अब तक के सबसे छोटे बजट भाषण में मिडिल क्लास और सैलरी क्लास वालों को धन्यवाद से निपटा दिया. तो, सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खूब गुस्सा निकाला. वैसे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बजट 2022 को 'जीरो सम बजट' करार देते हुए कहा कि इसमें सैलरी क्लास, मिडिल क्लास, किसानों, गरीबों, युवाओं और एमएसएमई के कुछ भी नही है. सोशल मीडिया पर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव न होने के बाद मीम्स की बाढ़ आ गई. लोगों ने अलग-अलग तरीकों से सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाया.
एक यूजर ने ट्विटर पर 'थ्री ईडियट्स' फिल्म का रिजल्ट चेक करने वाला मीम शेयर किया है. जिसमें मिडिल क्लास और सैलरी क्लास को बजट 2022 में अपने फायदे की चीजें ढ़ूंढते देखा जा सकता है.
एक यूजर ने मिडिल क्लास का दर्द बयान करते हुए लिखा है कि मिडिल क्लास भारत का सबसे शोषित और शक्तिहीन वर्ग है. सरकार ने इसकी चुप्पी को वोट पाने की कमजोरी समझा है. यह वर्ग सरकार से कुछ भी नहीं मांग सकता है. टैक्सपेयर्स का पैसा उन लोगों पर खर्च किया जाता है, जो 12 महीने के लिए हाईवे रोक देते हैं.
एक यूजर ने बाहुबली फिल्म के सीन का एक मीम शेयर किया है, जिसमें लोग उम्मीदों को आंखों में भरे टकटकी लगाए ऐलान करने वाले की ओर देख रहे हैं.
एक यूजर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओलंपिक के दौरान भारतीय महिला हॉकी टीम से बातचीत की एक छोटी सी वीडियो क्लिप शेयर की है. जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी कहते नजर आ रहे हैं कि आप लोग रोना बंद कीजिए...आपकी आवाज मुझ तक आ रही है.
वहीं, एक यूजर ने मिडिल क्लास और सैलरी क्लास वाले लोगों को भारतीय अर्थव्यवस्था का श्रवण कुमार बताने वाला मीम शेयर किया है. इस यूजर ने लिखा है कि हताश सैलरी क्लास मध्यम वर्ग के लिए बस एक और निराशाजनक बजट, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तंभ हैं. इसका मकसद लगता है- अगर कम टैक्स देना है, तो कम कमाओ.
एक यूजर ने बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा के एक रिएक्शन का जीआईएफ मीम शेयर किया है. और, इसे बजट 2022 के लिए सैलरी क्लास और मिडिल क्लास का रिएक्शन बताया है.
एक यूजर ने निर्मला सीतारमण और मिडिल क्लास के शख्स का कार्टून शेयर कर फिर से ठगे जाने को साबित करने की कोशिश की है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.