सोनाली बेंद्रे के कैंसर की खबर जब से फैली है तब से ही उनके फैन्स आहत हैं. जैसा की हर उस एक्टर के साथ होता है जो अस्पताल में एडमिट होता है सोनाली बेंद्रे के साथ भी हुआ और उनकी मौत की खबर भी इंटरनेट पर फैल गई.
फेक न्यूज का बाजार इन दिनों वैसे ही गर्म है, लोग इंटरनेट पर पढ़ी जाने वाली हर चीज़ को सच मान लेते हैं, ऐसे में अगर किसी अधिकारी या नेता या फिर एक्टर ने कोई फेक न्यूज शेयर की हो तो उसपर यकीन मानने वाले बहुत हो जाते हैं. सोनाली बेंद्रे की मौत की खबर शेयर करने वाले भी और कोई नहीं बल्कि एमएलए राम कदम हैं. इस भाजपा एमएलए के बारे में अगर आपको याद न हो तो बता दूं कि ये वही एमएलए है जिसने लड़कियों को शादी के लिए उठवाने की बात की थी और ये भी कहा था कि अगर लड़कों के घर वाले न मानें तो भी वो राम कदम के पास आएं वो आशिक लड़कों की मदद जरूर करेंगे.
इस भाजपा एमएलए ने मराठी में ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी कि सोनाली बेंद्रे की कैंसर से मौत हो गई है.
सोनाली बेंद्रे की मौत की झूठी खबर देने के कुछ समय बाद राम कदम ने अपने ट्विटर चैनल पर अंग्रेजी में ट्वीट कर कहा कि, 'सोनाली बेंद्रे जी के बारे में पहले जो कहा था वो एक अफवाह थी. मैं भगवान से उनकी अच्छी सेहत और जल्दी अच्छे होने की प्रार्थना करता हूं.'
इसी के साथ, वॉट्सएप पर भी सोनाली बेंद्रे की मृत्यु की खबरें फैलने लगीं.
असल में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. सोनाली बेंद्रे कैंसर का इलाज न्यूयॉर्क में करवा रही हैं और दो दिन से जहां उनकी मौत की खबर फैल रही है वहीं दो दिन पहले सोनाली बेंद्रे ने इंस्टाग्राम में अपने नए लुक का वीडियो पोस्ट किया...
सोनाली बेंद्रे के कैंसर की खबर जब से फैली है तब से ही उनके फैन्स आहत हैं. जैसा की हर उस एक्टर के साथ होता है जो अस्पताल में एडमिट होता है सोनाली बेंद्रे के साथ भी हुआ और उनकी मौत की खबर भी इंटरनेट पर फैल गई.
फेक न्यूज का बाजार इन दिनों वैसे ही गर्म है, लोग इंटरनेट पर पढ़ी जाने वाली हर चीज़ को सच मान लेते हैं, ऐसे में अगर किसी अधिकारी या नेता या फिर एक्टर ने कोई फेक न्यूज शेयर की हो तो उसपर यकीन मानने वाले बहुत हो जाते हैं. सोनाली बेंद्रे की मौत की खबर शेयर करने वाले भी और कोई नहीं बल्कि एमएलए राम कदम हैं. इस भाजपा एमएलए के बारे में अगर आपको याद न हो तो बता दूं कि ये वही एमएलए है जिसने लड़कियों को शादी के लिए उठवाने की बात की थी और ये भी कहा था कि अगर लड़कों के घर वाले न मानें तो भी वो राम कदम के पास आएं वो आशिक लड़कों की मदद जरूर करेंगे.
इस भाजपा एमएलए ने मराठी में ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी कि सोनाली बेंद्रे की कैंसर से मौत हो गई है.
सोनाली बेंद्रे की मौत की झूठी खबर देने के कुछ समय बाद राम कदम ने अपने ट्विटर चैनल पर अंग्रेजी में ट्वीट कर कहा कि, 'सोनाली बेंद्रे जी के बारे में पहले जो कहा था वो एक अफवाह थी. मैं भगवान से उनकी अच्छी सेहत और जल्दी अच्छे होने की प्रार्थना करता हूं.'
इसी के साथ, वॉट्सएप पर भी सोनाली बेंद्रे की मृत्यु की खबरें फैलने लगीं.
असल में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. सोनाली बेंद्रे कैंसर का इलाज न्यूयॉर्क में करवा रही हैं और दो दिन से जहां उनकी मौत की खबर फैल रही है वहीं दो दिन पहले सोनाली बेंद्रे ने इंस्टाग्राम में अपने नए लुक का वीडियो पोस्ट किया है.
सोनाली बेंद्रे का वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें
किसी भी एक्टर की मौत की खबर फैलाने वाले इंटरनेट पर इस तरह के मैसेज वायरल करने लगते हैं. पर यकीन मानिए अगर ऐसी कोई भी खबर आएगी तो उसकी पुष्टी भी होगी. ऐसे इंटरनेट पर आने वाले किसी भी मैसेज का यकीन अगर आप कर लेंगे तो ये सही नहीं होगा.
फेक न्यूज के इस जंजाल में कादर खान, फरीदा जलाल, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन आदि बहुत से सितारों के मरने की खबर आ चुकी है, लेकिन सभी जिंदा हैं. जहां तक सोनाली बेंद्रे का सवाल है तो वो लगातार इंस्टाग्राम पर एक्टिव हैं और उनकी जानकारी उनका कोई भी फैन इंस्टाग्राम से ले सकता है.
फेक न्यूज चाहें जैसी भी हो उसपर यकीन करना बहुत आसान है, लेकिन उतना ही आसान उसकी पड़ताल करना भी है. अगर ऐसी किसी भी खबर के बारे में पता करना है तो सबसे पहले गूगल कर लें. गूगल पर अगर कई वेबसाइट्स पर एक जैसी खबर मिले तो उसपर यकीन करना थोड़ा आसान होगा, अगर कोई वीडियो वायरल हो रहा है तो उसपर भी यकीन करने से पहले जांच लें.
यूट्यूब पर भी वायरल हैं सोनाली बेंद्रे की मौत वाले वीडियो -
ऐसे किसी भी वीडियो की तारीख हाल ही की नहीं होगी. जैसे सोनाली बेंद्रे वाले केस में ये वीडियो 1 महीने पुराने हैं. जैसे वॉट्सएप पर अक्सर बच्चा चोरी वाले वीडियो वायरल होते रहते हैं जो सच नहीं होते.
सिर्फ किसी सोशल मीडिया हैंडल पर पढ़ी गई खबर सही हो ये जरूरी नहीं है. अधिकतर लिंचिंग भारत में इसी वजह से हो रही हैं. उम्मीद है कि लोगों को ये समझ आएगा कि क्या फेक है और क्या नहीं.
ये भी पढ़ें-
क्या JN वाला नजीब ही ISIS में भर्ती हुआ है
मसला 'फेक न्यूज़' का कम और 'फेक नैरेटिव' का ज़्यादा है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.