कोरोना काल में किसी मसीहा की तरह सामने आए सोनू सूद भले ही बहुत बड़े दिल के मालिक हों. लेकिन दौर जब सोशल मीडिया का हो, इंसान चाहता यही है कि वो ज्यादा दिखे, ज्यादा बिके. कुछ लोग काम के जरिये ये पॉपुलैरिटी हासिल करते हैं. तो कुछ ऊट पटांग तरीकों से. बतौर एक्टर सोनू ने दूसरी श्रेणी के लोगों से प्रेरणा ली लेकिन खेल हो गया. सोचा उन्होंने तारीफ का था. मगर आलोचना हुई और घनघोर हुई. बाद में सोनू ने भले ही माफ़ी मांगी हो मगर माफ़ी में भी जैसा उनका लहजा था, वो माफ़ी कम व्यवस्था पर तंज ज्यादा लगा.
हुआ कुछ यूं था कि एक्टर सोनू सूद ने 13 दिसंबर को अपने सोशल मीडियाअकाउंट से ट्रेन यात्रा का एक वीडियो शेयर किया था. वीडियो में सोनू सूद तेज रफ्तार चलती हुई ट्रेन के गेट पर बैठकर यात्रा करते दिखे थे. जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है. गेट का हैंडल पकड़ कर यात्रा करने वाले सोनू इस मूमेंट को एन्जॉय कर रहे हैं. वीडियो देखें और जैसा ट्रीटमेंट सोनू ने उसे दिया साफ़ था कि उन्होंने ये वीडियो इंस्टाग्राम रील्स के लिए बनाया था.
चूंकि सोनू कोई छोटी मोटी हस्ती न होकर सेलिब्रिटी हैं. सोशल मीडिया से लेकर रियल लाइफ तक देश के लाखों लोग उन्हें फॉलो करते हैं. जाहिर है कि उनका ये अंदाज निंदनीय था. सोनू द्वारा वीडियो पोस्ट करने के तीन हफ़्तों बाद रेलवे ने घटना का संज्ञान लिया और सोनू को नसीहत की. सोनू के इस वीडियो पर रिप्लाई देते हुए उत्तर रेलवे ने सोनू सूद को टैग करते हुए ट्वीट किया कि प्रिय, @SonuSood देश और दुनिया के लाखों लोगों के लिए आप एक आदर्श हैं. ट्रेन के पायदान...
कोरोना काल में किसी मसीहा की तरह सामने आए सोनू सूद भले ही बहुत बड़े दिल के मालिक हों. लेकिन दौर जब सोशल मीडिया का हो, इंसान चाहता यही है कि वो ज्यादा दिखे, ज्यादा बिके. कुछ लोग काम के जरिये ये पॉपुलैरिटी हासिल करते हैं. तो कुछ ऊट पटांग तरीकों से. बतौर एक्टर सोनू ने दूसरी श्रेणी के लोगों से प्रेरणा ली लेकिन खेल हो गया. सोचा उन्होंने तारीफ का था. मगर आलोचना हुई और घनघोर हुई. बाद में सोनू ने भले ही माफ़ी मांगी हो मगर माफ़ी में भी जैसा उनका लहजा था, वो माफ़ी कम व्यवस्था पर तंज ज्यादा लगा.
हुआ कुछ यूं था कि एक्टर सोनू सूद ने 13 दिसंबर को अपने सोशल मीडियाअकाउंट से ट्रेन यात्रा का एक वीडियो शेयर किया था. वीडियो में सोनू सूद तेज रफ्तार चलती हुई ट्रेन के गेट पर बैठकर यात्रा करते दिखे थे. जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है. गेट का हैंडल पकड़ कर यात्रा करने वाले सोनू इस मूमेंट को एन्जॉय कर रहे हैं. वीडियो देखें और जैसा ट्रीटमेंट सोनू ने उसे दिया साफ़ था कि उन्होंने ये वीडियो इंस्टाग्राम रील्स के लिए बनाया था.
चूंकि सोनू कोई छोटी मोटी हस्ती न होकर सेलिब्रिटी हैं. सोशल मीडिया से लेकर रियल लाइफ तक देश के लाखों लोग उन्हें फॉलो करते हैं. जाहिर है कि उनका ये अंदाज निंदनीय था. सोनू द्वारा वीडियो पोस्ट करने के तीन हफ़्तों बाद रेलवे ने घटना का संज्ञान लिया और सोनू को नसीहत की. सोनू के इस वीडियो पर रिप्लाई देते हुए उत्तर रेलवे ने सोनू सूद को टैग करते हुए ट्वीट किया कि प्रिय, @SonuSood देश और दुनिया के लाखों लोगों के लिए आप एक आदर्श हैं. ट्रेन के पायदान पर बैठकर यात्रा करना खतरनाक है, इस प्रकार की वीडियो से आपके प्रशंसकों को गलत संदेश जा सकता है. कृपया ऐसा न करें! सुगम एवं सुरक्षित यात्रा का आनंद उठाएं.
रेलवे की फटकार देखकर एक बार यही लगेगा कि शायद सोनू सूद को सबक मिल गया मगर ऐसा नहीं है. सोनू ने रेलवे के इस ट्वीट का फ़ौरन ही रिप्लाई किया और लिखा कि क्षमा प्रार्थी बस यूँ ही बैठ गया था देखने, कैसा महसूस करते होंगे वो लाखों ग़रीब जिनकी ज़िंदगी अभी भी ट्रेन के दरवाज़ों पे गुज़रती है. धन्यवाद इस संदेश के लिए और देश की रेल व्यवस्था बेहतर करने के लिए.
अब अगर सोनू के इस रिप्लाई को देखें और उसका अवलोकन करें तो माफ़ी तक तो ठीक है लेकिन जो बात उन्होंने गरीबों के लिए लिखी है साफ़ है कि वो रेलवे पर तंज कर रहे. हम ये आरोप सोनू पर यूं ही नहीं लगा रहे. जिस अंदाज में, जिस स्टाइल में, जिन कपड़ों में सोनू ने वीडियो बनाया है साफ़ है कि वो कहीं से भी किसी गरीब की गरीबी को प्रदर्शित नहीं करता. सच यही है कि सोनू एन्जॉय कर रहे हैं तो रील्स के जरिये लोकप्रिय होने के उद्देश्य से उन्होंने वीडियो बनाया.
भले ही रेलवे ने एक साधारण रिप्लाई से मामला रफा दफा कर दिया हो. लेकिन जैसा सोनू का कद है उनपर जुर्माना होना चाहिए था. हो सकता है ये बात सोनू समर्थकों को आहत कर दे. तो हम बस यही कहेंगे कि जैसी लाइफ सोनू की है तमाम लोग उनसे प्रेरणा लेते हैं. अब खुद सोचिये यदि इस घटना से कोई प्रेरित हो गया तो क्या होगा? अगर उसे कुछ हो जाता है तो क्या उसकी जिम्मेदारी बतौर नागरिक सोनू सूद लेंगे?
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