सोशल मीडिया पर एक तस्वीर धड़ल्ले से शेयर हो रही है. तस्वीर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्यमंत्री से उम्र में कहीं बड़ी भारती गांधी हैं जो उनके पैर छू कर आशीर्वाद प्राप्त कर रही हैं. योगी आदित्यनाथ को सब जानते हैं. भारती गांधी, कई बार अलग - अलग वजहों से गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले, लखनऊ स्थित सीएमएस स्कूल की सह संस्थापिका हैं.
बात आगे बढ़ाने से पहले आपको हम सीएमएस स्कूल के विषय में कुछ बताना चाहेंगे. जगदीश गांधी और उनकी पत्नी भारती गांधी द्वारा स्थापित सीएमएस का शुमार राजधानी लखनऊ के सबसे एलीट और महंगे स्कूलों में है जिसने शैक्षणिक वर्ष 2010-2011 में अपने यहां 39,437 विद्यार्थियों का रिकॉर्ड नामांकन कर गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था.
2002 में स्कूल यूनेस्को की तरफ से पीस एजुकेशन में भी पुरस्कार प्राप्त कर चुका है. आज सीएमएस विश्व का एकमात्र ऐसा स्कूल है जिसमें करीब 52,000 छात्र-छात्राएं और 1,050 कक्षाएं हैं. इसके अलावा भी सीएमएस के नाम तमाम तरह के रिकॉर्ड दर्ज हैं और विद्यालय से सम्बंधित ख़बरों से पूरा इंटरनेट पटा पड़ा है. एक पाठक के तौर पर आप जब चाहें तब उसे देख सकते हैं और स्कूल तथा जगदीश गांधी और भारती गांधी के सम्बन्ध में जानकारी जुटा सकते हैं.
बहरहाल एक बार फिर से स्कूल चर्चा में आ गया है. स्कूल का चर्चा में आने का कारण बस इतना है कि सूबे के मुख्यमंत्री को देखकर न सिर्फ पूरा स्कूल भगवा रंग में डूब गया बल्कि खुद स्कूल की सह संस्थापिका और उम्र में उनसे दोगुनी भारती गांधी उनके पैर छूते नजर आईं. मुख्यमंत्री की इस हरकत से न सिर्फ उनके आलोचक बल्कि आम लोग भी काफी नाराज हैं और उनका मानना है कि सत्ता के नशे में...
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर धड़ल्ले से शेयर हो रही है. तस्वीर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्यमंत्री से उम्र में कहीं बड़ी भारती गांधी हैं जो उनके पैर छू कर आशीर्वाद प्राप्त कर रही हैं. योगी आदित्यनाथ को सब जानते हैं. भारती गांधी, कई बार अलग - अलग वजहों से गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने वाले, लखनऊ स्थित सीएमएस स्कूल की सह संस्थापिका हैं.
बात आगे बढ़ाने से पहले आपको हम सीएमएस स्कूल के विषय में कुछ बताना चाहेंगे. जगदीश गांधी और उनकी पत्नी भारती गांधी द्वारा स्थापित सीएमएस का शुमार राजधानी लखनऊ के सबसे एलीट और महंगे स्कूलों में है जिसने शैक्षणिक वर्ष 2010-2011 में अपने यहां 39,437 विद्यार्थियों का रिकॉर्ड नामांकन कर गिनीज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था.
2002 में स्कूल यूनेस्को की तरफ से पीस एजुकेशन में भी पुरस्कार प्राप्त कर चुका है. आज सीएमएस विश्व का एकमात्र ऐसा स्कूल है जिसमें करीब 52,000 छात्र-छात्राएं और 1,050 कक्षाएं हैं. इसके अलावा भी सीएमएस के नाम तमाम तरह के रिकॉर्ड दर्ज हैं और विद्यालय से सम्बंधित ख़बरों से पूरा इंटरनेट पटा पड़ा है. एक पाठक के तौर पर आप जब चाहें तब उसे देख सकते हैं और स्कूल तथा जगदीश गांधी और भारती गांधी के सम्बन्ध में जानकारी जुटा सकते हैं.
बहरहाल एक बार फिर से स्कूल चर्चा में आ गया है. स्कूल का चर्चा में आने का कारण बस इतना है कि सूबे के मुख्यमंत्री को देखकर न सिर्फ पूरा स्कूल भगवा रंग में डूब गया बल्कि खुद स्कूल की सह संस्थापिका और उम्र में उनसे दोगुनी भारती गांधी उनके पैर छूते नजर आईं. मुख्यमंत्री की इस हरकत से न सिर्फ उनके आलोचक बल्कि आम लोग भी काफी नाराज हैं और उनका मानना है कि सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री को अपने से दोगुनी उम्र की महिला को ऐसा करने से रोकना था. जबकि वो मुस्कुराते हुए उनके इस कृत्य को देख रहे थे.
बताया जा रहा है कि सीएम खुश हों, इसके लिए उनके बैठने के लिए रखे गए सोफे को जहां भगवा तौलिये से सजाया गया वहीं स्कूल प्रशासन द्वारा सभी शिक्षिकाओं को ये सख्ती से निर्देशित किया गया था कि वो प्रोग्राम में अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज कराएं और भगवा साड़ी पहनकर ही प्रोग्राम में आएं. बताया ये भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्कूल पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रहें इसलिए उनके स्वागत में विशेष गीत' योगी तुमने कर दिखलाया भी बच्चों द्वारा गाया गया.
सीएम के आलोचकों का मानना है कि ये सिर्फ इसलिए किया गया ताकि स्कूल मुख्यमंत्री की 'गुड बुक्स' में आ जाए और उसकी अनियमितताओं पर मुख्यमंत्री अपना रुख नर्म रखें. गौरतलब है कि समय समय पर सीएमएस पर कई गंभीर आरोप लगते आए हैं और यदि ये सही साबित हुए तो यकीनन स्कूल बड़ी मुसीबत में आ सकता है. सोशल मीडिया पर लोगों का तर्क है कि जिस तरह स्कूल ने मुख्यमंत्री के लिए आव-भगत की है वो ये साफ बताने के लिए काफी है कि यहां दाल में काला नहीं बल्कि पूरी की पूरी दाल ही काली है.
ज्ञात हो कि सीएमएस वो स्कूल है जो आरटीई यानी शिक्षा के अधिकार के तहत अपने यहां गरीब बच्चों को प्रवेश नहीं देता और जब कोई व्यक्ति इस कानून की दुहाई देकर उनके दर पर जाता है तो उसे स्कूल प्रशासन द्वारा बेइज्जत करते हुए खाली हाथ लौटा दिया जाता है. अंत में इतना ही कि एक मुख्यमंत्री के लिए किसी प्रोग्राम में शिरकत कोई बुरी बात नहीं है. मगर योगी आदित्यनाथ जैसे जिम्मेदार व्यक्ति को अपने से दोगुनी उम्र की महिला को अपने पैर छूने से रोकना था. योगी मुख्यमंत्री और एक नेता बाद में हैं. पहले वो एक इंसान हैं और एक बुजुर्ग महिला के सम्मान के लिए वो इतना तो कर ही सकते थे.
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