अगर आप एक महिला हैं तो ये आपके साथ जरूर हुआ होगा. ट्रेन या बस में कोई आपसे सटकर निकला होगा. भीड़-भाड़ का फायदा उठाकर कोई आपके निजी अंगों पर हाथ फिरा गया होगा, और आप समझ भी नहीं पाई होंगी कि ये हरकत कौन कर गया. समझा भी होगा तो कुछ कर नहीं पाई होंगी. अगले कुछ पल आप बहुत असहज भी हुई होंगी, गुस्से और घिन एकसाथ दिमाग पर हावी हो गए होंगे. ये कोई अजीब बात नहीं हैं, बल्कि महिलाओं के साथ ये इतना होता है कि ये असामान्य सी हरकत अब सामान्य सी लगती है.
अक्सर महिलाओं के साथ ये हरकत होती है
पर जानते हैं, इसे सामान्य बनाने में हम महिलाओं का ही हाथ है. सुनकर अजीब लगेगा, लेकिन सच असल में यही है. एक सिरफिरा तो सड़क पर यही करेगा. वो हर हरकरत करेगा जिससे उसकी कुंठा शांत हो सके. लेकिन उसकी हर हरकत को बढ़ावा कौन देता है? 'हम'. खुद पर हो रही ज्यादतियों के खिलाफ आवाज उठाना तो हमने सीखी ही नहीं. सड़क पर महिलाओं के साथ जो कुछ भी होता है, उसके लिए कौन महिला कितना विरोध करती है. कुछ उदाहरण को छोड़ दें, तो महिलाएं ऐसे लोगों और ऐसी हरकतों को इग्नोर करने में ही भलाई समझती हैं. जिसका नतीजा ये होता है कि महिला के साथ ये होता ही रहता है.
बहुतों के लिए साख है ये वायरल वीडियो
इंटरनेट पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देखकर मुझे यही ख्याल आया कि काश हमारे देश की महिलाएं भी इतनी ही ज्यादा एक्टिव होतीं. खुद पर हुई किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देतीं. हालांकि ऐसा कहकर मैं उन लड़कियों और महिलाओं को दरकिनार नहीं कर सकती जो अपने खिलाफ होने वाली हर ज्यादती के लिए आवाज उठाने का माद्दा रखती हैं. पर ये वीडियो हम सभी के लिए हैं.
रेस्त्रां में एक वेट्रेस के साथ हुई छेड़ाछाड़ का जवाब बहुत महंगा पड़ा
ये एक रेस्त्रां का वीडियो है जहां एक वेट्रेस खड़ी कुछ काम कर रही है और उसके बराबर से गुजरता एक व्यक्ति उसके हिप्स पर हाथ फिराता हुआ निकल गया. लेकिन तारीफ वाली बात ये रही कि महिला तुरंत हरकत में आई और जिस तरह उसने उस व्यक्ति को पटककर बातें सुनाईं और लोगों को पुलिस बुलाने के लिए कहा, उसके लिए ताली बजाने का मन किया.
ये एमीलिया है जो 21 साल की कॉलेज स्टूडेंट है. उससे जब पूछा गया कि आदमी को इस तरह पटकने की क्या उन्होंने कोई ट्रेनिंग ली है, तो उसका कहना था कि 'उसे अहसास ही नहीं था कि वो इस तरह से उस आदमी को गिरा देगी, जब तक उसने वो वीडियो नहीं देखा था.' उसने ये भी कहा कि 'मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हो कहां से हो, मुझे बेइज्जत करने का आपको कोई अधिकार नहीं है.'
ऐसा नहीं कि एमीलिया ने कोई बहुत बड़ा काम किया. अगर आपके साथ कुछ गलत होता है तो उसके लिए आवाज उठाना तो अपका अधिकार है. एमीलिया ने भी वही किया. लेकिन ये खास इसलिए है क्योंकि आम तौर पर होने वाली इस हरकत का जवाब महिलाएं देती ही नहीं. लेकिन ऐसा करके इस लड़की ने खुद को औरों से अलग बना लिया. आप खुद से सवाल कीजिए और बताइए कि आपने कितनी बार पलटकर अपने साथ होने वाली हरकत का विरोध किया है.
ये कोई बताने वाली बात नहीं कि अगर महिलाएं विरोध करना सीख लेंगी, तो उनके साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाएं भी कम हो जाएंगी. क्योंकि छेड़छाड़ करने वालों के दिल में भी इस बात का डर कहीं न कहीं बैठ जाएगा कि कहीं अगला नंबर मेरा तो नहीं (पिटने का).
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