भारत में जब हर आम-ओ-खास का सबसे पसंदीदा शगल 'मुफ्त की सलाह' बांटना हो, तो 'रायचंदों और रायबहादुरों' की कुल संख्या को समझना थोड़ा मुश्किल होता है. दरअसल, सोशल मीडिया के इस दौर में हर शख्स के पास सलाहों का इतना भंडार है कि किसी बड़ी बीमारी के घरेलू नुस्खे से होने वाले इलाज से लेकर विदेश नीति के जटिल सियासी समीकरणों तक के विषयों पर वह ज्ञान-गंगा बहा सकता है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो देश का हर आदमी 'जैक ऑफ ऑल ट्रेड्स' हो चुका है. विशेषज्ञों की जो कमी भारत में लंबे समय से थी, वो सोशल मीडिया के आने के बाद से अब पूरी हो चुकी है. वहीं, ज्ञान या सलाह देने का ये शौक भारत में हिंदू समाज (Hindu) के त्योहारों पर लोगों में बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. मतलब अगले महीने होने वाले दिवाली यानी दीपावली (Diwali) के त्योहार पर पटाखे फोड़ने को लेकर हाल के दिनों में जितना ज्ञान हमारे देश में बांटा जाएगा, शायद ही दुनिया में कहीं और दिया जाता होगा. खैर, बात ये है कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) भी इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं. विराट कोहली ने भी लोगों को 'सार्थक दिवाली' मनाने के लिए सलाह देने की ठान ली है. जिसके चलते ट्विटर पर अब #SunoKohli ट्रेंड कर रहा है.
दरअसल, विराट कोहली ने ट्वीट करते हुए कहा कि परिवार और दोस्तों के साथ एक सार्थक दिवाली (Diwali 2021) कैसे मनाई जाए, आने वाले हफ्तों में मैं इसे लेकर अपनी पर्सनल टिप्स (Personal Tips) शेयर करूंगा. अब यहां शायद ये बताने की जरूरत नहीं ही पड़ेगी कि सार्थक दिवाली की बात कर विराट कोहली खुद ही मुसीबत मोल ली है. वैसे, इस बात में दो राय नही है कि विराट कोहली ने सार्थक दिवाली की बात कहकर खुद ही 'आ बैल मुझे मार' वाली कहावत को चरितार्थ किया है. लोग पहले से ही फुंके बैठे हैं, उस पर उन्हें ज्ञान यानी टिप्स देना उन्हें भड़काने जैसा ही है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो दिवाली को लेकर केवल टिप्स देने की बात कहकर ही विराट कोहली पिछले साल की ही तरह फिर से लोगों के निशाने पर आ गए हैं. पटाखे फोड़ने को लेकर...
भारत में जब हर आम-ओ-खास का सबसे पसंदीदा शगल 'मुफ्त की सलाह' बांटना हो, तो 'रायचंदों और रायबहादुरों' की कुल संख्या को समझना थोड़ा मुश्किल होता है. दरअसल, सोशल मीडिया के इस दौर में हर शख्स के पास सलाहों का इतना भंडार है कि किसी बड़ी बीमारी के घरेलू नुस्खे से होने वाले इलाज से लेकर विदेश नीति के जटिल सियासी समीकरणों तक के विषयों पर वह ज्ञान-गंगा बहा सकता है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो देश का हर आदमी 'जैक ऑफ ऑल ट्रेड्स' हो चुका है. विशेषज्ञों की जो कमी भारत में लंबे समय से थी, वो सोशल मीडिया के आने के बाद से अब पूरी हो चुकी है. वहीं, ज्ञान या सलाह देने का ये शौक भारत में हिंदू समाज (Hindu) के त्योहारों पर लोगों में बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. मतलब अगले महीने होने वाले दिवाली यानी दीपावली (Diwali) के त्योहार पर पटाखे फोड़ने को लेकर हाल के दिनों में जितना ज्ञान हमारे देश में बांटा जाएगा, शायद ही दुनिया में कहीं और दिया जाता होगा. खैर, बात ये है कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) भी इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं. विराट कोहली ने भी लोगों को 'सार्थक दिवाली' मनाने के लिए सलाह देने की ठान ली है. जिसके चलते ट्विटर पर अब #SunoKohli ट्रेंड कर रहा है.
दरअसल, विराट कोहली ने ट्वीट करते हुए कहा कि परिवार और दोस्तों के साथ एक सार्थक दिवाली (Diwali 2021) कैसे मनाई जाए, आने वाले हफ्तों में मैं इसे लेकर अपनी पर्सनल टिप्स (Personal Tips) शेयर करूंगा. अब यहां शायद ये बताने की जरूरत नहीं ही पड़ेगी कि सार्थक दिवाली की बात कर विराट कोहली खुद ही मुसीबत मोल ली है. वैसे, इस बात में दो राय नही है कि विराट कोहली ने सार्थक दिवाली की बात कहकर खुद ही 'आ बैल मुझे मार' वाली कहावत को चरितार्थ किया है. लोग पहले से ही फुंके बैठे हैं, उस पर उन्हें ज्ञान यानी टिप्स देना उन्हें भड़काने जैसा ही है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो दिवाली को लेकर केवल टिप्स देने की बात कहकर ही विराट कोहली पिछले साल की ही तरह फिर से लोगों के निशाने पर आ गए हैं. पटाखे फोड़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद लोगों का गुस्सा होना स्वाभाविक है. ऐसे समय में जब कोई दिवाली पर ज्ञान देने की बात करेगा, तो उनका भड़कना तय है.
खैर, लोगों ने वही किया, जिसकी उनसे उम्मीद थी. सोशल मीडिया पर विराट कोहली की लंका लगानी शुरू कर दी गई है. इस दौरान बीते साल पटाखों को लेकर दी गई उनकी सलाह का वीडियो भी फिर से वायरल हो रहा है. बहुत सीधी सी बात है कि जब पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण स्तर अभी से बढ़ने लगा हो. इतना ही नहीं, वायु प्रदूषण को लेकर ये संभावना जताई जा रही हैं कि अगले हफ्ते दिल्ली की हवा और ज्यादा 'जहरीली' हो सकती है. और, ये सब तब होने वाला है, जब दिवाली आने में अभी भी 15 दिन का समय बाकी है. तो, लोगों का विराट कोहली पर भड़कने गलत नजर नहीं आता है.
यहां बताना जरूरी है कि कानपुर आईआईटी की एक स्टडी के अनुसार, पटाखे फोड़ना वायु प्रदूषण को बढ़ाने वाले कारणों में से टॉप 15 में नही है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस स्टडी को मानने से इनकार कर दिया था. इस स्टडी में कहा गया था कि दिवाली पर पटाखे फोड़ना केवल एक दिन की बात होती है, जबकि वायु प्रदूषण होने की वजह और भी कई हैं. आसान शब्दों में कहें, तो वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार अन्य तमाम चीजों पर ध्यान देने के बजाय सरकारों से लेकर तमाम संस्थाओं को दिवाली जैसे त्योहारों की ही याद आती है. खैर, आइए एक नजर सोशल मीडिया पर देख लेते हैं कि विराट कोहली को लोगों ने किस तरह से निशाना बनाया है.
एक यूजर ने विराट कोहली को वायु प्रदूषण पर टिप्स देते हुए उनसे प्राइवेट जेट से होने वाले कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन की रिपोर्ट दे दी. बताया गया कि भारत में हर साल प्रति व्यक्ति 1.8 टन कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन होता है. वहीं, विराट कोहली का प्राइवेट जेट केवल तीन घंटे की ट्रिप में ही 6 टन कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन करता है.
ट्विटर पर एक यूजर टीम इंडिया के कप्तान को आईपीएल में इस्तेमाल होने वाले पटाखों के लिए सलाह देते नजर आए.
एक यूजर ने विराट कोहली की तुलना पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से कर दी.
एक यूजर ने पेड़ों को कटने से बचाने के लिए विराट कोहली को बैट की जगह बैडमिंटन से क्रिकेट खेलने की सलाह दे डाली.
पटाखे से दूर हुए लोगों के गुस्से का सामना टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को करना ही होगा. क्योंकि, ये किसी से नहीं छिपा है कि वो इस तरह की चीजों के लिए कंपनियों से अपनी ब्रांड वैल्यू के हिसाब से मोटी रकम वसूलते हैं. तो, विराट-अनुष्का की दिवाली शानदार हो, इसी कामना के साथ इस मामले को यहीं खत्म करते हैं. हालांकि, विराट कोहली की पहली पर्सनल टिप सामने आते ही, सोशल मीडिया पर वो फिर से लपेटे में ले लिए जाएंगे. क्योंकि, ना सलाह देने से विराट कोहली रुकेंगे और न ही उनकी इस सलाह को ज्ञान साबित करने वालों की भारत में कोई कमी है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.