जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही आम लोगों के लिए कोई जश्न का शुरू हो जाता है. ये जिंदगी का अहम हिस्सा होता है और हर कस्बे, जिले, शहर, देश और द्वीप में इसके लिए लोगों का नजरिया भी अलग होता है. दुनिया के कुछ इलाकों में जवानी की दहलीज में कदम रखने के बाद लड़के या लड़की के साथ रिवाजों के नाम पर टॉर्चर किया जाता है. कुछ रिवाज तो ऐसे हैं कि सोचकर ही डर लग जाए. आज ऐसे ही कुछ रिवाजों की बात कर रहे हैं जिन्हें पूरा करने में कुछ लोगों की मौत भी हो जाती है.
1. जवान होने पर पहनाए जाते हैं चींटियों से भरे दस्ताने...
ये रिवाज है ब्राजील के कबीलाई इलाकों का. अमेजन के जंगलों में कुथ आदिवासी रहते हैं जो बाहरी दुनिया से थोड़ा कम नाता रखते हैं. इनके रहने के तरीके भी पुराने हैं. इन्हें Sateré-Mawé कहा जाता है. ये आदिवासी अपने क्रूर रिवाज के लिए जाने जाते हैं. यहां पर लड़कों को हमेशा योद्धा बनने के लिए तैयार किया जाता है. अपने जवान लड़कों की क्षमता परखने के लिए ये आदिवासी फायर या बुलेट आंट (एक तरह की खतरनाक चींटी जो दर्दनाक दंश देती है) से बने दस्ताने पहनाते हैं. ये चींटियां पहले किसी तरह की दवाई से बेहोश की जाती हैं और जब इन्हें होश आता है तो ये सबसे भयानक दंश होता है.
ये चींटियां टॉक्सिक दंश मारती हैं जिससे भयानक दर्द होता है और एक चींटी के काटने का दर्द कई दिन तक रह सकता है ऐसे में कई दिनों तक रहने वाले दर्द और जहरीले असर के बारे में सोचा जा सकता है.
2. मगरमच्छ की तरह शरीर में निशान बनाना...
पॉपुआ न्यू गिनी के आदिवासी एक ऐसा रिवाज अपनाते हैं जिसमें मगरमच्छ की तरह जवान लड़कों के शरीर पर निशान बनाए जाते हैं. इसके लिए शरीर पर धारदार चीज से खरोचा जाता है जब तक अच्छे से निशान न बन जाए. इसमें कितना दर्द होता...
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही आम लोगों के लिए कोई जश्न का शुरू हो जाता है. ये जिंदगी का अहम हिस्सा होता है और हर कस्बे, जिले, शहर, देश और द्वीप में इसके लिए लोगों का नजरिया भी अलग होता है. दुनिया के कुछ इलाकों में जवानी की दहलीज में कदम रखने के बाद लड़के या लड़की के साथ रिवाजों के नाम पर टॉर्चर किया जाता है. कुछ रिवाज तो ऐसे हैं कि सोचकर ही डर लग जाए. आज ऐसे ही कुछ रिवाजों की बात कर रहे हैं जिन्हें पूरा करने में कुछ लोगों की मौत भी हो जाती है.
1. जवान होने पर पहनाए जाते हैं चींटियों से भरे दस्ताने...
ये रिवाज है ब्राजील के कबीलाई इलाकों का. अमेजन के जंगलों में कुथ आदिवासी रहते हैं जो बाहरी दुनिया से थोड़ा कम नाता रखते हैं. इनके रहने के तरीके भी पुराने हैं. इन्हें Sateré-Mawé कहा जाता है. ये आदिवासी अपने क्रूर रिवाज के लिए जाने जाते हैं. यहां पर लड़कों को हमेशा योद्धा बनने के लिए तैयार किया जाता है. अपने जवान लड़कों की क्षमता परखने के लिए ये आदिवासी फायर या बुलेट आंट (एक तरह की खतरनाक चींटी जो दर्दनाक दंश देती है) से बने दस्ताने पहनाते हैं. ये चींटियां पहले किसी तरह की दवाई से बेहोश की जाती हैं और जब इन्हें होश आता है तो ये सबसे भयानक दंश होता है.
ये चींटियां टॉक्सिक दंश मारती हैं जिससे भयानक दर्द होता है और एक चींटी के काटने का दर्द कई दिन तक रह सकता है ऐसे में कई दिनों तक रहने वाले दर्द और जहरीले असर के बारे में सोचा जा सकता है.
2. मगरमच्छ की तरह शरीर में निशान बनाना...
पॉपुआ न्यू गिनी के आदिवासी एक ऐसा रिवाज अपनाते हैं जिसमें मगरमच्छ की तरह जवान लड़कों के शरीर पर निशान बनाए जाते हैं. इसके लिए शरीर पर धारदार चीज से खरोचा जाता है जब तक अच्छे से निशान न बन जाए. इसमें कितना दर्द होता है ये सोचा भी नहीं जा सकता.
3. बड़ों का वीर्य पीना...
पॉपुआ न्यू गिनी की ही टोरो (Etoro) ट्राइब में होमोसेक्शुअल चीजों के लिए स्थान है और जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही लोगों के साथ कुछ ऐसा ही होता है. ताकत और हिम्मत पाने के लिए यहां के आदिवासी बुजुर्गों का वीर्य पीते हैं.
4. दातों को शेप देना...
सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ये सही है. इंडोनेशिया में ऐसी ही प्रथा है जिसको मेपेंडिस (Mepandes) कहा जाता है. इसमें कैनाइन दातों को घिसकर उनका कोना हटा दिया जाता है और सामने के 6 दातों को घिसा जाता है. ये सिर्फ लड़कियों के लिए है और इसका अहम कारण है कि लड़कियों का गुस्सा, लालच, वासना और जलन खत्म हो सके.
5. लड़कियों के लिए खतरनाक बॉडी टैटू...
पैराग्वे और ब्राजील के कुछ इलाकों में टैटू बनवाना सेक्शुअल आकर्षन का केंद्र माने जाते हैं और लड़कियां जब जवान होती हैं तो बिना किसी कारण ही उनके पूरे शरीर में टैटू गोदे जाते हैं.
6. ब्रेस्ट को दबाना...
ये एक बहुत दर्दनाक रिवाज है. कुछ अफ्रीकी इलाकों में लड़कियों के ब्रेस्ट गर्म पत्थर या हथौड़े जैसी किसी चीज से दबाए जाते हैं जिससे उनका विकास न हो और वो दिखे नहीं. इससे ब्रेस्ट टिशू खराब हो जाता है. ये बहुत ही प्राइवेट होता है और सिर्फ मां और बेटी के बीच ही पूरा हो जाता है.
7. पानी के साथ संबंध...
नाइजीरिया के ओरिका आदिवासी ऐसा मानते हैं कि लड़कियों के पानी की आत्माओं के साथ कोई संबंध होते हैं और इसलिए जब वो जवान होती हैं तो इरिया रस्म होती है जिसमें उन्हें नदी के पास जाकर नाच - गाकर पूजा करनी पड़ती है. इससे पानी के साथ उनका रिश्ता टूट जाता है.
8. पहले पीरियड पर खास रिवाज...
दक्षिण डकोटा के यांक्टन सिऑक्स आदिवासी लोगों का अपना अलग रिवाज है. जब लड़की को पहला पीरियड होता है तो 4 दिन तक वो खुद से खा पी नहीं सकती है. उन्हें मां खाना पानी देती हैं और उस समय लड़कियों को सेक्स के बारे में सारी जानकारी दी जाती है.
9. सूर्योदय रस्म...
अपाचे लड़कियां कुछ अलग ही प्रथा का पालन करती हैं. उनके पहले पीरियड पर उन्हें किसी अन्य बर्तन से पीने की आज्ञा नहीं होती है और अपने खास पीने के ट्यूब से ही कुछ भी पीने की इजाजत होती है. साथ ही वो अपने शरीर को छू नहीं सकते. शरीर पर सफेद रंग पोत दिया जाता है. उनका सारा काम कोई और औरत करती है.
10. बर्फ में शिकार...
उत्तर बैफिन द्वीप में जब लड़के जवानी की दहलीज पर कदम रखते हैं यानि 11-12 साल की उम्र में उन्हें जंगली माहौल में भेजा जाता है अपने पिता के साथ. यहां बर्फीले आर्कटिक माहौल में उन्हें शिकार करना होता है. इस रिवाज का नाम शामन है.
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