पिछले साल सीरिया के रक्का शहर में ISIS ने 13 किशोरों की हत्या कर दी थी. उन किशोरों का कसूर बस इतना था कि वे तब एशिया कप (फुटबॉल) में इराक और जॉर्डन के बीच मैच को टीवी पर देख रहे थे. ISIS के लिए फुटबॉल देखना धार्मिक गुनाह के जैसा है. अभी कुछ दिनों पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया जब इन आतंकियों ने सीरिया के रक्का शहर में चार फुटबॉल खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार दिया.
अब ISIS की एक और कारस्तानी को देखिए. कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर घूम रही हैं. ये ISIS के कब्जे वाले इराकी शहर तल अफर की हैं जहां इस आतंकी संगठन ने शहर के लोगों के लिए खेलों का आयोजन किया. इसमें छोट-छोटे बच्चों से लेकर युवा रस्साकशी, और सबसे बड़ी बात म्यूजिकल चेयर जैसे खेल खेलते नजर आ रहे हैं.
ISIS का जेहाद ओलंपिक |
मीडिया रिपोर्ट्स में इसे 'जेहाद ओलंपिक' का नाम दिया गया है. गौरतलब है कि इन तस्वीरों को सबसे पहले ट्विटर पर 'टेरोमोनिटर' नाम के एक ग्रुप की ओर से डाला गया जो पूरी दुनिया में हो रही आतंकी गतिविधियों पर नजर रखता है.
यह भी पढ़ें- गला रेंतने वाला वीडियो बनाने के दौरान ये भी होता है
इस्लाम में... पिछले साल सीरिया के रक्का शहर में ISIS ने 13 किशोरों की हत्या कर दी थी. उन किशोरों का कसूर बस इतना था कि वे तब एशिया कप (फुटबॉल) में इराक और जॉर्डन के बीच मैच को टीवी पर देख रहे थे. ISIS के लिए फुटबॉल देखना धार्मिक गुनाह के जैसा है. अभी कुछ दिनों पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया जब इन आतंकियों ने सीरिया के रक्का शहर में चार फुटबॉल खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार दिया. अब ISIS की एक और कारस्तानी को देखिए. कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर घूम रही हैं. ये ISIS के कब्जे वाले इराकी शहर तल अफर की हैं जहां इस आतंकी संगठन ने शहर के लोगों के लिए खेलों का आयोजन किया. इसमें छोट-छोटे बच्चों से लेकर युवा रस्साकशी, और सबसे बड़ी बात म्यूजिकल चेयर जैसे खेल खेलते नजर आ रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स में इसे 'जेहाद ओलंपिक' का नाम दिया गया है. गौरतलब है कि इन तस्वीरों को सबसे पहले ट्विटर पर 'टेरोमोनिटर' नाम के एक ग्रुप की ओर से डाला गया जो पूरी दुनिया में हो रही आतंकी गतिविधियों पर नजर रखता है. यह भी पढ़ें- गला रेंतने वाला वीडियो बनाने के दौरान ये भी होता है
मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक ISIS के लड़ाकों ने शहर के सभी लोगों को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया. वैसे, ISIS के फरमान से इंकार भी कौन करेगा. लोग जमा हुए. बच्चों ने हिस्सा लिया और जो जीते उन्हें ईनाम के तौर पर मिठाईयां दी गई. इन तस्वीरों की खास बात ये भी है कि हिस्सा लेने वाले बच्चे इस्लामी लिबास में नहीं हैं. एक लड़के ने तो मैनचेस्टर युनाइटेड की जर्सी पहन रखी है.
बताया जा रहा है कि ये कार्यक्रम इन आतंकियों की छवि का एक दूसरा पक्ष दिखाने की कोशिश है. और दुनिया के सामने ये जताने की भी कि ISIS के कब्जे वाले इलाकों में सबकुछ ठीकठाक है. लेकिन सवाल है कि ISIS को ऐसा करने की आखिर जरूरत ही क्यों पड़ी. उसे दुनिया की फिक्र क्यों होने लगी? वैसे ये भी सच है कि ISIS को इस बात का अहसास होने लगा है कि उसकी स्थिति सीरिया और इराक में लगातार कमजोर हो रही है. यह भी पढ़ें- ISIS से ज्यादा बड़ा शैतान है एक संगठन, लेकिन...
ये भी अजीब इत्तेफाक है. इसी साल अगस्त में दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में ओलंपिक खेल आयोजित होने हैं. खेलों में ISIS के आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए तमाम अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसिया चौकस हैं. जबकि ये आतंकवादी अपनी एक अलग ही डफली बजा रहे हैं. वैसे सवाल अब भी वही है- खेलों को गैर धार्मिक बताने वाला और फुटबॉल देखते बच्चों तक की निर्ममता से हत्या कर चुके ISIS को अब खेलों की जरूरत क्यों पड़ने लगी.. यह भी पढ़ें- 90 मिनट में एक मुस्लिम देश बन गया ISIS के लिए खतरा इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |