सुबह बीजेपी से खफा उदित राज शाम तक यूं ही दोबारा 'चौकीदार' नहीं बने
उदित राज के लिए भले ही दलित नेता बनना आसान होगा, लेकिन भाजपा का साथ तो तभी पा सकेंगे जब काम करेंगे. उदित राज की टिकट काटकर भाजपा ने कम से कम लोगों एक संदेश दिया है.
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बीजेपी में अब सब चौकीदार हैं और चुनाव परिणाम आने तक सब नाम के आगे लगे चौकीदार को हटाएंगे भी नहीं. ऐसे में चुनीवों के बीच ही अगर कोई सांसद अपने नाम से चौकीदार शब्द हटा ले तो हैरानी तो होगी ही. उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से सांसद उदित राज ने अपना टिकट कट जाने का कयास लगाते हुए ट्विटर पर दुखड़ा रोना शुरू किया. वे खुद को छला हुआ बता रहे थे. दिनभर चली गहमा-गहमी के बीच उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से 'चौकीदार' हटा भी दिया. लेकिन शाम होते-होते पर्दे के पीछे कुछ ऐसे समीकरण बने कि दलित राज ट्विटर पर फिर से 'चौकीदार' बन गए.
2014 से पहले उदित राज की अपनी पार्टी थी इंडियन जस्टिस पार्टी. जिसका फरवरी 2014 में भाजपा में विलय कर दिया गया था. दलित बुद्धिजीवी वर्ग में उदित राज का काफी सम्मान है. ऐसे में बीजेपी ने अपना दलित चेहरा बनाकर उन्हें टिकट दिया था. लेकिन उदित राज ने बीजेपी में रहते हुए कोई बहुत उल्लेखनीय काम नहीं किया. खासतौर पर मोदी सरकार के खिलाफ हुए दलित आंदोलन के दौरान.
वजह जो भी हो, दलित राज का टिकट काटकर सिंगर हंसराज हंस को दे दिया गया. इस फैसले के खिलाफ उदित राज खुद को दलित-दलित कहकर भाजपा को इमोशनल करते रहे. लेकिन सच तो ये है कि टिकट काम से मिलती है सिर्फ दलित दलित जपने से नहीं. भाजपा से जब दलित नाराज थे तो भाजपा ने उम्मीद की थी कि दलित नेता होने के नाते उदित राज दलितों को मनाते दिखेंगे लेकिन तब उदित राज ने भाजपा की कोई खास मदद नहीं की थी.
उदित राज का टिकट कटकर सिंगर हंसराज हंस को मिला
हालांकि इस मामले में उदित राज की स्थिति बताना भी जरूरी है जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं.
सोमवार तक बीजेपी ने दिल्ली की सात में से छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया था. उत्तर-पश्चिम सीट को लेकर संशय बरकरार था. इसलिए सांसद उदित राज का कहना था कि पार्टी इस संशय को दूर करे. सोमवार को सुबह से उदित राज सोशल मीडिया पर एक्टिव दिखाई दिए. और उनके ये ट्वीट्स खूब वायरल हुए-
इसके बाद भी जब उन्हें जवाब नहीं मिला तो उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. और भाजपा से लेकर पूरी दुनिया को ये बताने की कोशिश भी की कि वो सबसे बेहतर एमपी क्यों हैं. #ISupportUditRaj #DrUditRaj #uditrajbestmp #WhyShouldDrUditRaj जैसे हैशटैग के जरिए उनके सपोर्टर ट्विटर पर एक्टिव दिखे.
जब सवाल ये उठा कि उन्होंने काम नहीं किया होगा इसलिए टिकट नहीं मिल रही तो. वीडियो के जरिए उनके सपोर्टर उनके गुण गान करने लग गए. लेकिन हैरानी वाली बात है कि BJP North West Delhi के ट्विटर हैंडल से उदित राज के समर्थन वाले वीडियो पोस्ट किए गए और इस वीडियो में सांसद साहब के गुणगान करती महिला ने भाजपा पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए. 'बीजेपी की नहीं चलेगी...नहीं चलेगी' के नारे तक लगा डाले.
हर महिला की है यही गुहारउदित राज हर बार।।#WhySupportDrUditRaj #DrUditRaj #ISupportUditRaj #uditrajbestmp @BJP4India @AmitShah @narendramodi @nitin_gadkari @rajnathsingh @Ramlal @ShyamSJaju@BJP4Delhi @AmitShahOffice pic.twitter.com/1wWrbKhriA
— BJP North West Delhi (@BJP4DelhiNW) April 22, 2019
बीजेपी के हैंडल से बीजेपी के ही खिलाफ नारे पहली बार सुनाई दिए. कुल मिलाकर उदित राज ने कोई कसर नहीं छोड़ी भाजपा के ये बताने की कि वही सबसे best हैं.
युवाओं की पहली पसंद श्री @Dr_Uditraj जी।#WhyShouldDrUditRaj #ISupportUditRaj .@BJP4India .@AmitShah .@narendramodi .@Ramlal .@nitin_gadkari .@rajnathsingh .@ShyamSJaju #uditrajbestmp pic.twitter.com/70o1g4dhpT
— BJP North West Delhi (@BJP4DelhiNW) April 22, 2019
लेकिन रात तक सबके लगने ही लगा था कि उदित राज को टिकट नहीं मिल रही. पार्टी कार्यालय में जब इस सीट के संभावित कैंडिडेट हंस राज हंस जब पहुंचे तब उदित राज के सपोर्टर्स ने काफी हंगामा किया उनका रास्ता रोका जमीन पर लेट तक गए जिससे वो ऑफिस में कदम न रख सकें.
शुरू हो गया हंगामा। @BJP4Delhi के पंत मार्ग स्थित कार्यालय में सोमवार देर रात पहुंचे नॉर्थ वेस्ट दिल्ली सीट के संभावित उम्मीदवार हंस राज हंस का विरोध करते सांसद @Dr_Uditraj के समर्थक। @BJP4India @NBTDilli pic.twitter.com/R2lmG8nzOp
— prashant soni (@PrashantSoniNBT) April 22, 2019
रात जैसे तैसे कटी, सुबह तक उदित राज को पता चल चुका था कि भाजपा में उनका कोई भविष्य नहीं है. सुबह धमकी भी दे डाली कि टिकट नहीं दी तो पार्टी छोड़ देंगे. नाम के आगे से चौकीदार शब्द भी हटा लिया गया.
चेहरे की मायूसी बता रही है कि उदित राज के दिल पर क्या बीती है. मन बना रहे हैं कि वो अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे.
Thinking of filing my nomination as an Independent candidate. Have called people of my constituency at 10 am. Party to chhorna hi hai: Udit Raj. pic.twitter.com/Vg0XMfUsQV
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) April 23, 2019
और फिर उदित राज का यू-टर्न
सोमवार शाम से दुखी चल रहे उदित राज के बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि बीच चुनाव में वे बीजेपी को छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. और हो सकता है कि वे देश में दलित वोटरों से बीजेपी के खिलाफ वोट करने की अपील भी करें. राजनीति तो ये भी कहती है कि बीजेपी से नाराज दलित नेता उदित राज को कांग्रेस का दामन थाम लेना चाहिए था. लेकिन इनमें से कुछ भी नहीं हुआ. हुआ ये कि बीजेपी से नाराज उदित राज ने शाम तक अपने आगे फिर से 'चौकीदार' लगा लिया. दिलचस्प ये है कि उन्हें जब बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है, तो बदले में ऐसा क्या दिया है, जिसकी वजह से बीजेपी का दामन छोड़ने को तैयार नहीं हुए हैं.
किसी और ने हटाया था 'चौकीदार'
उदित राज से पूछा गया कि ऐसा क्या हुआ था कि उन्होंने सुबह तो ट्विटर पर अपने नाम के आगे से 'चौकीदार' शब्द हटा दिया था, और फिर शाम को वापस लगा लिया. तो उदित राज ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि वो शायद किसी और ने हटा दिया था. सोशल मीडिया पर उनके इस बयान का भी खूब मजाक उड़ाया गया. कहा गया कि ऐसा कैसा चौकीदार जो अपने नाम की ही रक्षा न कर पा रहा हो.
क्यों कटा उदित राज का टिकट, और बदले में क्या मिला
बीजेपी का आंतरिक सर्वे कह रहा था कि उदित राज के लिए अपनी सीट बचा पाना मुश्किल था. उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में उदित राज के कामकाज को लेकर काफी असंतोष था. बीजेपी ने उन्हें शुरुआत में सीधे-सीधे संकेत नहीं दिए थे, लेकिन जब पंजाबी सिंगर और दलितों में काफी लोकप्रिय गायक हंस राज हंस को टिकट मिलने की खबरें चलीं तो उदित राज का पारा चढ़ने लगा. बीजेपी नेतृत्व के लिए बीच चुनाव में एक दलित नेता के पार्टी छोड़ने की मुश्किल आन खड़ी थी. पार्टी ने तुरंत एक्शन में आते हुए उनसे संपर्क साधा. उन्हें भरोसे में लेकर बताया गया कि वे चुनाव नहीं जीत पाएंगे. बीजेपी से जुुड़े सूत्रों का कहना है कि उदित राज को पार्टी अपने साथ रखना चाहती है, ऐसे में उन्हें यह भी भरोसा दिया गया है कि दिल्ली से उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है. इस आश्वासन के बाद उदित राज का गुस्सा जाता रहा. हो सकता है कि आने वाले समय में वे हंस राज हंस का चुनाव प्रचार करते हुए भी दिखाई दें.
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