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Updated: 17 जुलाई, 2018 09:28 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ी रहने वाली भाजपा के लिए यूपी पुलिस से जुड़ी एक खबर मुसीबत बनकर आई है. मामला जुड़ा योगी सरकार में मौजूद अधिकारियों से. एक सरकारी मोबाइल नंबर से ऐसा चैट वायरल हो रहा है जो अगर सच निकला तो न सिर्फ योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी, बल्कि भ्रष्टाचार खत्म करने की मोदी सरकार की अब तक की सारी कोशिशों पर पानी फिर जाएगा. इस चैट में यूपी पुलिस में चल रहे भ्रष्टाचार की बात कही गई है. हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकती है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन इसे साइबर क्राइम से जोड़कर देखा जा रहा है. अगर किसी ने साइबर क्राइम किया है और वो सिर्फ योगी सरकार को परेशान करना चाहता है तब तो राजनीति के लिहाज से ये सब ठीक समझिए, वरना अगर ये सब सच निकला, तो इसे भ्रष्टाचार के एक गंदे खेल का पर्दाफाश माना जाएगा.

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क्या है उस चैट में?

इस चैट में यूपी पुलिस पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है. चैट में बुलंदशहर के डिबाई थाना प्रभारी परशुराम चैट में कह रहे हैं कि उन्हें अपनी पसंद के जिले में पोस्टिंग के लिए एडीजी को 50 हजार देने पड़े. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि बुलंदशहर में पोस्टिंग पाने के लिए एसएसपी के करीबी को भी 3 लाख रुपए देने पड़े. चैट में कहा जा रहा है कि यह योगीराज है, इसमें हर जगह पैसा जाता है.

पढ़िए उस चैट की सारी बातें- 

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सफाई तक देने की आई नौबत

मामला इतनी तेजी से फैल रहा है कि डिबाई थाना प्रभारी परशुराम और मेरठ एडीजी को पत्रकारों को बुलाकर सफाई तक देनी पड़ी. एसएचओ परशुराम ने इसे साइबर क्राइम का मामला कहते हुए जांच की मांग की है, वहीं दूसरी ओर फिलहाल के लिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल, ये चैट परशुराम के सीयूजी नंबर (9454403157) से हुई है, जिसकी वजह से सारा ठीकरा उन्हीं के सिर पर फूट रहा है. पूरा पुलिस महकमा फिलहाल डैमेज कंट्रोल करने में लगा हुआ है.

सबसे बड़ा डर, ये सब सच ना निकले...

यूं तो पुलिस महकमे ने इसे महज साइबर क्राइम का केस कहकर इसकी जांच कराने की बात कही है, लेकिन थाना प्रभारी को सस्पेंड कर देना इस मामले में संदेह पैदा करता है. खैर, जांच के बाद ये तो सामने आ ही जाएगा कि वो चैट किसी ने साइबर क्राइम कर के उनके नंबर को हैक कर के किया है या फिर खुद परशुराम ने योगी सरकार में चल रहे किसी भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है. अभी योगी सरकार को ये चिंता सता रही है कि कहीं उनकी नाक के नीचे ऐसा गंदा खेल चल तो नहीं रहा था. अगर वायरल हुआ ये चैट सच साबित हो गया तो भाजपा के उस दावे पर ही पानी फिर जाएगा, जिसके दाम पर वह सत्ता में आई थी. भाजपा हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने की बात करती है और अगर पुलिस महकमे के अधिकारी ही भ्रष्ट निकले तो भाजपा के लिए इससे शर्म की बात क्या होगी.

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