जाकिर नाइक, मौलाना युनूस जैसों की दिक्कत फुटबॉल-फीफा नहीं, 'कठमुल्लापन' है
पहले जाकिर नाइक अब मिस्र के मौलान युनूस माखियॉन... आखिरकार मुस्लिम कठमुल्लों की तरफ से फीफा वर्ल्ड कप 2022, फुटबॉल और कतर को लेकर वो बयान आ ही गया जिसका इंतजार बीते कई दिनों से हो रहा था.
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क़तर द्वारा साल 2022 के FIFA World Cup को आयोजित करना भर था. गेम कैसा हो रहा है? कौन जीत रहा है? कौन हार रहा है? क्वार्टर फिर सेमी फाइनल में कौन सी टीम पहुंचकर दुनिया के तमाम फुटबॉल फैंस को चकित करेगी ? उसूलन तो बात इनपर होनी चाहिए थी लेकिन क्योंकि ये वर्ल्ड कप विवादों की भेंट चढ़ गया है तमाम उन चीजों पर चर्चा हो रही है जिनका एक खेल के रूप में फुटबॉल से कोई लेना देना नहीं है. चाहे वो वर्ल्ड कप के आगाज से पहले ग्राउंड पर कुरान की आयतों की तिलावत करवाना हो. अपने जहरीले बयानों के लिए मशहूर जाकिर नाइक को बुलाना हो. शराब और वेश्यावृति पर प्रतिबंध लगाना हो. एलजीबीटीक्यू से लेकर स्टेडियम आने वाली लड़कियों और महिलाओं की ड्रेस तक इस बार वर्ल्ड कप में हर चीज बहस की वजह बन एक इस्लामिक मुल्क के रूप में क़तर को सवालों के घेरे में डाल रही है. क्योंकि फुटबॉल की आड़ में अपनी नीतियों के कारण क़तर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहा है सवाल ये है कि क्या बाकी के मिडिल ईस्ट और बाकी के मुस्लिम मुल्कों से क़तर को समर्थन हासिल है? जवाब हमें न में तब मिलता है जब हम मिस्र के एक मौलाना की बातों को सुनते हैं.
फुटबॉल पर अपनी जहर बुजी बातों से मिस्र के मौलाना ने तो हद ही कर दी है
चूंकि इस बार क़तर फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी कर रहा है इसपर मिस्र के मौलाना ने कहा है कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिसके चलते एक अरब मुल्क के रूप में क़तर पर गर्व किया जाए. मौलाना का मानना है कि वो तमाम मुस्लिम युवा जो विश्व कप के नाम पर फुटबॉल देख रहे हैं सिर्फ और सिर्फ अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं. वहीं होस्ट क़तर को लेकर मिस्र के मौलाना ने ये तक कह दिया है कि इससे अच्छा उन्हें अपना पैसा परमाणु बम बनाने में इस्तेमाल करना चाहिए था.
मिस्र के मौलाना की इन जहर बुझी बातों को सुनकर हममें से ज्यादातर लोग इनके बारे में जानना चाहेंगे. ऐसे में मौलाना को लेकर जो जानकारी बाहर आई है उसके अनुसार मौलाना का नाम युनूस माखियॉन है. जो अक्सर ही सोशल मीडिया पर वीडियो डालता है. मौलाना के विषय में ये भी बताया जा रहा है कि पूर्व में भी कई मौके ऐसे आए हैं जब इसने अपनी भड़काऊ बातों से लोगों के बीच दूरियां पैदा की हैं.
मुसलमानों को फुटबॉल वर्ल्ड कप न देखने का फतवा देने वाले मिस्र के मौलाना युनूस माखियॉन का नफरत भरा ताजा वीडियो मेमरी रिपोर्ट्स ने जारी किया है. यदि वीडियो को देखा और उसका अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि मौलाना अरबी में अपना भाषण दे रहा है और वीडियो के नीचे ही उसके सब टाइटल्स चल रहे हैं.
अपने वीडियो में मौलाना माखियॉन इस बात को दोहरा रहा है कि, 'लोग घंटों अपना समय फीफा वर्ल्ड कप के मैच को देखने में बर्बाद करते हैं. ये मुस्लिमों के समय की बर्बादी है. मौलाना का मानना है कि दुनिया के तमाम मुसलमानों के पास फुटबॉल मैच देखने का समय नहीं होना चाहिए.
जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं मौलाना अक्सर ही अपने वीडियो में जहर बुझी बातें करता है, उसने उस प्रथा को अपने इस नए वीडियो में भी दोहराया है. वीडियो में खेल कूद की वकालत करते हुए मौलाना कह रहा है कि हम चाहते हैं कि हर कोई स्पोर्ट्स खेले, ताकि आपका शरीर मजबूत हो और आप दुश्मनों के खिलाफ जिहाद कर सकें.'
Egyptian Islamic Scholar Younes Makhioun: Muslims Who Watch the World Cup Are Wasting Their Time, It Diverts Them from Waging Jihad; Messi Is an Enemy of Islam; Instead of Hosting the World Cup, Qatar Should Have Produced a Nuclear Bomb, Like Iran Has #QatarWorldCup2022 #messi pic.twitter.com/KiNDYLmapX
— MEMRI (@MEMRIReports) November 28, 2022
अपने वीडियो में मौलाना अर्जेंटीना के खिलाड़ी मेसी से नाराज दिख रहा है और उसे इस्लाम का दुश्मन बता रहा है. मौलाना माखियॉन अपने वीडियो में कह रहा है कि 'फुटबॉल खिलाड़ियों को बिलकुल निचले दर्जे का माना जाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि वे काफिर हैं. लेकिन उन्हें किसी सितारे की तरह माना जाता है. ये एक बड़ी समस्या है. कई लोग इन खिलाड़ियों को अपना मानते हैं, जबकि वह इस्लाम के दुश्मन हैं जैसे कि मेसी.
मेसी के अलावा मौलाना ने पुर्तगाल के खिलाड़ी रोनाल्डो को भी घेरे में लिया है. रोनाल्डो का जिक्र करते हुए मौलाना ने कहा है कि वह (रोनाल्डो) अपने बच्चों की मां से शादी करेगा. लेकिन उससे पहले क्या? शादी से पहले उसके बच्चे किसके हैं?'जैसी बातें मौलाना ने फिर एक बार की हैं उनमें उनका कट्टरपंथ साफ़ दिखाई दे रहा है. मौलाना कुछ इस तक खफा हैं कि उन्होंने क़तर तक को नहीं छोड़ा. होस्ट क़तर का जिक्र करते हुए मौलाना ने तर्क दिया है कि,' हमें इस बात का जरा भी गर्व नहीं है कि एक अरब देश फुटबॉल का आयोजन कर रहा है. इसके पीछे अरबों डॉलर खर्च कर रहा है. अगर वह कुछ और करते तो शायद हमें गर्व होता जैसे वह ईरान की तरह परमाणु बम बनाते.'
ऐसा बिलकुल नहीं है कि फुटबॉल, फीफा विश्व कप और फुटबॉल को लेकर सिर्फ मिस्र के इस मौलाना ने ही जहर उगला है. इससे पहले हम जाकिर नाइक को भी इस्लाम की आड़ में अनाप शनाप बकते देख चुके हैं. ध्यान रहे अभी बीते दिनों ही जाकिर नाइक का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने फुटबॉल को हराम बताया था.
Football is ‘haram’(prohibited) in Islam as per Zakir Naik who is invited by Qatar at World Cup pic.twitter.com/ghiuV97oEJ
— bhaavna arora (@BhaavnaArora) November 22, 2022
इस वीडियो को यदि सुनें तो जाकिर नाइक ये कहते हुए पाया जा रहा है कि 'एक पेशे के रूप में फुटबाल हराम है. जाहिर नाइक की बातें किस हद तक दोगली होती हैं इसका अंदाजा हमें इस वीडियो को देखते हुए लग जाता है. जहां एक तरह जाकिर नाइक फुटबॉल को एक खेल के रूप में हराम बता रहा है तो वहीं अगले ही पल वायरल वीडियो में जाकिर नाइक ये कहते हुए भी पाया जा रहा है कि यदि कोई टॉप लेवल पर फुटबॉल खेलता है. यूरो कप, वर्ल्ड कप में फुटबॉल खेलता है तो ये ठीक है.
कट्टरपंथ पर जाकिर नाइक का रवैया इंसानियत का कैसे दुश्मन है? कहना गलत नहीं है कि ये वायरल वीडियो उसकी बानगी भर है.
बहरहाल चाहे वो मिस्र का मौलाना युनूस माखियॉन हो या अपने विवादित बयानों के बाद भारत से भागा जाकिर नाइक. सवाल ये है कि इन कठमुल्लों के विरोध की आवाजें खुद मुसलमानों के बीच से क्यों नहीं आती? ऐसे लोगों पर दुनिया के मुसलमानों की चुप्पी इन लोगों का मौन समर्थन तो नहीं? भारत समेत दुनिया के मुसलमानों को इस बात को समझना होगा कि अगर आज विश्व भर में मुसलमानों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है तो उसकी एकमात्र वजह मौलाना युनूस माखियॉन और जाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथ लोग हैं.
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