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ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
सरिता निर्झरा
@sarita.shukla.37
पियक्क्ड़ों की बस एक पुकार, उन्हें मिले 'शुद्ध' दारू का अधिकार!
पियक्क्ड़ो के अधिकार के लिए आवाज़ उठी है. एक अकेली चीज़ यानी शराब, जो हर धर्म जाति को परे कर ऊंच नीच की दिवार गिराकर देश को एक करने का माद्दा रखती है. उसकी मिलावट पर सख्त से सख्त सजा का एलान होना चाहिए!
इकोनॉमी
| 5-मिनट में पढ़ें
मंजीत ठाकुर
@manjit.thakur
पूर्वोत्तर में पाम ऑएल की पैदावार बढ़ाकर पर्यावरण को खतरे में तो नहीं डाल रही है सरकार?
पाम ऑएल की पैदावार देश में बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार पूर्वोत्तर समेत देश के कई हिस्सों में इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है, पर इसके पर्यावरणीय दुष्प्रभाव काफी गंभीर होंगे.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
यूरिया वाला दूध पीने, इंजेक्शन वाली सब्जी खाने वाले मसाले में 'गधे की लीद' पर क्या बात करें!
यूपी के हाथरस में गधे की लीद वाले मसाले से अचरज तब नहीं होना चाहिए जब हमने दूध, खोए, मिठाई के नाम पर यूरिया से लेकर चूने तक बहुत कुछ खाया हो. बाक़ी विवाद की बड़ी वजह मसाले की फैक्ट्री के मालिक का हिंदू युवा वाहिनी का मेम्बर होना है. आगे जनता समझदार है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
कितने इनोवेटिव हैं हम, फायदे के लिए जहर से भी परहेज नहीं
खाने पीने की चीजों में मिलावट हम जानते ही हैं. फल और सब्जियों को भी जल्दी पकाने के लिए भी कैमिकल का इस्तेमाल होता है, लेकिन मछलियों पर इतने खतरनाक कैमिकल के मिलने से मछली खाने वालों की नींदें उड़ गई हैं.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
योगी जी, सब्जी और दूधवालों को भी एक नजर देख लीजिए...
योगी सरकार ने मीट विक्रेताओं को गाइडलाइन्स तो जारी कर दीं लेकिन इन नियमों ने कई सवाल और खड़े कर दिए हैं. सारे नियम और कायदे केवल मीट विक्रेताओं के लिए ही क्यों होने चाहिए, सब्जी और दूध बेचने वालों के लिए क्यों नहीं?
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
आओ दीपावली पर खाएं मिलावटी मिठाइयां
देश में बेचा जाने वाला 68 प्रतिशत दूध भारत के खाद्य नियामक द्वारा निर्धारित शुद्धता के पैमाने पर खरा नहीं उतरता. यानी देश में दूध से बनी मिठाइयों में जमकर मिलावट हो रही है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
बंद करो देश को दूध के नाम पर जहर पिलाना
चीन में कुछ साल पहले ही दूध में मिलावट करने वालों को मौत की सजा देने की व्यवस्था कर दी गई है. कुछ दोषियों को फांसी पर लटकाया भी गया. उसके बाद सब लाइन पर आ गए. क्या हम कभी इस तरह का कानून बना सकेंगे?
इकोनॉमी
| 2-मिनट में पढ़ें
राहुल मिश्र
@rmisra
मैगी की बदनामी का ये फायदा
मैगी पर लगे आरोपों ने नेस्ले के ब्रांड को भले चोट पहुंचाई, लेकिन इस प्रकरण के बाद से देश में उपभोक्ताओं के बाच जागरुकता बढ़ी है जिसके चलते फूड इंडस्ट्री पर सुरक्षित खाद्य पदार्थ मुहैया कराने का दबाव बढ़ गया है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
न्यूजफ्लिक्स
@newsflickshindi
मैगी से ज़्यादा ज़हर है हमारे खाने में!
मैगी में मिलने वाला MSG ही आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है बल्कि ऐसे कई और ख़तरनाक रसायन हैं जो खुलेआम आपके खाने में मिलाए जा रहे हैं.